रांची: कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर एक तरफ जहां झारखंड के अधिकांश शहरों को अपनी जद में ले चुका है और संक्रमण तेजी से लोगों में फैल रहा है, वहीं कुछ ऐसे जगह भी है जहां कोरोना की काली परछाई अब तक नहीं पहुच पाई है. कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर झारखंड के जेलों की ऊंची दीवारों को अभी नहीं लांघ पाई है.
आईजी का दावा- जेल में सभी कैदी सुरक्षित
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के मामले में झारखंड भी बेहद संवेदनशील है. खासकर राजधानी रांची में स्थिति काफी भयावह होती जा रही है. लेकिन पिछली बार की तुलना में इस बार झारखंड के सभी जेल कोविड संक्रमण के प्रकोप से बचे हुए हैं. पिछले साल कोरोना संक्रमण से जेल में बंद कैदी और जेलों में तैनात जेलकर्मी भी प्रभावित हुए थे. लेकिन इस बार एक तरफ जहां कोरोना ने पूरे झारखंड में तबाही मचा रखी है लेकिन जेल में बंद कैदी पूरी तरह सुरक्षित हैं. झारखंड का जेल प्रशासन कोविड-19 के संक्रमण को रोकने के प्रति सचेत है. इसके लिए हरसंभव कदम उठाए जा रहे हैं.
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जेल आईजी वीरेंद्र भूषण ने बताया कि झारखंड की जेलों में संक्रमण को रोकने के लिए स्पेशल टास्क फोर्स का गठन कर बंदियों का पर्सनल हेल्थ रिकॉर्ड मेंटेन करना शुरू कर दिया गया है. जिन बंदियों में कोरोना के कोई भी लक्षण दिखाई दे रहे हैं उनको आइसोलेट कर दिया जा रहा है. इसके साथ ही जेल परिसर को समय-समय पर सेनेटाइज भी कराया जा रहा है. इस समय जेल में बंद कैदियों को कोरोना के संक्रमण से बचाने के लिए जेल प्रशासन ने अपनी पूरी ताकत झोंक रखी है.
जेलों में चल रहा वैक्सीनेशन
कोरोना संक्रमण की इस चुनौती से निपटने के लिए जेलों में जहां खास इंतजाम किए जा रहे हैं. वहीं जेलों के अंदर कोविड केयर सेंटर भी बनाये गए हैं. इसके साथ ही कैदियों को कोरोना से बचाव के लिए मास्क, सेनेटाइजर भी मुहैया कराया जा रहा है. हर कैदी को तीन-तीन मास्क दिए गए है. कैदियों के खानपान में भी बदलाव किए गए, ताकि कोरोना के संक्रमण से उन्हें बचाया जा सके. जेल में एक साथ खाना खाने पर भी पाबंदी लगा दी गई है. जेल आईजी ने बताया कि सुरक्षा के साथ-साथ कैदियों का वैक्सीनेशन भी कराया जा रहा है. कोशिश है कि सभी कैदियों का जल्द वैक्सीनेशन हो जाए. कैदियों की इम्युनिटी बढ़ाने के लिए काढ़ा और औषधीय दवा भी दी जा रही है.
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मुलाकात बंद, पेशी भी ऑनलाइन
कोरोना के चलते जेल प्रशासन ने कैदियों की उनके परिवार वालों से मुलाकात करने पर अगले आदेश तक पाबंदी लगा दी है. जेल आईजी ने बताया कि झारखंड के जेलों में कोरोना संक्रमितों की संख्या ना के बराबर है. लेकिन झारखंड में कोरोना संक्रमित मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए जेल प्रशासन ने एतियातन यह निर्णय लिया है. उन्होंने कहा कि कैदियों की उनके कानूनी सलाहकारों के साथ बैठक कोविड नियमों का पालन करते हुए जारी रहेगी. परिवार वालों से बातचीत करने के लिए सिर्फ टेलीफोन की सुविधा दी गई है. कैदियों को पेशी के लिए कोट भी नहीं ले जाया जा रहा है. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये कैदियों की पेशी हो रही है.