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रांची: झारखंड में कोई इलाका रेड जोन नहीं, 3 लाख से अधिक लोग लौटे वापस, 3 जिलों में अबतक एक भी पॉजिटिव केस नहीं

झारखंड में अबतक तीन लाख से अधिक प्रवासी वापस लौट चुके हैं. इनमें 1,38,000 से अधिक लोग ट्रेनों से लौटे हैं, जबकि एक लाख से अधिक लोग बसों से लौटे हैं. झारखंड का कोई भी इलाका अब रेड जोन की श्रेणी में नहीं है. वही खूंटी, पाकुड़ और साहिबगंज ऐसे जिले हैं जहां एक भी कोरोना पॉजिटिव केस अबतक नहीं पाया गया है.

No more red zone in Jharkhand, three lakh migrants returned
स्टेट नोडल पदाधिकारी की पीसी
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Published : May 22, 2020, 8:56 PM IST

रांची: वैश्विक महामारी कोरोना के मद्देनजर लगे लॉकडाउन 4 की मौजूदा स्थिति तक झारखंड में तीन लाख से अधिक प्रवासी वापस लौट चुके हैं. इनमें 1,38,000 से अधिक लोग ट्रेनों से लौटे हैं, जबकि एक लाख से अधिक लोग बसों से लौटे हैं. उसके अलावा बड़ी संख्या में अलग-अलग माध्यमों से भी वापस लौटे हैं. आपदा एवं प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव अमिताभ कौशल ने बताया कि अब तक 3,15,000 से अधिक लोग झारखंड लौट चुके हैं.

देखें पूरी खबर
सीएस ने लिखी राज्यों को चिट्ठी, डिस्पैचिंग स्टेट शेयर करे शेड्यूल

हालांकि इस मौके पर कोविड-19 के मद्देनजर बनी कमेटी को हेड कर रहे राज्य के नोडल पदाधिकारी एपी सिंह ने कहा कि मुख्य सचिव ने अलग-अलग राज्यों को दो पत्र लिखे हैं, जिसमें साफ कहा गया है कि डिस्पैचिंग स्टेट को झारखंड से एनओसी लेने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि बात सामने आ रही है कि लोग फर्जी आईडेंटिटी बनाकर भी वापस आ रहे हैं, हालांकि वैसे लोगों को भी उनके संबंधित राज्यों में भेज दिया गया है. उन्होंने बताया कि अब तक दूसरे देशों से झारखंड के 18 प्रवासी लौटे हैं. उनमें 13 लोगों को गया एयरपोर्ट से रिसीव कर झारखंड में क्वॉरेंटाइन किया गया है, जबकि पांच देश के अन्य भागों में क्वॉरेंटाइन में हैं. उन्होंने कहा कि मिनिस्ट्री ऑफ एक्सटर्नल अफेयर के आंकड़े के अनुसार झारखंड के 1300 लोग दूसरे देशों से वापस आ सकते हैं.

इसे भी पढे़ं:- मानवता की मिसाल पेश कर रहा 'मिशन ब्लू फाउंडेशन', लाख लोगों की कर चुके हैं मदद

कुल 200 ट्रेनें आएंगी झारखंड

वहीं, परिवहन के नोडल ऑफिसर के रवि कुमार ने बताया कि अब तक 102 ट्रेनें आ चुकी है और 22 मई तक 14 और ट्रेनें पहुंचेंगी, उन 14 ट्रेनों में 19500 लोग आएंगे. उन्होंने कहा कि 4 राज्यों से आई राजधानी ट्रेनों से लगभग 4426 लोग आए, जबकि राज्य से वापस जाने वाले लोगों की संख्या 3688 है. उन्होंने कहा कि अभी तक 83 और ट्रेनों को एनओसी दिया गया है. कुल मिलाकर के लगभग 200 ट्रेनें झारखंड आ रही है. वहीं एअरलिफ्ट करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने भी गृह मंत्रालय को पत्र लिखा है, लेकिन अभी तक उस पर कोई इजाजत नहीं मिली है. उन्होंने कहा कि डिस्पैचिंग स्टेट को ही तय करना है कि वह वहां से आने वाले मजदूरों को कैसे और कब भेजेगा. केवल ट्रेनों के शेडूल झारखंड उसके साथ शेयर करनी है.

