रांचीः इस त्यौहार में लोग हर्षोल्लास के साथ अपने घरों से निकलकर असत्य पर सत्य की जीत के लिए जुलूस निकालते हैं, जुलूस में लोग ध्वज लेकर निकलते हैं और भगवान राम को याद करते हुए रांची के विभिन्न मंदिरों में स्थापित करते हैं. चैती दुर्गा के नवरात्रि के आखिरी दिन रामनवमी मनाई जाती है अध्यात्म के अनुसार भगवान राम ने लंका पर इसी दिन विजय प्राप्त की थी और मां दुर्गा की उपासना की थी.
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कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए राजधानी में भी सनातनी समाज के लोग लोग इस बार घरों पर ही भगवान श्री राम और महाबली हनुमान की पूजा अर्चना कर रहे हैं. दैनिक पूजा के बाद राम भक्त अपने घरों पर नए बांस में पूजा के बाद महावीर पताका लगाकर रामनवमी मना रहे हैं. बता दें कि यह पहला मौका है जब राजधानी में महा रामनवमी पर शोभायात्रा नहीं निकाली जाएगी रांची में वर्ष 1932 से रामनवमी पर ऐतिहासिक शोभायात्रा निकाली जाती रही है.