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50 हजार से अधिक पुलिसकर्मी कोरोना के हैं योद्धा, पर नहीं मिल रहा इन्हें फंड का पैसा - कोरना के योद्धा को नहीं मिल रहा पैसा

रांची में 50 हजार से अधिक पुलिसकर्मी कोरोना के योद्धा हैं, लेकिन इन्हें फंड का पैसा नहीं मिल पा रहा. जिसके कारण राज्य भर में पुलिसकर्मियों को काम करने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.

Policemen are not getting funds in ranchi
पुलिसकर्मियों को नहीं मिल रही फण्ड
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Published : Mar 28, 2020, 2:53 PM IST

रांचीः कोरोना संक्रमण के खतरे के बावजूद झारखंड में 50 हजार से अधिक पुलिसकर्मी कोरोना के खिलाफ योद्धा की भूमिका में हैं सिपाही से लेकर आईपीएस अधिकारियों की टीम फील्ड में डंटी हुई है. वहीं फंड नहीं मिलने के कारण राज्य भर में पुलिसकर्मियों को काम करने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.

Policemen are not getting funds in ranchi
पुलिसकर्मियों को नहीं मिल रही फण्ड
एसोसिएशन ने जताई गंभीरता

राज्य के सभी थानों में पुलिसकर्मियों के लिए मास्क, हैंड वॉश, ग्लब्स और सैनिटाइजर की जरूरत है. झारखंड पुलिस एसोसिएशन के अध्यक्ष और महामंत्री ने बुधवार को ही डीजीपी एमवी राव को पत्र लिखा है. पुलिस एसोसिएशन ने कोरोना वायरस संक्रमण से निपटने के लिए प्रत्येक थानों में रखें कंटीजेंसी फंड के इस्तेमाल की इजाजत मांगी है. एसोसिएशन के अध्यक्ष योगेंद्र सिंह और महामंत्री अक्षय राम ने डीजीपी को लिखे पत्र में बताया है की 21 मार्च को कंटीजेंसी फंड के इस्तेमाल के लिए आईजी मानवाधिकार नवीन कुमार सिंह से चर्चा हुई थी. प्रत्येक थाने में पूर्व से ए, बी और सी ग्रेड के आधार पर 20000, 15000 और 10,000 रुपये का कंटीफंड है. उस फंड से सभी थाना प्रभारी अपने-अपने पिकेट और थाने के कर्मियों को करोना वायरस से निपटने के लिए जरूरी संसाधन दे सकते हैं.


फंड के इस्तेमाल के लिए पत्र लिखने की बात
21 मार्च को आईजी मानवाधिकार ने इस फंड के इस्तेमाल के लिए सभी जिलों के एसपी को पत्र लिखने की बात कही थी. 23 मार्च को एसोसिएशन का प्रतिनिधिमंडल डीजी मुख्यालय पीआरके नायडू से भी मिला था. नायडू ने भी फंड के इस्तेमाल की स्वीकृति की बात कही थी, लेकिन अभी तक पुलिस मुख्यालय के स्तर से इस संबंध में आदेश जारी नहीं हुआ. ऐसे में जिलों के एसपी या वाहनों के कमांडेंट फंड की निकासी का आदेश नहीं दे सकते. एसोसिएशन ने मांग की है कि सभी जिलों के एसपी को पत्र लिखकर कंटीजेंसी फंड के इस्तेमाल की अनुमति दी जाए ताकि कोरोना संक्रमण बचाओ उपकरण की खरीद हो सके.

ये भी पढ़ें- कोरोना संकट: सुसाइड मिशन पर गुमला के लोग! सोशल डिस्टेंसिंग को दिखा रहे ठेंगा


पुलिसिंग के पारंपरिक तौर तरीकों में हो रहा बदलाव
कोरोना वायरस संक्रमण के खतरों ने निपटने के लिए पुलिसिंग के पुराने पारंपरिक तौर तरीकों को बदला जा रहा है. सभी जिलों कार्यालयों में गोपनीय कागजात समेत अन्य रोजमर्रा के कागजात पहुंचाने के लिए विशेष दूत या चौकीदार के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गयी है. अगले आदेश के मुताबिक , चौकीदार या विशेष दूत के बजाए अब ऐसे सारे कागजात ई-मेल पर भेजने का निर्देश जारी किया गया है. सभी डीएसपी या थानेदार अब ई-मेल पर ही रिपोर्ट भेजेंगे.

