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जेल में भी गूंज रही छठी मइया के गीत, छह महिलाओं समेत सात कैदी कर रहे उपासना

लोक आस्था का महापर्व छठ की शुरुआत नहाय खाएं के साथ हो चुकी है. रांची के तालाब छठ के लिए तैयार हैं. रांची के जेल में भी कई कैदी छठ पर्व कर रहे हैं और छठी मइया के गीत जेल में भी गूंज रहे हैं (Chhath Puja in Birsa Munda Jai). बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में छह महिलाओं समेत सात कैदी सूर्य उपासना कर रहे हैं.

Prisoners performing Chhath Puja in Birsa Munda Jail
Prisoners performing Chhath Puja in Birsa Munda Jail
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Published : Oct 28, 2022, 12:18 PM IST

रांची: लोक आस्था और सूर्य उपासना के महापर्व छठ पर छठी मइया के गीत रांची जेल में भी गूंज रही है (Chhath Puja in Birsa Munda Jai). रांची के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा समेत राज्य की विभिन्न जेलों में बंद कैदी भी सूर्योपासना के व्रत को श्रद्धापूर्वक कर रहे हैं. रांची जेल में बंद छह महिलाएं और एक पुरुष कैदी छठ की उपासना कर रहे हैं. इसके लिए जेल प्रशासन की ओर से भी खासतौर पर तैयारी की गई है. जेलर मो. नसीम ने बताया की छह महिला कैदी छठ की उपासना कर रही हैं, जबकि एक पुरुष कैदी भी छठ पूजा में लगा है.

ये भी पढ़ें: रांची का बड़ा तालाब में छठ के लिए पूरी तरह तैयार, जानिए यहां कैसी होंगे सुविधाएं


जेल कैंपस में तालाब की सफाई: बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा के जेलर मो. नसीम के मुताबिक, इन छठव्रती कैदियों के लिए सारी व्यवस्थाएं जेल प्रशासन ने की है. जेल प्रशासन ने जेल के भीतर स्थित तालाब को साफ करवाया है. यहां श्रद्धालु भगवान भास्कर को अ‌र्ध्य अर्पित करेंगे. जेलर ने कहा कि छठ कर रहे कैदियों को प्रसाद, सूप, टोकरी के साथ नए कपड़े भी मुहैया कराए गए हैं, साथ ही बंदियों के बीच पूजन सामग्री भी बांटी गई है. उन्होंने बताया कि भले ही व्रत कुछ बंदी ही कर रहे हैं, लेकिन उनकी मदद सभी कैदी कर रहे हैं. बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में प्रतिवर्ष छठ होता है, कारा में छठ के गीत गूंज रहे हैं.

नहाय खाय से शुरू हुआ महापर्व छठ: चार दिनों तक चलने वाले छठ व्रत की शुरूआत आज से नहाय खाय (Nahay Khay) के साथ हो गई है. इस दिन व्रत रखने वाली महिलाएं स्नान करके नए कपड़े पहनकर पूजा करती हैं. स्नान के बाद ही छठव्रती चना दाल, कद्दू की सब्जी और चावल का प्रसाद ग्रहण करती हैं. 36 घंटे निर्जला रहने वाले छठ व्रतियों को यह व्रत कठिन नहीं बल्कि आसान लगता है. छठ पर्व श्रद्धा और आस्था से जुड़ा है, जो व्यक्ति इस व्रत को पूरी निष्ठा और श्रद्धा से करता हैं उसकी मनोकामनाएं पूरी होती है. छठ व्रत, सुहाग, संतान, सुख-सौभाग्य और सुखमय जीवन की कामना के लिए किया जाता है.

छठ पूजा की तिथि: 28 अक्टूबर 2022 को नहाय खाय है. नहाय खाय से छठ पूजा का आरंभ हो जाता है. 29 अक्टूबर शनिवार के दिन दिन खरना किया जाएगा. 30 अक्टूबर रविवार शाम को अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को पहला अर्घ्य दिया जाएगा. वहीं 31 अक्टूबर सोमवार को उदयीमान सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. और इसके साथ ही छठ पूजा (chhath puja 2022) का समापन हो जाता है.

रांची: लोक आस्था और सूर्य उपासना के महापर्व छठ पर छठी मइया के गीत रांची जेल में भी गूंज रही है (Chhath Puja in Birsa Munda Jai). रांची के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा समेत राज्य की विभिन्न जेलों में बंद कैदी भी सूर्योपासना के व्रत को श्रद्धापूर्वक कर रहे हैं. रांची जेल में बंद छह महिलाएं और एक पुरुष कैदी छठ की उपासना कर रहे हैं. इसके लिए जेल प्रशासन की ओर से भी खासतौर पर तैयारी की गई है. जेलर मो. नसीम ने बताया की छह महिला कैदी छठ की उपासना कर रही हैं, जबकि एक पुरुष कैदी भी छठ पूजा में लगा है.

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जेल कैंपस में तालाब की सफाई: बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा के जेलर मो. नसीम के मुताबिक, इन छठव्रती कैदियों के लिए सारी व्यवस्थाएं जेल प्रशासन ने की है. जेल प्रशासन ने जेल के भीतर स्थित तालाब को साफ करवाया है. यहां श्रद्धालु भगवान भास्कर को अ‌र्ध्य अर्पित करेंगे. जेलर ने कहा कि छठ कर रहे कैदियों को प्रसाद, सूप, टोकरी के साथ नए कपड़े भी मुहैया कराए गए हैं, साथ ही बंदियों के बीच पूजन सामग्री भी बांटी गई है. उन्होंने बताया कि भले ही व्रत कुछ बंदी ही कर रहे हैं, लेकिन उनकी मदद सभी कैदी कर रहे हैं. बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में प्रतिवर्ष छठ होता है, कारा में छठ के गीत गूंज रहे हैं.

नहाय खाय से शुरू हुआ महापर्व छठ: चार दिनों तक चलने वाले छठ व्रत की शुरूआत आज से नहाय खाय (Nahay Khay) के साथ हो गई है. इस दिन व्रत रखने वाली महिलाएं स्नान करके नए कपड़े पहनकर पूजा करती हैं. स्नान के बाद ही छठव्रती चना दाल, कद्दू की सब्जी और चावल का प्रसाद ग्रहण करती हैं. 36 घंटे निर्जला रहने वाले छठ व्रतियों को यह व्रत कठिन नहीं बल्कि आसान लगता है. छठ पर्व श्रद्धा और आस्था से जुड़ा है, जो व्यक्ति इस व्रत को पूरी निष्ठा और श्रद्धा से करता हैं उसकी मनोकामनाएं पूरी होती है. छठ व्रत, सुहाग, संतान, सुख-सौभाग्य और सुखमय जीवन की कामना के लिए किया जाता है.

छठ पूजा की तिथि: 28 अक्टूबर 2022 को नहाय खाय है. नहाय खाय से छठ पूजा का आरंभ हो जाता है. 29 अक्टूबर शनिवार के दिन दिन खरना किया जाएगा. 30 अक्टूबर रविवार शाम को अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को पहला अर्घ्य दिया जाएगा. वहीं 31 अक्टूबर सोमवार को उदयीमान सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. और इसके साथ ही छठ पूजा (chhath puja 2022) का समापन हो जाता है.

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