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Anti Naxal Campaign In Jharkhand: झारखंड पुलिस लूटे गए हथियार लगातार कर रही बरामद, अब नक्सलियों के पास हथियार और गोला-बारूद की भारी कमी - टेरर फंडिंग

नक्सलियों के विरूद्ध अभियान में झारखंड पुलिस को लगातार सफलता तो मिल रही है. नक्सलियों द्वारा पुलिस से लूटे गए हथियार भी बरामद हो रहे हैं. पुलिस नक्सलियों से हथियार छीन कर उनकी कमर तोड़ रही है. साथ ही एटीएस ने हथियारों की सप्लाई चेन को ब्रेक कर दिया है.

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Police Recovering Weapons Looted By Naxalites
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Published : Apr 7, 2023, 4:32 PM IST

रांची: झारखंड में एक समय ऐसा भी था जब लाल आतंक का झंडा काफी बुलंद हुआ करता था. उस बुलंदी के दौर में भाकपा माओवादियों के द्वारा बड़े पैमाने पर पुलिस पर हमला कर उनके हथियार लूटे गए और उसी हथियार से पुलिस को चुनौती दी गई, लेकिन आज का दौर कुछ और है. बेहतरीन अभियान के बल पर न सिर्फ पुलिस ने अपने लुटे हुए अधिकांश हथियारों को बरामद कर लिया है, वहीं हथियार तस्करों पर इतना नकेल कस दिया है कि माओवादियों के पास हथियारों की भारी कमी हो गई है.

ये भी पढे़ं-Naxal in Palamu: नक्सलियों के पास नहीं बचे हैं लड़ाके, कमांडर्स को मिलाकर तैयार कर रहे दस्ता

सूद के साथ कर डाली पुलिस ने वसूली: बिहार से झारखंड जब अलग हुआ था, तब झारखंड में लाल आतंक के साम्राज्य को कायम करने के लिए हथियारों की बेहद जरूरत थी. ऐसे में सबसे ज्यादा उस समय पुलिस पर हमले हुए, क्योंकि नक्सलियों को हथियार लूटना था. एक हद तक नक्सली इसमें कामयाब भी हुए और एके-47, एसएलआर जैसे घातक हथियार पुलिस से लूट ले गए, लेकिन अब नक्सलियों का वह साम्राज्य खत्म होने के कगार पर है. दूसरी तरफ पुलिस न सिर्फ अपने लुटे हुए हथियारों को बरामद कर रही है, बल्कि सूद के रूप में नक्सलियों के द्वारा जमा करके रखे गए हथियारों और विस्फोटकों को भी जब्त कर रही है. पिछले दो वर्षों के आंकड़ों पर गौर करते हैं तो आपको यह पता चलेगा कि पुलिस ने नक्सलियों को कितना चोट पहुंचाया है.

हथियारों को लेकर वर्तमान में क्या है स्थिति: साल 2020 से लेकर साल 2022 तक पुलिस के लिए नक्सलवाद के खिलाफ स्वर्णिम युग रहा है. इस दौरान बेहतर रणनीति के बल पर नक्सलियों को हर फ्रंट पर पुलिस ने मात दी है. एक जनवरी 2020 से लेकर छह अप्रैल 2023 तक झारखंड पुलिस ने अपने अदम्य साहस के बल पर नक्सलियों से अपने 130 हथियार वापस छीन लिए. 130 हथियारों में एके 47 सहित कई एसएलआर राइफल भी शामिल हैं, जिन्हें नक्सलियों ने पुलिस पर हमला करके लूट लिए थे, लेकिन अब पुलिस इन सभी को बरामद कर चुकी है.

पुलिस से लूटे गए कब कितने हथियार बरामद :साल 2020 में कुल 45 पुलिस के हथियार नक्सलियों ने लूटे थे, जिसें पुलिस ने बरामद कर लिया है. वहीं साल 2021 में पुलिस ने 29 हथियार नक्सलियों के पास से बरामद किए, वहीं साल 2022 में पुलिस ने अपने 51 हथियार नक्सलियों से वापस निकाल लिए.साल 2023 में अब तक चार हथियार पुलिस नक्सलियों से वापस छीनी है.

