रांची: कोविड-19 महामारी के बीच एक बार फिर नर्स की सेवा और त्याग की कहानियां आम हो रहीं हैं. 12 मई यानी अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस पर जब हम ऐसी घटनाओं को याद करते हैं तो प्रदेश की राजधानी रांची में भी तमाम नर्स अपनी सेवाएं इंसानियत की मिसाल पेश करती नजर आती हैं. ईटीवी भारत की टीम आज ऐसी नर्स से आपको रूबरू करा रहा है, जिन्होंने अपनी नींद और सुकून त्याग कर देवदूत बनकर कोविड-19 संक्रमितों की सेवा की और उनको मौत के मुंह से निकाल लाईं. उनकी सेवा ही थी, जिससे सैकड़ों मरीज स्वस्थ होकर घर लौटे और उनके प्यारों के चेहरों पर मुस्कान आ सकी.
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नर्स इंचार्ज राम रेखा ने साझा किए विचार
नर्स इंचार्ज राम रेखा बताती हैं कि कई बार पॉजिटिव होने के बावजूद भी हमने हार नहीं मानी. हम बार-बार कोरोना मरीजों की सेवा करने कोरोना वार्ड पहुंच जाते हैं, ताकि कोरोना के मरीजों को किसी भी तरह की कोई परेशानी न हो सके और वह ठीक होकर जल्द से जल्द अस्पताल से अपने घर और अपनों के बीच जा सकें. मरीजों की सेवा करते करते सिर्फ वो ही नहीं, बल्कि उनका पूरा परिवार संक्रमित हो गया तो रिम्स और राज्य के कई अस्पतालों की नर्सों ने कोरोना मरीजों का इलाज करते हुए अपनी जान गंवा दी. इसके बावजूद भी वो अपने कार्यपथ पर चले जा रही हैं और आगे भी निर्भीक होकर चलती रहेंगी.
![nurses in ranchi are selflessly giving their service to corona patients](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/11728245_image.jpg)
कोई महामारी हमें रोक नहीं सकतीः ईवा एक्का
नर्स ईवा एक्का बताती हैं कि भले ही हमें लाख परेशानी हो जाए, लेकिन हमारा धर्म लोगों की सेवा करना है और हमें अपने धर्म का पालन करने से कोई महामारी नहीं रोक सकती. वो बताती हैं कि कई बार हमें संसाधन की कमी से जूझना पड़ता है, लेकिन हम अपनी सेवा भावना से संसाधनों की कमी को दूर कर मरीज की जान बचाने का काम करते हैं.
लोगों का व्यवहार हमारे साथ ठीक नहींः मेझरेन लकड़ा
नर्स डे के मौके पर सिस्टर मेझरेन लकड़ा बताती हैं कि कई बार सेवा करते करते कुछ मरीजों की जान चली जाती है, तो ज्यादातर मरीज स्वस्थ होकर घर भी जाते हैं लेकिन उसके बावजूद भी लोग नर्सों से अच्छा व्यवहार नहीं करते. ऐसे लोगों से हम अपील करना चाहेंगे कि अस्पताल में एक नर्स अपने मरीजों की सेवा मां की तरह करती हैं क्योंकि उस मरीज से नर्स का भावना जुड़ जाती है.
![nurses in ranchi are selflessly giving their service to corona patients](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/11728245_image1.jpg)
मरीज के स्वस्थ होने से मिलती है खुशीः प्रीति कुमारी
राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में पिछले 2 साल से कोरोना की ड्यूटी कर रहीं नर्स प्रीति कुमारी बताती हैं भगवान ने हमें लोगों को सेवा के लिए भेजा है. इसीलिए हम निःस्वार्थ भाव से लोगों की सेवा में दिन रात लगे हैं, ताकि हमारे राज्य के लोग स्वस्थ रहें. उन्होंने बताया कि जब मरीज स्वस्थ होकर अपने घर जाता है, तो हमें बहुत खुशी होती है. लेकिन यदि किसी कारण मरीज की मौत होती है, तो हमें बहुत अफसोस होता है.
इसलिए मनाते हैं नर्स दिवस
12 मई को अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस मनाया जाता है. इसी दिन विश्व की सबसे प्रसिद्ध नर्स फ्लोरेंस नाइटेंगल को याद कर दुनिया भर की नर्स दिन-रात मरीजों की सेवा करने का संकल्प लेती हैं.