रांची: माकपा नेता सुभाष मुंडा हत्याकांड में पुलिस ने दूसरे साजिशकर्ता बबलू उर्फ नागेश्वर पासवान को रांची के नगड़ी से गिरफ्तार कर लिया है. उसके साथ पिंटू कुमार और प्रवीण कुमार को भी पुलिस ने हिरासत में लिया है. भाड़े के हथियारों का इंतजाम बबलू पासवान ने ही किया था. इस कांड में अब तक 7 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है.
हत्या के बाद से ही बबलू था फरारः रांची के सीनियर एसपी किशोर कौशल ने बताया कि पुलिस के द्वारा माकपा नेता सुभाष मुंडा की हत्याकांड में फरार चल रहे तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. अपराधियों के पास से पुलिस ने एक मैगजीन सहित ऑटोमेटिक पिस्टल भी बरामद किया है. जिस स्कॉर्पियो में बैठकर सुभाष मुंडा की रेकी की गई थी उसे भी पुलिस के द्वारा जब्त कर लिया गया है. आपको बता दें कि बबलू पासवान ने अपने दो शूटरों के साथ मिलकर उन्हें मारा था. इससे पहले इस हत्याकांड में शामिल छोटू खलखो ,विनोद कुमार, अभिजीत कुमार पाड़ी और कन्हैया सिंह को जेल भेजा जा चुका है. हत्या की साजिश जमीन के धंधे को लेकर रची गई थी.
पशु तस्करी के पैसों को निवेश कर रहा था बबलू: बबलू पासवान एक कुख्यात अपराधकर्मी है. जिसके उपर रांची, सिमडेगा सहित झारखंड के कई शहरों में अलग-अलग मामले दर्ज हैं. बबलू रांची के रातू इलाके में पशु तस्करी का काम किया करता था. जिसके बाद उसका तस्करों में एक बड़ा नाम बन गया. फिर उसका ये कारोबार छत्तीसगढ़ से ओडिशा तक फैल गया. इस दौरान उसने बहुत कमाई की, जिसमें वो कई बार जेल भी गया. इसी बीत रातू इलाके में उसकी दोस्ती छोटू खलखो से हो गई. छोटू ने उसे जमीन में निवेश करने की सलाह दी जिसके बाद बबलू जमीन के कारोबार से जुड़ गया.
सुभाष मुंडा के खौफ के बारे में बताया: वहीं दुसरी तरफ रातू नगड़ी इलाके में एक दबंग जमीन कारोबारी के रूप में अपनी पहचान बना चुके छोटू की करोड़ों की जमीन सुभाष मुंडा की वजह से छीने जा चुके थे. इस वजह से वो बेहद परेशान था. फिर उसने एक दिन बबलू पासवान को सुभाष मुंडा के बारे में बताया, इसके बाद बबलू ने सलाह दी कि सुभाष मुंडा को रास्ते से हटा देना चाहिए. जिसके बाद बबलू पासवान ने लगातार 15 दिन तक भाड़े के हत्यारों के साथ मिलकर सुभाष मुंडा की रेकी की और 26 जुलाई को सरेशाम सुभाष मुंडा की गोली मारकर हत्या कर दी.