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रांची में मकर संक्रांति पर दिखी भारत की समृद्ध परंपरा की झलक, अलग-अलग राज्यों से आए लोगों ने मिलकर मनाया त्योहार, लिया पतंगबाजी का आनंद

Makar Sankranti in Ranchi. रांची में मकर संक्रांति के त्योहार पर भारत की समृद्ध परंपरा की झलक दिखी. अलग-अलग राज्यों से आए लोगों ने मिलकर त्योहार मनाया. इस अवसर पर झारखंड पर्यटन विभाग की ओर से पलाश पतंग कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जहां लोगों ने पहुंचकर पतंगबाजी का आनंद उठाया.

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Makar Sankranti In Ranchi
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jan 15, 2024, 9:18 PM IST

रांची में पर्यटन विभाग के पलाश पतंग कार्यक्रम में मौजूद सैलानी.

रांची: देशभर के साथ आज झारखंड में भी मकर संक्रांति का त्योहार हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है. नदियों और जलाशयों में विशेष स्नान के बाद पूजा और दान करने के बाद लोगों ने आज चिउरा, दही, तिलकुट का लुत्फ उठाया और बड़ी संख्या में लोगों मैदान में पतंगबाजी की. वहीं राजधानीवासियों के इस उत्साह को पर्यटन विभाग के खास आयोजन पलाश पतंग ने और ज्यादा बढ़ा दिया. विभाग की ओर से आज कांके डैम स्थित पार्क में पलाश पतंग कार्यक्रम में फूड, सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ-साथ पतंगबाजी का खास व्यवस्था की गई थी.

झारखंड टूरिज्म की ओर से पलाश पतंग कार्यक्रम का आयोजनः झारखंड टूरिज्म की ओर से मकर संक्रांति के दिन को खास बनाने के लिए कांके डैम पार्क में पलाश पतंग कार्यक्रम में रांची के नगर आयुक्त आईएएस अधिकारी अमित कुमार भी परिवार के साथ पहुंचे थे. उन्होंने भी पतंग उड़ाई और लोगों को मकर संक्रांति की शुभकामनाएं दी. आज के दिन को बेहद खास बनाने के लिए पर्यटन विभाग की ओर से गुजरात, राजस्थान और महाराष्ट्र से खास पतंगबाज बुलाए गए थे. एक से बढ़कर एक आकृति वाले 30 से 40 पतंग थे, लेकिन हवा का बहाव कम होने की वजह से बड़े-बड़े खास आकृति वाले पतंग उड़ाने में परेशानी हुई.

गुजरात के अहमदाबाद से आए पतंगबाज गोपाल पटेल ने कहा कि विभाग के आमंत्रण पर पूरी तैयारी के साथ वह रांची आए थे, लेकिन कम जगह और हवा का बहाव नहीं रहने की वजह से राजधानीवासियों का मनोरंजन करने में थोड़ी कमी रह गई. उन्होंने कहा कि बंगाल टाइगर, घोड़ा, कार्टून कैरेक्टर, रे फिश वाला पतंग आसमान में नहीं उड़ सका, क्योंकि इसका वजन 20 किलो तक का है.

असम, बंगाल, महाराष्ट्र, बिहार और झारखंड की महिलाओं ने एक साथ मनाया त्योहारः देश में मकर संक्रांति अलग-अलग नाम से मनाया जाता है. लिहाजा रांची के कांके डैम पार्क में त्योहार मनाने पहुंचें लोगों में भी भारत की समृद्ध परंपरा की झलक दिखी. कांके डैम पार्क परिसर में त्योहार मनाने पहुंचीं महिलाओं में से किसी ने मकर संक्रांति की शुभकामनाएं दी तो किसी ने टुसु की, किसी ने बिहू की शुभकामनाएं दी तो किसी ने लोहड़ी की.इन लोगों ने यह बताया कि भले ही हम अलग-अलग प्रदेश से हों, लेकिन हम सब भारतीय हैं. अपने त्योहार को उल्लासपूर्वक मनाने के साथ-साथ राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने में मददगार साबित होंगे.जरूरत है कि इसी तरह के और भी आयोजन पर्यटन विभाग आगे भी करता रहे.

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झारखंड टूरिज्म की ओर से पलाश पतंग कार्यक्रम का आयोजनः झारखंड टूरिज्म की ओर से मकर संक्रांति के दिन को खास बनाने के लिए कांके डैम पार्क में पलाश पतंग कार्यक्रम में रांची के नगर आयुक्त आईएएस अधिकारी अमित कुमार भी परिवार के साथ पहुंचे थे. उन्होंने भी पतंग उड़ाई और लोगों को मकर संक्रांति की शुभकामनाएं दी. आज के दिन को बेहद खास बनाने के लिए पर्यटन विभाग की ओर से गुजरात, राजस्थान और महाराष्ट्र से खास पतंगबाज बुलाए गए थे. एक से बढ़कर एक आकृति वाले 30 से 40 पतंग थे, लेकिन हवा का बहाव कम होने की वजह से बड़े-बड़े खास आकृति वाले पतंग उड़ाने में परेशानी हुई.

गुजरात के अहमदाबाद से आए पतंगबाज गोपाल पटेल ने कहा कि विभाग के आमंत्रण पर पूरी तैयारी के साथ वह रांची आए थे, लेकिन कम जगह और हवा का बहाव नहीं रहने की वजह से राजधानीवासियों का मनोरंजन करने में थोड़ी कमी रह गई. उन्होंने कहा कि बंगाल टाइगर, घोड़ा, कार्टून कैरेक्टर, रे फिश वाला पतंग आसमान में नहीं उड़ सका, क्योंकि इसका वजन 20 किलो तक का है.

असम, बंगाल, महाराष्ट्र, बिहार और झारखंड की महिलाओं ने एक साथ मनाया त्योहारः देश में मकर संक्रांति अलग-अलग नाम से मनाया जाता है. लिहाजा रांची के कांके डैम पार्क में त्योहार मनाने पहुंचें लोगों में भी भारत की समृद्ध परंपरा की झलक दिखी. कांके डैम पार्क परिसर में त्योहार मनाने पहुंचीं महिलाओं में से किसी ने मकर संक्रांति की शुभकामनाएं दी तो किसी ने टुसु की, किसी ने बिहू की शुभकामनाएं दी तो किसी ने लोहड़ी की.इन लोगों ने यह बताया कि भले ही हम अलग-अलग प्रदेश से हों, लेकिन हम सब भारतीय हैं. अपने त्योहार को उल्लासपूर्वक मनाने के साथ-साथ राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने में मददगार साबित होंगे.जरूरत है कि इसी तरह के और भी आयोजन पर्यटन विभाग आगे भी करता रहे.

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