रांची: झारखंड कांग्रेस (Jharkhand Congress) के अंदर लगातार कुछ विधायकों के बागी तेवर दिख रहे हैं. जिसके बाद से केंद्रीय नेतृत्व के सामने प्रदेश कांग्रेस संगठन के नेतृत्व पर भी सवाल उठाए जाने लगे हैं, लेकिन अब तक झारखंड कांग्रेस के नेतृत्व परिवर्तन को लेकर आलाकमान के ओर से कोई कदम नहीं उठाए गए हैं. ऐसे में सवाल उठ रहा है, कि क्या प्रदेश कांग्रेस में कोई ऐसा नेता नहीं बचा है, जिसके हाथों में प्रदेश की कमान सौंपी जा सके.
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कांग्रेस पार्टी लगातार अनुशासन की बात कहते आई है, लेकिन पिछले दिनों जिस तरह से प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष और जामताड़ा विधायक इरफान अंसारी के नेतृत्व में 6 विधायकों ने दिल्ली में आलाकमान के सामने प्रदेश कांग्रेस के नेतृत्व पर सवाल उठाए हैं, उससे यही लगता है, कि अब पार्टी के अंदर अनुशासन खत्म होते जा रहा है. हालांकि इस मुलाकात को लेकर कांग्रेस का मानना है, कि संगठन में सब कुछ ठीक-ठाक है, केंद्रीय नेतृत्व से मिलने का यह मतलब नहीं कि सिर्फ शिकायत की जाती है, बल्कि विधायक होने के नाते वह अपने क्षेत्र की समस्या और अपने कार्यों की रिपोर्ट सौंपने भी जा सकते हैं, झारखंड कांग्रेस पूरी तरह से अखंड है और मजबूती के साथ सारे विधायक अनुशासन में रहते हुए राज्य के विकास के लिए कार्य कर रहे हैं.
कार्यकारी अध्यक्ष संगठन की कमियों को कर रहे सार्वजनिक
झारखंड कांग्रेस का भले ही दावा है, कि अनुशासन के साथ संगठन में सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा है, लेकिन जिस तरह से पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष संगठन की कमियों को सार्वजनिक कर रहे हैं और प्रदेश अध्यक्ष को घेर रहे हैं, इससे नहीं लगता कि संगठन में सब कुछ ठीक है, बल्कि इसे नेतृत्व परिवर्तन का एक संकेत माना जा सकता है.