रांची: उग्रवादी संगठन पीएलएफआई के सुप्रीमो दिनेश गोप ने रांची के एक भाजपा नेता से रंगदारी के रूप में 10 एके 47 राइफल की मांग की है. भाजपा के रांची जिला के महामंत्री बलराम सिंह को दिनेश गोप ने 18 मई को फोन कर एके 47 राइफल की मांग की है. मामले को लेकर भाजपा नेता ने रांची के गोंदा थाना में एफआईआर दर्ज करायी है.
जानें क्या है पूरा मामला: उग्रवादी संगठन पीएलएफआई का सुप्रीमो दिनेश गोप नेपाल से अपने संगठन का संचालन कर रहा है. पुलिसिया अभियान की वजह से नेपाल में छिपे दिनेश गोप को संगठन चलाने के लिए हथियार की जरूरत है. यही वजह है कि उसने अब संगठन के लिए पैसों के बजाय एके 47 जैसे घातक हथियार की मांग रंगदारी के तौर पर की है. दिनेश गोप ने भाजपा के रांची जिला के महामंत्री बलराम सिंह को 18 मई को फोन किया था. इसके बाद उसने तकरीबन 12 मिनट तक बलराम सिंह से फोन पर बात की. बलराम सिंह ने इस मामले की शिकायत गोंदा थाना में की है. वहीं मामला सामने आने के बाद आनन फानन में रांची पुलिस ने भाजपा नेता को बॉडीगार्ड भी उपलब्ध करा दी है.
एके 47 के लिए मेरा आदमी कर लेगा संपर्क: गोंदा थाने में दर्ज शिकायत में भाजपा नेता ने बताया है कि 18 मई को वह भाजपा महानगर कार्यालय में बैठक में मौजूद थे. दोपहर के 1.52 मिनट में उनके मोबाइल पर 6287686186 से फोन आया. फोन करने वाले ने अपना नाम दिनेश गोप बताया. इसके बाद संगठन के लिए एके 47 की मांग की. दिनेश गोप ने कहा कि एके 47 लेने के लिए उनका आदमी संपर्क कर लेगा. बातों-बातों में दिनेश गोप ने भाजपा नेता के गांव और रांची के घर तक का पता बताया, ताकि वह डर जाएं. भाजपा नेता ने बताया है कि जब उन्हें फोन आया तब उनके साथ रांची महानगर के जिला महामंत्री वरूण साहू, अनुसूचित मोर्चा के अध्यक्ष रामलखन राम, कार्यसमिति सदस्य रंधीर सिंह, गोंदा मंडल के नमन परमार भी मौजूद थे. दिनेश गोप के नाम से फोन आने की वजह से बलराम सिंह ने दूसरे फोन के माध्यम से उसे रिकार्ड कर लिया.
आवाज का हुआ मिलान: धमकी मिलने के बाद भाजपा नेताओं ने इस मामले में एसएसपी कौशल किशोर से मुलाकात की. भाजपा नेताओं ने धमकी भरा ऑडियो को पुलिस को सौंप दिया है. इसके बाद पुलिस के आर्काइव से दिनेश गोप के आवाज की मिलान की गई, जिससे इस बात की पुष्टि हुई की फोन करने वाला दिनेश गोप ही है. ऐसे में रांची पुलिस ने एक अंगरक्षक बलराम सिंह को मुहैया करा दी है. बलराम सिंह ने इससे पहले सात मई को भी गोंदा थाना में खुद के रेकी किए जाने की शिकायत की थी, तब एक गाड़ी से कुछ लोगों ने उनके वाहन का पीछा किया था.