7042 क्वॉरेंटाइन सेंटर हैं एक्टिव

आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव अमिताभ कौशल ने कहा कि आंकड़ों के अनुसार राज्य में फिलहाल 7042 क्वॉरेंटाइन सेंटर है. वहीं सरकारी क्वॉरेंटाइन में 1,12,189 लोग हैं, जबकि होम क्वॉरेंटाइन में 1,57,941 लोग हैं. उन्होंने बताया कि कोविड-19 के मद्देनजर अब तक 74.53 करोड़ रुपए का अलॉटमेंट किया गया है, जिसमें सबसे अधिक हेल्थ सेक्टर के लिए 25 करोड़ दिए गए हैं. वहीं उन्होंने बताया कि सरकारी क्वॉरेंटाइन में रह रहे लोगों के भोजन के मद में प्रतिदिन 60 रुपये खर्च हो रहे हैं.

राज्य में अबतक 169 एक्टिव पॉजिटिव मामले

वहीं स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव नितिन मदन कुलकर्णी ने बताया कि 21 मई तक राज्य में 308 पॉजिटिव केस है, जिसमें 136 स्वस्थ होकर वापस चले गए, जबकि तीन की मौत हुई है. उन्होंने बताया कि 169 फिलहाल एक्टिव केस हैं. वही उन्होंने बताया कि झारखंड की रिकवरी रेट 44.20 प्रतिशत है, जो कि नेशनल एवरेज 41% से ज्यादा अच्छा है. वहीं उन्होंने कहा कि राज्य की मृत्यु दर .97% है, जबकि पॉजिटिविटी रेट 70% है. उन्होंन कहा कि डबलिंग रेट 11.6 दिन है, जबकि राष्ट्रीय एवरेज 13.18 दिन का है.

झारखंड में कोई रेड जोन नहीं, 3 जिलों में अबतक पॉजिटिव केस नहीं

स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि झारखंड का कोई भी इलाका अब रेड जोन की श्रेणी में नहीं है, वही खूंटी, पाकुड़ और साहिबगंज ऐसे जिले हैं जहां एक भी कोरोना पॉजिटिव केस नहीं आया है. उन्होंने बताया कि सबसे अधिक मुंबई से लौटे प्रवासी लोगों ने कोरोना संक्रमण पाया गया. उन्होंने बताया कि 9378 वैसे लोगों की जांच की गई, जिनमें से 9279 नेगेटिव पाया गया. वहीं राज्य एक कंटेनमेंट इलाकों के बारे में बताया कि फिलहाल 106 कंटेनमेंट जोन है. राज्य में 10 और मशीनें लगाई गई है. उन्होंने बताया कि मई महीने में अबतक 3070 डिलीवरी हुई है जबकि अप्रैल महीने में 26870 डिलीवरी कराई गई थी.

रांची: वैश्विक महामारी कोरोना के मद्देनजर लगे लॉकडाउन 4 की मौजूदा स्थिति तक झारखंड में तीन लाख से अधिक प्रवासी वापस लौट चुके हैं. इनमें 1,38,000 से अधिक लोग ट्रेनों से लौटे हैं, जबकि एक लाख से अधिक लोग बसों से लौटे हैं. उसके अलावा बड़ी संख्या में अलग-अलग माध्यमों से भी वापस लौटे हैं. आपदा एवं प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव अमिताभ कौशल ने बताया कि अब तक 3,15,000 से अधिक लोग झारखंड लौट चुके हैं.

देखें पूरी खबर
सीएस ने लिखी राज्यों को चिट्ठी, डिस्पैचिंग स्टेट शेयर करे शेड्यूल

हालांकि इस मौके पर कोविड-19 के मद्देनजर बनी कमेटी को हेड कर रहे राज्य के नोडल पदाधिकारी एपी सिंह ने कहा कि मुख्य सचिव ने अलग-अलग राज्यों को दो पत्र लिखे हैं, जिसमें साफ कहा गया है कि डिस्पैचिंग स्टेट को झारखंड से एनओसी लेने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि बात सामने आ रही है कि लोग फर्जी आईडेंटिटी बनाकर भी वापस आ रहे हैं, हालांकि वैसे लोगों को भी उनके संबंधित राज्यों में भेज दिया गया है. उन्होंने बताया कि अब तक दूसरे देशों से झारखंड के 18 प्रवासी लौटे हैं. उनमें 13 लोगों को गया एयरपोर्ट से रिसीव कर झारखंड में क्वॉरेंटाइन किया गया है, जबकि पांच देश के अन्य भागों में क्वॉरेंटाइन में हैं. उन्होंने कहा कि मिनिस्ट्री ऑफ एक्सटर्नल अफेयर के आंकड़े के अनुसार झारखंड के 1300 लोग दूसरे देशों से वापस आ सकते हैं.

