रांचीः कोरोना के चलते बंद राजभवन उद्यान दो साल बाद खुला तो रांची के लोगों ने इस मौके को हाथों हाथ लिया. एक हफ्ते तक खुले राजभवन उद्यान में फूल से लेकर औषधीय पौधों तक को देखने के इच्छुक लोग उमड़ पड़े. 21 मार्च से खुले उद्यान की तरफ क्या बच्चे, क्या बड़े और क्या पेड़-पौधों के शौकीन सभी का कारवां चल पड़ा. आखिरी दिन रविवार को भी यह सिलसिला कम नहीं हुआ. लेकिन इस बीच लोगों को कई असुविधाएं भी हुईं. कुछ पर्यटकों का कहना था कि हम रूद्राक्ष जैसे पौधों को देखने के लिए आए थे, लेकिन हजारों पौधों की भीड़ में वे कहां हैं पता नहीं चल पाया. अगर संकेतक लगे होते तो हम उन पौधों को देख पाते. इसके अलावा भी पर्यटकों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ा.
राजभवन उद्यान में फूलों को देखने आई एक सैलानी ने कहा, यहां इतने गुलाब हैं कि हम लोग देखे नहीं थे. वैरायटी भी बढ़ी है. बगीचा भी पहले से सुंदर दिख रहा है. वहीं एक अन्य सैलानी ने कहा कि पानी वगैरह की व्यवस्था अच्छी है. बच्चों के लिए खेलकूद की व्यवस्था है, बच्चों की पिकनिक हो गई. वहीं पहली बार यहां आई एक युवती ने कहा कि बगीचे का मेंटिनेंस अच्छा है. मुझे यहां आकर बहुत खुशी मिली.
आज था इस साल उद्यान खुलने का आखिरी दिनः बता दें कि राजभवन उद्यान 21 मार्च से 27 मार्च तक 10:00 से 4:00 तक आम लोगों के लिए खोला गया था. कोरोना के चलते 2 वर्षों से आम लोगों के लिए बंद उद्यान को खोला गया था लेकिन कोरोना गाइडलाइन का पालन अनिवार्य किया गया था. लोगों की मानें तो प्रत्येक वर्ष की तरह इस वर्ष भी लोगों ने इस उद्यान में काफी इंजॉय किया है .यह उद्यान देश के अन्य उद्यानों से सबसे अलग है. बताते चलें कि 7 दिनों में राजभवन उद्यान का अवलोकन करने राज्य के विभिन्न जिलों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों के लोग भी पहुंचे थे. लगभग एक लाख लोगों ने इस राजभवन का अवलोकन इस बार किया है.