रांचीः झारखंड में पर्यावरण नियमों को दरकिनार करके नई इमारतों का निर्माण किया जा रहा था, जिस पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने सख्त रूख बरकरार रखा है. झारखंड विधानसभा भवन और हाई कोर्ट के नए भवन का निर्माण में पर्यावरण प्रोटेक्शन नोटिफिकेशन 2006 का उल्लंघन करने पर जुर्माना लगाया गया है.
साथ ही इमारत बनाने वालों के खिलाफ पर्यावरण संरक्षण 1986 के तहत मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया गया है. राज्य के 19 अन्य भवनों के निर्माण को भी पर्यावरण नुकसान के मद्देनजर चिंहित किया गया है.
नहीं ली थी अनुमति
इस मामले पर पूर्वी जमशेदपुर विधायक सरयू राय ने कहा कि राज्य में निजी बिल्डर ही नहीं, बल्कि सरकारी क्षेत्र के विभाग भी इसका उल्लंघन कर रहे थे. भवन निर्माण विभाग ने नए विधानसभा भवन और हाई कोर्ट का निर्माण किया और इन्होंने पर्यावरण की अनुमति नहीं ली.
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इमारतों का निर्माण करने वालों पर जुर्माना
साथ ही विधायक सरयू राय ने कहा कि 2006 में आए नियम के मुताबिक 20 हजार वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्रफल की कोई इमारत बनती है तो उसके लिए पर्यावरण स्वीकृति जरूरी है. चार साल पहले बने झारखंड हाई कोर्ट और विधानसभा भवन निर्माण में अनुमति नहीं ली गई. ऐसे ही राज्य के जमशेदपुर, रांची, धनबाद में बनी कई इमारतें और मेडिकल कॉलेज के निर्माण में अनुमति नहीं ली गई.
साथ ही विधायक ने बताया कि एनजीटी ने फैसला लिया है कि हाई कोर्ट, विधानसभा भवन और इमारतों का निर्माण करने वालों पर जुर्माना लगाया जाएगा. नए विधानसभा भवन का निर्माण करने वाले पर 47 करोड़ और हाई कोर्ट के नए भवन का निर्माण करने वालों पर करीब 66 से 67 के करीब जुर्माना लगाया जाएगा. वहीं, विधायक ने कहा कि, आने वाले दिनों में कोई भी सरकारी अधिकारी ऐसी गलती न करें, इसके लिए जुर्माने की राशि उनके भागीदारी से लिया जाना चाहिए.