रांची: एक तरफ राज्य सरकार झारखंड स्थापना दिवस की भव्य तैयारी करने में जुटी है वहीं दूसरी ओर अपनी मांगों के समर्थन में 3 महीने से अधिक समय से आंदोलन कर रहे राज्य के 18000 पंचायत सचिवालय स्वयंसेवक ने 15 नवंबर को ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम का आवास का घेराव करने का निर्णय लिया है.
राज्य स्तरीय पंचायत सचिवालय स्वयंसेवक संघ के द्वारा की गई घोषणा के अनुसार मंत्री आलमगीर आलम के आवास पर राजभर से पंचायत सचिवालय स्वयंसेवक जुटेंगे और नंग-धड़ंग प्रदर्शन करेंगे. संघ के अध्यक्ष चंद्रदीप कुमार ने कहा है कि सरकार हमारी मांगों को नजरअंदाज करती रही है. लगातार राजभवन के समक्ष पिछले 113 दिनों से आंदोलन जारी है इस दौरान हम लोगों ने प्रोजेक्ट भवन घेराव करने की भी कोशिश की लेकिन सरकार ने आश्वासन देने के सिवा कुछ भी काम नहीं किया. लगातार हम लोग मुख्यमंत्री से वार्ता करने की मांग कर रहे हैं लेकिन इसे अनसुना किया जा रहा है. जिसे ध्यान में रखते हुए संघ ने निर्णय लिया है कि 15 नवंबर को राज्य स्थापना दिवस के मौके पर सभी पंचायत सचिवालय स्वयंसेवक मंत्री आलमगीर आलम के आवास पर नंग-धड़ंग प्रदर्शन कर अपनी मांगों को रखेंगे.
कांग्रेस ऑफिस पहुंचा प्रतिनिधिमंडल: ये लोग लगातार सत्ताधारी दलों के कार्यालयों, विधायक, मंत्रियों से मिलकर अपनी मांगों के बारे में बात रहे हैं. इसी क्रम में आज आंदोलित पंचायत सचिवालय स्वयंसेवक संघ का प्रतिनिधिमंडल ने प्रदेश कांग्रेस भवन में जाकर प्रदेश महासचिव को अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा. इस दौरान पंचायत स्वयंसेवकों ने कांग्रेस नेता से आग्रह किया कि सरकार में एक सशक्त भागीदार होने के नाते वह मुख्यमंत्री और सरकार तक उनकी जायज मांगें पहुंचाएं. प्रदेश कांग्रेस महासचिव राकेश सिन्हा ने पंचायत स्वयंसेवकों को भरोसा दिलाया कि उनकी मांगों को वह कांग्रेस कोटे के मंत्रियों के साथ-साथ मुख्यमंत्री तक भी पहुंचायेंगे.
सेवा नियमितीकरण सहित पांच सूत्री हैं मांग: आंदोलनरत पंचायत सचिवालय स्वयंसेवक सेवा नियमितीकरण सहित पांच सूत्री मांग को लेकर लगातार सरकार पर दबाव बना रहे हैं. इनका मानना है कि एक निश्चित मानदेय पंचायत सचिवालय स्वयंसेवक का हो इसके अलावा पदनाम बदलने और मुख्यमंत्री से वार्ता सुनिश्चित की जाए. आंदोलन कर रहे पंचायत सचिवालय स्वयंसेवक का कहना है कि वर्तमान सरकार ने चुनाव के वक्त में हम सभी लोगों को आश्वासन दिया था कि सत्ता में आते ही आपकी मांगें पूरी होंगी. मगर मांग पूरी होने के बजाय हमें सेवा से भी बाहर कर दिया गया है और सरकार के पास लाखों रुपए बकाया पड़े हुए हैं.