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एक साल पूरा होने पर रिपोर्ट कार्ड जारी करेगी सरकार, उपलब्धियां लेकर जन-जन तक जाएगी कांग्रेस

हेमंत सरकार के एक साल पूरा होने पर सरकार की ओर से रिपोर्ट कार्ड जारी किया जाएगा. कांग्रेस उस रिपोर्ट कार्ड को लेकर जनता के बीच में जाएगी और लोगों को सरकार के काम के बारे में बताएगी.

झारखंड कांग्रेस कार्यालय, Jharkhand Congress News
झारखंड कांग्रेस कार्यालय
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Published : Dec 5, 2020, 5:36 PM IST

रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और प्रदेश अध्यक्ष सह वित्त मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव के नेतृत्व में गठबंधन सरकार एक वर्ष पूरा करने जा रही है. एक वर्ष का कार्यकाल पूरा होने के उपलक्ष्य में जहां सरकार की ओर से उपलब्धियों और कार्यां को लेकर रिपोर्ट कार्ड जारी किया जाएगा. वहीं पार्टी की ओर से इन उपलब्धियों और कार्यों को जन-जन तक ले जाने के लिए व्यापक योजना बनायी गयी है.

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे ने शनिवार को कहा कि पूर्ववर्ती रघुवर दास सरकार के शासनकाल में एक व्यक्ति के द्वारा ही सारे निर्णय लिये जाते थे और उसे जनता पर थोप दिया जाता था, लेकिन हेमंत सोरेन सरकार में सभी निर्णय सामूहिकता से लिए जाते हैं और कई बार यह देखने को भी विभिन्न राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों के सुझाव पर भी सरकार ने अपने फैसले में संशोधन किया है. इसका ज्वलंत उदाहरण हाल में तब देखने को मिला, जब छठ महापर्व को लेकर जारी गाइडलाइन में सरकार द्वारा आवश्यक संशोधन किया गया.

उन्होंने कहा कि पिछली सरकार में सभी निर्णय एक तानाशाह शासक के रूप में लिये जाते थे. जिसका जनता ने भी कई बार खुलकर सड़कों पर विरोध किया. भूमि अधिग्रहण और सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन के खिलाफ पूरे राज्य में जबर्दस्त आंदोलन हुआ और सरकार को अपना निर्णय वापस लेने के लिए विवश होना पड़ा.

रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और प्रदेश अध्यक्ष सह वित्त मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव के नेतृत्व में गठबंधन सरकार एक वर्ष पूरा करने जा रही है. एक वर्ष का कार्यकाल पूरा होने के उपलक्ष्य में जहां सरकार की ओर से उपलब्धियों और कार्यां को लेकर रिपोर्ट कार्ड जारी किया जाएगा. वहीं पार्टी की ओर से इन उपलब्धियों और कार्यों को जन-जन तक ले जाने के लिए व्यापक योजना बनायी गयी है.

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे ने शनिवार को कहा कि पूर्ववर्ती रघुवर दास सरकार के शासनकाल में एक व्यक्ति के द्वारा ही सारे निर्णय लिये जाते थे और उसे जनता पर थोप दिया जाता था, लेकिन हेमंत सोरेन सरकार में सभी निर्णय सामूहिकता से लिए जाते हैं और कई बार यह देखने को भी विभिन्न राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों के सुझाव पर भी सरकार ने अपने फैसले में संशोधन किया है. इसका ज्वलंत उदाहरण हाल में तब देखने को मिला, जब छठ महापर्व को लेकर जारी गाइडलाइन में सरकार द्वारा आवश्यक संशोधन किया गया.

उन्होंने कहा कि पिछली सरकार में सभी निर्णय एक तानाशाह शासक के रूप में लिये जाते थे. जिसका जनता ने भी कई बार खुलकर सड़कों पर विरोध किया. भूमि अधिग्रहण और सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन के खिलाफ पूरे राज्य में जबर्दस्त आंदोलन हुआ और सरकार को अपना निर्णय वापस लेने के लिए विवश होना पड़ा.

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