नक्सलियों के हथियारों पर भी चोट: एक तरफ जहां पुलिस ने अपने हथियार नक्सलियों से वापस लिए, वहीं सूद में नक्सलियों के हथियारों के जखीरे को भी जब्त किया है. झारखंड पुलिस के आंकड़े बताते हैं कि जनवरी 2020 से लेकर मार्च 2023 तक विभिन्न नक्सली संगठनों के 615 हथियार पुलिस ने कार्रवाई कर जब्त कर लिए. जो हथियार जब्त किए गए हैं उनमें बेहद बेहतरीन किस्म के हथियार भी शामिल थे, जिनमें कुछ विदेशी भी थे.

2020 से लेकर अब तक 1726.86 केजी विस्फोटक जब्तः पुलिस मुख्यालय से मिले आंकड़ों के अनुसार 2020 से लेकर 2023 तक पुलिस ने 119 पुलिस वेपन, 45 रेगुलर वेपन और 500 कंट्री मेड वेपन जो नक्सली प्रयोग करते थे उन्हें जब्त किया है. इसके अलावा बड़े पैमाने पर नक्सलियों के द्वारा जंगलों में छुपा कर रखे गए विस्फोटक भी पुलिस के द्वारा जब्त किए गए हैं. आंकड़ों के अनुसार 2020 से लेकर 2023 तक 1726.86 केजी विस्फोटक पुलिस ने जब्त किया है.

ये भी पढे़ं-Criminal Arrested in Palamu: खुद से बनाता था हथियार, फिर लूट की घटनाओं को देता था अंजाम

पुलिस ने नक्सलियों की सप्लाई चेन भी रोकी: एक तरफ जहां झारखंड पुलिस नक्सलियों के द्वारा प्रयोग में लाए जाने वाले बेहतरीन हथियारों को जब्त कर ली है, वहीं दूसरी तरफ हथियारों की सप्लाई चेन को भी ब्रेक कर दिया है. कंट्री मेड से लेकर अत्याधुनिक हथियार नक्सलियों को बिहार, पंजाब और हरियाणा के साथ-साथ नार्थ ईस्ट से मिलते थे, लेकिन टेरर फंडिंग मामले में जब से एनआईए ने नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की है, उसके बाद से ही हथियारों के इस नेटवर्क पर ब्रेक लगा है. यही वजह है कि फिलहाल नक्सलियों के पास हथियार और गोला-बारूद की भारी कमी हो गई है.

रांची: झारखंड में एक समय ऐसा भी था जब लाल आतंक का झंडा काफी बुलंद हुआ करता था. उस बुलंदी के दौर में भाकपा माओवादियों के द्वारा बड़े पैमाने पर पुलिस पर हमला कर उनके हथियार लूटे गए और उसी हथियार से पुलिस को चुनौती दी गई, लेकिन आज का दौर कुछ और है. बेहतरीन अभियान के बल पर न सिर्फ पुलिस ने अपने लुटे हुए अधिकांश हथियारों को बरामद कर लिया है, वहीं हथियार तस्करों पर इतना नकेल कस दिया है कि माओवादियों के पास हथियारों की भारी कमी हो गई है.

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सूद के साथ कर डाली पुलिस ने वसूली: बिहार से झारखंड जब अलग हुआ था, तब झारखंड में लाल आतंक के साम्राज्य को कायम करने के लिए हथियारों की बेहद जरूरत थी. ऐसे में सबसे ज्यादा उस समय पुलिस पर हमले हुए, क्योंकि नक्सलियों को हथियार लूटना था. एक हद तक नक्सली इसमें कामयाब भी हुए और एके-47, एसएलआर जैसे घातक हथियार पुलिस से लूट ले गए, लेकिन अब नक्सलियों का वह साम्राज्य खत्म होने के कगार पर है. दूसरी तरफ पुलिस न सिर्फ अपने लुटे हुए हथियारों को बरामद कर रही है, बल्कि सूद के रूप में नक्सलियों के द्वारा जमा करके रखे गए हथियारों और विस्फोटकों को भी जब्त कर रही है. पिछले दो वर्षों के आंकड़ों पर गौर करते हैं तो आपको यह पता चलेगा कि पुलिस ने नक्सलियों को कितना चोट पहुंचाया है.

