रांची: राजधानी पुलिस ने नक्सली संगठन पीएलएफआई के सब जोनल कमांडर परमेश्वर गोप उर्फ प्रेम गोप की गिरफ्तारी के तीन दिन बाद गिरफ्तारी का खुलासा किया. वह जमशेदपुर के घाघीडीह जेल में बंद कुख्यात गैंगस्टर सुजीत सिन्हा के इशारे पर काम कर रहा था.
रांची में ले रखा था पनाह
रांची एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि पीएलएफआई के सबजोनल कमांडर परमेश्वर गोप टाटीसिलवे इलाके में छुप कर रहा था. वह जमशेदपुर के घाघीडीह जेल में बंद कुख्यात गैंगस्टर सुजीत सिन्हा के इशारे पर काम कर रहा था. रांची के व्यवसायियों और जमीन कारोबारियों को कॉल कर धमकी देता था और रंगदारी की मांग करता था. बिल्डर सह एक अखबार के मालिक अभय सिंह कि दफ्तर पर हमला करवाने के लिए हैंड ग्रेनेड बम और कार्बाइन जैसे घातक हथियार परमेश्वर ने ही सुजीत सिन्हा के इशारे पर उसके गुर्गों को उपलब्ध करवाया था.
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स्वतंत्रा दिवस के दिन हुई थी बिल्डर के यहां फायरिंग
15 अगस्त को रांची के दिव्यायन चौक स्थित बिल्डर कि दफ्तर पर गोलीबारी के बाद 17 अगस्त को गिरफ्तार किए गए चार अपराधियों ने खुलासा किया था कि उसे परमेश्वर गोप ने हथियार उपलब्ध कराया था. वह रांची में ही छिप कर रह रहा था. इसके बाद पुलिस की तकनीकी सेल की मदद से सिटी एसपी सौरभ के नेतृत्व में छापेमारी कर गोप को दबोच लिया गया. परमेश्वर गोप पिछले 6 महीने से राजधानी में भ्रमण कर गुमला चला जाता था और रांची पुलिस को भनक तक नहीं लगती थी. परमेश्वर पिछले कुछ महीने से जेल में बंद कुख्यात सुजीत सिन्हा और हरि तिवारी के लिए काम करने लगा था. विभिन्न जगहों से रंगदारी मांगने के लिए उसके गुर्गों के साथ रहकर सहयोग करता था.
शूटरों को परमेश्वर ने ही उपलब्ध करवाता था हथियार
सुजीत सिन्हा के शूटरों को परमेश्वर ही हथियार उपलब्ध करवाता था. पुलिस पूछताछ में गिरफ्तार पीएलएफआई के सबजोनल कमांडर परमेश्वर ने कई जानकारियां दी है, जिस पर पुलिस सत्यापन कर रही है. परमेश्वर के बढ़ते आतंक को देखते हुए गुमला पुलिस ने 5 लाख रुपये के इनाम के लिए पुलिस मुख्यालय को प्रस्ताव भेजा था. हालांकि, इस प्रस्ताव पर आगे की कार्रवाई नहीं हो सकी थी. इस वजह से सरकार के स्तर पर इनाम की घोषणा नहीं हो सकी थी. गुमला जिले में पुलिस के लिए सिरदर्द बना था, जिसे रांची पुलिस ने दबोच लिया.
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गुमला पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में भाग निकला था परमेश्वर गोप
गुमला पुलिस के साथ पालकोट थाना के डोंबाटोली पहाड़ में 19 जून को दिन के 11 बजे हुई मुठभेड़ के दौरान परमेश्वर भाग निकला था. आधे घंटे तक चली मुठभेड़ में एक उग्रवादी पालकोट बाजार टाड़ निवासी विशाल सिन्हा घायल हुआ था. उसके पैर में गोली लगी थी. विशाल एक महीने पहले गुजरात से लौटा था और वह प्रवासी मजदूर था, जबकि सबजोनल कमांडर परमेश्वर गोप उर्फ प्रेम एरिया कमांडर राजेश गोप अपने दस्ते के साथ भागने में सफल रहा था. इस मुठभेड़ के बाद बालेश्वर रांची में छुप कर रह रहा था और सुजीत सिन्हा गिरोह से जुड़कर काम कर रहा था.
परमेश्वर पर दर्ज हैं 27 मामले
परमेश्वर गोप पर गुमला जिला के अलग-अलग थानों में कुल 27 मामले दर्ज हैं. इनमें से सबसे ज्यादा 11 मामले गुमला थाना में दर्ज है, जबकि पालकोट थाना में आठ मामले दर्ज हैं. पालकोट और बसिया थाना क्षेत्र में परमेश्वर का आतंक था. इधर, रांची के बरियातू थाने में भी दर्ज आर्म्स एक्ट और एक्सक्लूसिव एक्ट के मामले में उस पर प्रोडक्शन किया जाएगा. रांची पुलिस अलग-अलग मामलों में उसे रिमांड पर लेगी.
परमेश्वर गोप पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप के संपर्क में रहता था. वसूली की रकम का हिस्सा दिनेश गोप को भेजता था. परमेश्वर का अक्सर दिनेश गोप से बातचीत होती थी और जरूरत पड़ने पर वह दिनेश के पास जाकर मिलकर आता था. परमेश्वर ग्रुप ने पुलिस को यह भी बताया है कि कुख्यात अपराधी अमन साव का एके-47 राइफल कहां रखा गया है.