रांची: राजधानी रांची में सप्लाई वाटर के लिए मीटर लगाना अनिवार्य है. रांची नगर निगम में रेवेन्यू कलेक्शन समेत सभी लोगों को सही मायने में पानी मुहैया हो सके, इसके लिए अच्छी गुणवत्ता वाले मीटर लगाए जाने को अनिवार्य किया गया है, साथ ही ग्लोबल वार्मिंग जैसे विभिन्न कारकों और लगातार बढ़ती जनसंख्या की जरूरतों को देखते हुए पानी की बढ़ती मांग और जल संसाधनों में गिरावट के साथ जल संरक्षण की दिशा में भी रांची नगर निगम प्रयास कर रहा है. इसके तहत सामुदायिक रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम भी बनाए जाने की शुरुआत की गई है, ताकि जल स्तर को दुरुस्त किया जा सके.
शहर में 30 से 35 हजार ही वैध कनेक्शन हैं, जबकि लाखों लोग अवैध रूप से पानी ले रहे हैं. रांची नगर निगम की ओर से लोगों को यह भी बताने का प्रयास किया जा रहा है, कि मीटर लगे रहने से पानी की बर्बादी भी रुकेगी और जितना पानी इस्तेमाल होगा उतना का ही चार्ज चुकाना होगा.
मीटर चेकिंग अभियान अभी नहीं हुआ शुरू
हालांकि अभी रांची नगर निगम की ओर से पानी के मीटर की चेकिंग को लेकर अभियान शुरू नहीं किया गया है. नगर आयुक्त मुकेश कुमार ने कहा है कि सफाई अपने घर से अभियान 2.0 के तहत मीटर चेकिंग अभियान भी शुरू किए जाएगा, साथ ही अन्य मुद्दों पर भी अभियान चलाया जाएगा. उन्होंने बताया कि फिलहाल जहां से अनाधिकृत रूप से डीप बोरिंग की शिकायत मिल रही है, उस पर कार्रवाई की जा रही है, ताकि जलस्तर में सुधार हो सके.
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रांची नगर निगम को रेवेन्यू का नुकसान
वहीं शहर के डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय का मानना है कि पानी मीटर से नगर निगम को रेवेन्यू जेनरेट करना चुनौती से कम नहीं है. उन्होंने कहा कि पानी मीटर का चेकिंग अभियान नहीं चलाया जा सका है. शहर में 50% से ज्यादा अवैध वाटर कनेक्शन हैं, इसे हटाने का प्रयास भी कई बार किया गया, लेकिन प्रशासनिक कमी और मैन पावर की कमी के कारण घर-घर जांच कर नहीं हटाया जा पा रहा है, जिससे नगर निगम को रेवेन्यू का नुकसान भी हो रहा है. उन्होंने कहा कि नगर विकास सचिव, पेयजल विभाग सचिव और नगर आयुक्त के आपसी कोऑर्डिनेशन बनने के बाद हर घर पानी और वाटर मीटर को लेकर बड़े पैमाने पर अभियान चलाए जाएंगे.
पानी सप्लाई में सुधार की जरूरत
वहीं इन सबसे परे सबसे बड़ी समस्या आम जनता की है. कभी सप्लाई पानी गंदा आता है, तो कभी समय पर नहीं आता. आलम यह है कि लोग वाटर कनेक्शन का चार्ज तो चुका रहे हैं, लेकिन सही तरीके से पानी नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में स्थानीय लोगों का साफ कहना है कि पहले पानी की सप्लाई में सुधार करना चाहिए, तब मीटर चेकिंग को लेकर अभियान चलाया जाना चाहिए.