रांचीः कोरोना संक्रमण के खतरे के बावजूद झारखंड में 50 हजार से अधिक पुलिसकर्मी कोरोना के खिलाफ योद्धा की भूमिका में हैं सिपाही से लेकर आईपीएस अधिकारियों की टीम फील्ड में डंटी हुई है. वहीं फंड नहीं मिलने के कारण राज्य भर में पुलिसकर्मियों को काम करने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.

Policemen are not getting funds in ranchi
पुलिसकर्मियों को नहीं मिल रही फण्ड
एसोसिएशन ने जताई गंभीरता

राज्य के सभी थानों में पुलिसकर्मियों के लिए मास्क, हैंड वॉश, ग्लब्स और सैनिटाइजर की जरूरत है. झारखंड पुलिस एसोसिएशन के अध्यक्ष और महामंत्री ने बुधवार को ही डीजीपी एमवी राव को पत्र लिखा है. पुलिस एसोसिएशन ने कोरोना वायरस संक्रमण से निपटने के लिए प्रत्येक थानों में रखें कंटीजेंसी फंड के इस्तेमाल की इजाजत मांगी है. एसोसिएशन के अध्यक्ष योगेंद्र सिंह और महामंत्री अक्षय राम ने डीजीपी को लिखे पत्र में बताया है की 21 मार्च को कंटीजेंसी फंड के इस्तेमाल के लिए आईजी मानवाधिकार नवीन कुमार सिंह से चर्चा हुई थी. प्रत्येक थाने में पूर्व से ए, बी और सी ग्रेड के आधार पर 20000, 15000 और 10,000 रुपये का कंटीफंड है. उस फंड से सभी थाना प्रभारी अपने-अपने पिकेट और थाने के कर्मियों को करोना वायरस से निपटने के लिए जरूरी संसाधन दे सकते हैं.


फंड के इस्तेमाल के लिए पत्र लिखने की बात
21 मार्च को आईजी मानवाधिकार ने इस फंड के इस्तेमाल के लिए सभी जिलों के एसपी को पत्र लिखने की बात कही थी. 23 मार्च को एसोसिएशन का प्रतिनिधिमंडल डीजी मुख्यालय पीआरके नायडू से भी मिला था. नायडू ने भी फंड के इस्तेमाल की स्वीकृति की बात कही थी, लेकिन अभी तक पुलिस मुख्यालय के स्तर से इस संबंध में आदेश जारी नहीं हुआ. ऐसे में जिलों के एसपी या वाहनों के कमांडेंट फंड की निकासी का आदेश नहीं दे सकते. एसोसिएशन ने मांग की है कि सभी जिलों के एसपी को पत्र लिखकर कंटीजेंसी फंड के इस्तेमाल की अनुमति दी जाए ताकि कोरोना संक्रमण बचाओ उपकरण की खरीद हो सके.

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पुलिसिंग के पारंपरिक तौर तरीकों में हो रहा बदलाव
कोरोना वायरस संक्रमण के खतरों ने निपटने के लिए पुलिसिंग के पुराने पारंपरिक तौर तरीकों को बदला जा रहा है. सभी जिलों कार्यालयों में गोपनीय कागजात समेत अन्य रोजमर्रा के कागजात पहुंचाने के लिए विशेष दूत या चौकीदार के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गयी है. अगले आदेश के मुताबिक , चौकीदार या विशेष दूत के बजाए अब ऐसे सारे कागजात ई-मेल पर भेजने का निर्देश जारी किया गया है. सभी डीएसपी या थानेदार अब ई-मेल पर ही रिपोर्ट भेजेंगे.

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