हथियारों को लेकर वर्तमान में क्या है स्थिति: साल 2020 से लेकर साल 2022 तक पुलिस के लिए नक्सलवाद के खिलाफ स्वर्णिम युग रहा है. इस दौरान बेहतर रणनीति के बल पर नक्सलियों को हर फ्रंट पर पुलिस ने मात दी है. एक जनवरी 2020 से लेकर छह अप्रैल 2023 तक झारखंड पुलिस ने अपने अदम्य साहस के बल पर नक्सलियों से अपने 130 हथियार वापस छीन लिए. 130 हथियारों में एके 47 सहित कई एसएलआर राइफल भी शामिल हैं, जिन्हें नक्सलियों ने पुलिस पर हमला करके लूट लिए थे, लेकिन अब पुलिस इन सभी को बरामद कर चुकी है.

पुलिस से लूटे गए कब कितने हथियार बरामद :साल 2020 में कुल 45 पुलिस के हथियार नक्सलियों ने लूटे थे, जिसें पुलिस ने बरामद कर लिया है. वहीं साल 2021 में पुलिस ने 29 हथियार नक्सलियों के पास से बरामद किए, वहीं साल 2022 में पुलिस ने अपने 51 हथियार नक्सलियों से वापस निकाल लिए.साल 2023 में अब तक चार हथियार पुलिस नक्सलियों से वापस छीनी है.

नक्सलियों के हथियारों पर भी चोट: एक तरफ जहां पुलिस ने अपने हथियार नक्सलियों से वापस लिए, वहीं सूद में नक्सलियों के हथियारों के जखीरे को भी जब्त किया है. झारखंड पुलिस के आंकड़े बताते हैं कि जनवरी 2020 से लेकर मार्च 2023 तक विभिन्न नक्सली संगठनों के 615 हथियार पुलिस ने कार्रवाई कर जब्त कर लिए. जो हथियार जब्त किए गए हैं उनमें बेहद बेहतरीन किस्म के हथियार भी शामिल थे, जिनमें कुछ विदेशी भी थे.

2020 से लेकर अब तक 1726.86 केजी विस्फोटक जब्तः पुलिस मुख्यालय से मिले आंकड़ों के अनुसार 2020 से लेकर 2023 तक पुलिस ने 119 पुलिस वेपन, 45 रेगुलर वेपन और 500 कंट्री मेड वेपन जो नक्सली प्रयोग करते थे उन्हें जब्त किया है. इसके अलावा बड़े पैमाने पर नक्सलियों के द्वारा जंगलों में छुपा कर रखे गए विस्फोटक भी पुलिस के द्वारा जब्त किए गए हैं. आंकड़ों के अनुसार 2020 से लेकर 2023 तक 1726.86 केजी विस्फोटक पुलिस ने जब्त किया है.

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पुलिस ने नक्सलियों की सप्लाई चेन भी रोकी: एक तरफ जहां झारखंड पुलिस नक्सलियों के द्वारा प्रयोग में लाए जाने वाले बेहतरीन हथियारों को जब्त कर ली है, वहीं दूसरी तरफ हथियारों की सप्लाई चेन को भी ब्रेक कर दिया है. कंट्री मेड से लेकर अत्याधुनिक हथियार नक्सलियों को बिहार, पंजाब और हरियाणा के साथ-साथ नार्थ ईस्ट से मिलते थे, लेकिन टेरर फंडिंग मामले में जब से एनआईए ने नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की है, उसके बाद से ही हथियारों के इस नेटवर्क पर ब्रेक लगा है. यही वजह है कि फिलहाल नक्सलियों के पास हथियार और गोला-बारूद की भारी कमी हो गई है.

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