ETV Bharat / state

पद्मश्री डॉ. रामदयाल मुंडा को मंत्री रामेश्वर उरांव ने दी श्रद्धांजलि, कहा- देशभर में लोग गौरव से करते हैं याद

author img

By

Published : Aug 23, 2020, 6:38 PM IST

पद्मश्री डॉ. रामदयाल मुंडा की जयंती पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सह मंत्री रामेश्वर उरांव ने रविवार को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की. वहीं कांग्रेस स्टेट हेड क्वार्टर में सोशल डिस्टेसिंग का पालन करते हुए डॉ. रामदयाल मुंडा के चित्र पर माल्यार्पण कर और दीप प्रज्ज्वलित कर श्रद्धांजलि दी गयी.

राम दयाल मुंडा को कांग्रेस हेड क्वार्टर में दी गई श्रद्धांजलि, RAM DAYAL MUNDA BIRTH ANNIVERSARY IN RANCHI
कांग्रेस हेट क्वार्टर में मौजूद लोग

रांचीः शिक्षाविद, साहित्यकार और कलाकार पद्मश्री डॉ. रामदयाल मुंडा की जयंती पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सह मंत्री रामेश्वर उरांव ने रविवार को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की. इस मौके पर रामेश्वर उरांव ने कहा कि एक साधारण किसान परिवार में जन्मे पद्मश्री डॉ. रामदयाल मुंडा को झारखंड ही नहीं देशभर में लोग गौरव से याद करते हैं.

राम दयाल मुंडा को कांग्रेस हेड क्वार्टर में दी गई श्रद्धांजलि, RAM DAYAL MUNDA BIRTH ANNIVERSARY IN RANCHI
कांग्रेस हेट क्वार्टर में मौजूद लोग

और पढ़ें- बिहार विधानसभा चुनाव पर ईसी की गाइडलाइन, झारखंड की 2 सीटों के लिए उपचुनाव पर चर्चाएं तेज

अंतरराष्ट्रीय मंच तक आवाज उठाई

मंत्री रामेश्वर उरांव ने कहा कि अपनी विद्वता के कारण उनकी पहचान बौद्धिक और सांस्कृतिक जगत में बनी और अदिवासी अधिकारों के लिए वो दिल्ली से लेकर संयुक्त राष्ट्र संघ जैसे अंतरराष्ट्रीय मंच तक आवाज उठाई. साथ ही विभिन्न आदिवासी समुदायों को संगठित किया. रामेश्वर उरांव ने कहा कि डॉ. रामदयाल मुंडा ना सिर्फ एक अंतरराष्ट्रीय स्तर के भाषाविद, समाजशास्त्री और आदिवासी बुद्धिजीवी और साहित्यकार थे, बल्कि वो एक अप्रीतम आदिवासी कलाकार थे. उन्होंने मुंडारी, नागपुरी, पंचपरगनिया, हिंदी और अंग्रेजी में गीत-कविताओं के अलावा गद्य साहित्य की रचना की. उनकी कई रचनाएं काफी लोकप्रिय हुई और झारखंड की आदिवासी लोकनृत्य ‘पाइका नाच’ को वैश्विक पहचान दिलायी. उन्होंने अपने पूरे जीवनकाल में दलित, आदिवासी और दबे-कुचले समाज के स्वाभिमान और विश्व आदिवासी दिवस मनाने की परंपरा शुरू करने में अहम योगदान दिया.

वहीं कांग्रेस स्टेट हेड क्वार्टर में सोशल डिस्टेसिंग का पालन करते हुए डॉ. रामदयाल मुंडा के चित्र पर माल्यार्पण कर और दीप प्रज्ज्वलित कर श्रद्धांजलि दी गयी और जयंती पर उन्हें याद किया गया.

रांचीः शिक्षाविद, साहित्यकार और कलाकार पद्मश्री डॉ. रामदयाल मुंडा की जयंती पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सह मंत्री रामेश्वर उरांव ने रविवार को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की. इस मौके पर रामेश्वर उरांव ने कहा कि एक साधारण किसान परिवार में जन्मे पद्मश्री डॉ. रामदयाल मुंडा को झारखंड ही नहीं देशभर में लोग गौरव से याद करते हैं.

राम दयाल मुंडा को कांग्रेस हेड क्वार्टर में दी गई श्रद्धांजलि, RAM DAYAL MUNDA BIRTH ANNIVERSARY IN RANCHI
कांग्रेस हेट क्वार्टर में मौजूद लोग

और पढ़ें- बिहार विधानसभा चुनाव पर ईसी की गाइडलाइन, झारखंड की 2 सीटों के लिए उपचुनाव पर चर्चाएं तेज

अंतरराष्ट्रीय मंच तक आवाज उठाई

मंत्री रामेश्वर उरांव ने कहा कि अपनी विद्वता के कारण उनकी पहचान बौद्धिक और सांस्कृतिक जगत में बनी और अदिवासी अधिकारों के लिए वो दिल्ली से लेकर संयुक्त राष्ट्र संघ जैसे अंतरराष्ट्रीय मंच तक आवाज उठाई. साथ ही विभिन्न आदिवासी समुदायों को संगठित किया. रामेश्वर उरांव ने कहा कि डॉ. रामदयाल मुंडा ना सिर्फ एक अंतरराष्ट्रीय स्तर के भाषाविद, समाजशास्त्री और आदिवासी बुद्धिजीवी और साहित्यकार थे, बल्कि वो एक अप्रीतम आदिवासी कलाकार थे. उन्होंने मुंडारी, नागपुरी, पंचपरगनिया, हिंदी और अंग्रेजी में गीत-कविताओं के अलावा गद्य साहित्य की रचना की. उनकी कई रचनाएं काफी लोकप्रिय हुई और झारखंड की आदिवासी लोकनृत्य ‘पाइका नाच’ को वैश्विक पहचान दिलायी. उन्होंने अपने पूरे जीवनकाल में दलित, आदिवासी और दबे-कुचले समाज के स्वाभिमान और विश्व आदिवासी दिवस मनाने की परंपरा शुरू करने में अहम योगदान दिया.

वहीं कांग्रेस स्टेट हेड क्वार्टर में सोशल डिस्टेसिंग का पालन करते हुए डॉ. रामदयाल मुंडा के चित्र पर माल्यार्पण कर और दीप प्रज्ज्वलित कर श्रद्धांजलि दी गयी और जयंती पर उन्हें याद किया गया.

For All Latest Updates

TAGGED:

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.