रांची: झारखंड में शिक्षक बहाली शुरू होने से पहले ही अभ्यर्थियों का आंदोलन शुरू होने जा रहा है. अभ्यर्थी ऑनलाइन आंदोलन की तैयारी में हैं. 9 मई से 11 मई तक सोशल मीडिया के जरिए खासकर ट्विटर पर यह आंदोलन चलाया जाएगा. दरअसल, शिक्षक नियुक्ति से पहले झारखंड में सहायक अध्यापक नियुक्ति विवादों में आता हुआ दिख रहा है. टेट पास अभ्यर्थी जहां उम्र सीमा में छूट की मांग कर रहे हैं, वहीं बिहार की तर्ज पर यहां कि शिक्षक नियुक्ति में भी झारखंड के ही मूलवासी छात्रों को स्थान देने की मांग कर रहे हैं. इसके अलावा राज्य सरकार के द्वारा झारखंड के सीटेट पास अभ्यर्थियों को सहायक शिक्षक नियुक्ति में अब तक शामिल नहीं किए जाने का निर्णय नहीं लिए जाने से अभ्यर्थी नाराज हैं.
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चलेगा ट्विटर अभियान: नाराज अभ्यर्थियों ने सरकार पर दबाव बनाने के उद्देश्य से मंगलवार से सोशल मीडिया के जरिए आंदोलन शुरू करने का निर्णय लिया है. यह आंदोलन 11 मई तक चलेगा. ट्विटर के जरिए आंदोलन करने की तैयारी पूरी कर ली गई है. इस ट्विटर अभियान में अभ्यर्थी #valid_ctet_in_jharkhand के साथ मुख्यमंत्री को टैग करते हुए ट्वीट करेंगे. इसमें राज्य भर के सभी सीटेट उत्तीर्ण अभ्यर्थी मुख्यमंत्री से भावनात्मक अपील करते हुए 50 से 60 सेकंड्स का वीडियो भी बनाकर मुख्यमंत्री को टैग करेंगे.
शिक्षक नियुक्ति में झारखंड के छात्रों के हितों का सरकार रखे ख्याल: राज्य में 25,996 पदों पर प्राथमिक शिक्षक बहाली प्रक्रिया शुरू होने वाली है. इसकी घोषणा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पिछले दिनों ही की है. अभी के शिक्षक भर्ती नियम के अनुसार, इन पदों की भर्ती प्रक्रिया में सिर्फ वही लोग शामिल हो सकते हैं, जिसने झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा (JTET)पास की है, लेकिन जो झारखंडी छात्र/छात्राएं केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (CTET) पास हैं, उन्हें इस शिक्षक बहाली प्रक्रिया में अभी तक शामिल नहीं किया गया है, जिससे झारखंडी CTET पास विद्यार्थी आहत हैं.
राज्य गठन के बाद केवल दो ही बार JTET का हुआ आयोजन: सीटेट पास अभ्यर्थी सूरज मंडल के अनुसार राज्य गठन से अब तक केवल दो ही बार JTET का आयोजन हुआ है. पहली बार 2013 और दूसरी बार 2016 में इसका आयोजन किया गया है. NCTE के नियमानुसार, हरेक राज्य को अपने राज्य में शिक्षक पात्रता परीक्षा प्रत्येक साल कम से कम एक बार आयोजन करना चाहिए. अगर राज्य सरकार शिक्षक पात्रता परीक्षा का आयोजन किसी कारणवश कराने में सक्षम नहीं हो पाती है तो ऐसी स्थिति में CTET को शिक्षक बहाली प्रक्रिया में शामिल कर सकती है. दुर्भाग्य यह है कि इस राज्य में शिक्षक बहाली प्रक्रिया 6 सालों से हुआ ही नहीं है और तो और ना ही CTET को मान्यता दी गई है.
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इन अभ्यर्थियों की मांग है कि झारखंड में भी सीटेट को मान्य किया जाए, क्योंकि पिछले 7 वर्षों से जेटेट की परीक्षा का आयोजन नहीं हुआ है. ऐसे में यदि शिक्षक बहाली प्रक्रिया शुरू की जाती है तो 2016 के बाद हजारों प्रशिक्षित CTET पास अभ्यर्थी इस शिक्षक बहाली से सीधे वंचित हो जाएंगे.