रांची: द कश्मीर फाइल्स साल 1990 में कश्मीर में रह रहे कश्मीरी पंडितों पर हुए अत्याचारों पर आधारित एक फिल्म है, जिसमें दिखाया गया है कि असामाजिक तत्वों ने कश्मीर में रह रहे लोगों पर क्यों अत्याचार किए और बहन बेटियों के साथ दुर्व्यवहार किया. यह फिल्म इन दिनों सुर्खियों में है. 11 मार्च को रीलिज होने के बाद यह फिल्म अच्छी कमाई के साथ सुर्खियां भी बटोर रही है. पीएम मोदी ने भी इस फिल्म की सराहना की है जिसके बाद इसपर सियासत भी शुरू हो गया है.
ये भी पढ़ें- The Kashmir Files movie: राज्यपाल रमेश बैस ने सपरिवार देखी द कश्मीर फाइल्स फिल्म
द कश्मीर फाइल्स पर सियासत शुरू: पीएम मोदी की सराहना बटोरने में सफल रहा फिल्म द कश्मीर फाइल्स पर अब राजनीति भी शुरू हो गई है. झारखंड सहित देशभर के सिनेमाघरों में लगे इस फिल्म को भाजपा के सभी नेता, विधायक, सांसद और मंत्री अपने समर्थकों के साथ विशेष तौर पर देख रहे हैं. रांची की बात करें तो लगभग सभी सिनेमाघरों में यह पिक्चर चार से पांच शो में प्रदर्शित हो रहा है, जिसमें हर दिन भाजपा के बड़े छोटे नेता जरूर देखने पहुंचते हैं. अब तक केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, बाबूलाल मरांडी, रघुवर दास, दीपक प्रकाश, संजय सेठ, सीपी सिंह, नीलकंठ सिंह मुंडा सहित भाजपा के सैकड़ों नेता कार्यकर्ता इस फिल्म को देख चूके हैं. इसके अलावा राज्यपाल रमेश बैस भी इस फिल्म को देख चूके हैं.
ये भी पढ़ें- The Kashmir Files movie: फिल्म में कश्मीरी पंडितों के नरसंहार की सच्चाई, सिहरन पैदा करने वाले हैं दृश्यः रघुवर दास
भाजपा नेताओं के इस फिल्म को लेकर विशेष झुकाव पर राजनीति तेज है. भाजपा पर राजनीतिक एजेंडा के तहत फिल्म बनाने का आरोप लग रहे हैं. पिक्चर देखने के बाद हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने कहा कि इसे राजनीति से नहीं बल्कि कश्मीर हुए अत्याचार की सच्चाई फिल्म के माध्यम से जनता के बीच लाने के प्रयास के रुप में देखना चाहिए. उन्होंने बिहार, उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों की तरह झारखंड में भी इस फिल्म को टैक्स फ्री करने की मांग की है. इधर कांग्रेस नेता शमशेर आलम ने भाजपा पर फिल्म के माध्यम से राजनीति करने का आरोप लगाया है. शमशेर आलम ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी शुरू से ही सांप्रदायिक उन्माद फैलाने की कोशिश करती रहती है. एक बार फिर इस फिल्म के माध्यम से भाजपा का यह चरित्र उजागर हुआ है.