इसे भी पढे़ं:- मानवता की मिसाल पेश कर रहा 'मिशन ब्लू फाउंडेशन', लाख लोगों की कर चुके हैं मदद

कुल 200 ट्रेनें आएंगी झारखंड

वहीं, परिवहन के नोडल ऑफिसर के रवि कुमार ने बताया कि अब तक 102 ट्रेनें आ चुकी है और 22 मई तक 14 और ट्रेनें पहुंचेंगी, उन 14 ट्रेनों में 19500 लोग आएंगे. उन्होंने कहा कि 4 राज्यों से आई राजधानी ट्रेनों से लगभग 4426 लोग आए, जबकि राज्य से वापस जाने वाले लोगों की संख्या 3688 है. उन्होंने कहा कि अभी तक 83 और ट्रेनों को एनओसी दिया गया है. कुल मिलाकर के लगभग 200 ट्रेनें झारखंड आ रही है. वहीं एअरलिफ्ट करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने भी गृह मंत्रालय को पत्र लिखा है, लेकिन अभी तक उस पर कोई इजाजत नहीं मिली है. उन्होंने कहा कि डिस्पैचिंग स्टेट को ही तय करना है कि वह वहां से आने वाले मजदूरों को कैसे और कब भेजेगा. केवल ट्रेनों के शेडूल झारखंड उसके साथ शेयर करनी है.

7042 क्वॉरेंटाइन सेंटर हैं एक्टिव

आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव अमिताभ कौशल ने कहा कि आंकड़ों के अनुसार राज्य में फिलहाल 7042 क्वॉरेंटाइन सेंटर है. वहीं सरकारी क्वॉरेंटाइन में 1,12,189 लोग हैं, जबकि होम क्वॉरेंटाइन में 1,57,941 लोग हैं. उन्होंने बताया कि कोविड-19 के मद्देनजर अब तक 74.53 करोड़ रुपए का अलॉटमेंट किया गया है, जिसमें सबसे अधिक हेल्थ सेक्टर के लिए 25 करोड़ दिए गए हैं. वहीं उन्होंने बताया कि सरकारी क्वॉरेंटाइन में रह रहे लोगों के भोजन के मद में प्रतिदिन 60 रुपये खर्च हो रहे हैं.

राज्य में अबतक 169 एक्टिव पॉजिटिव मामले

वहीं स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव नितिन मदन कुलकर्णी ने बताया कि 21 मई तक राज्य में 308 पॉजिटिव केस है, जिसमें 136 स्वस्थ होकर वापस चले गए, जबकि तीन की मौत हुई है. उन्होंने बताया कि 169 फिलहाल एक्टिव केस हैं. वही उन्होंने बताया कि झारखंड की रिकवरी रेट 44.20 प्रतिशत है, जो कि नेशनल एवरेज 41% से ज्यादा अच्छा है. वहीं उन्होंने कहा कि राज्य की मृत्यु दर .97% है, जबकि पॉजिटिविटी रेट 70% है. उन्होंन कहा कि डबलिंग रेट 11.6 दिन है, जबकि राष्ट्रीय एवरेज 13.18 दिन का है.

झारखंड में कोई रेड जोन नहीं, 3 जिलों में अबतक पॉजिटिव केस नहीं

स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि झारखंड का कोई भी इलाका अब रेड जोन की श्रेणी में नहीं है, वही खूंटी, पाकुड़ और साहिबगंज ऐसे जिले हैं जहां एक भी कोरोना पॉजिटिव केस नहीं आया है. उन्होंने बताया कि सबसे अधिक मुंबई से लौटे प्रवासी लोगों ने कोरोना संक्रमण पाया गया. उन्होंने बताया कि 9378 वैसे लोगों की जांच की गई, जिनमें से 9279 नेगेटिव पाया गया. वहीं राज्य एक कंटेनमेंट इलाकों के बारे में बताया कि फिलहाल 106 कंटेनमेंट जोन है. राज्य में 10 और मशीनें लगाई गई है. उन्होंने बताया कि मई महीने में अबतक 3070 डिलीवरी हुई है जबकि अप्रैल महीने में 26870 डिलीवरी कराई गई थी.

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