रांची: झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा के लिए जब बीते साल 2024 के जुलाई महीने में जैक ने आवेदन मांगा तो लगा कि आठ साल बाद राज्य में टेट परीक्षा का रास्ता साफ हो गया है. जैक ने भी उत्साहित होकर 23 जुलाई से 26 अगस्त 2024 तक ऑनलाइन आवेदन लिए जिसमें करीब 3.50 लाख छात्रों ने भागीदारी निभाई.
इन सबके बीच शिक्षा विभाग ने जेटेट के सिलेबस में बदलाव होने का हवाला देते हुए परीक्षा आयोजित करने पर रोक लगा दी, जो कैबिनेट की मंजूरी की प्रत्याशा में है. जैक अध्यक्ष अनिल कुमार महतो से जेटेट को लेकर पूछा गया तो उन्होंने ने भी विवशता जाहिर की. इसे देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि शिक्षक पात्रता परीक्षा को लेकर सरकार कितनी गंभीर है. अगर निकट भविष्य में कैबिनेट की मंजूरी मिल भी जाती है तो जैक की प्राथमिकता सबसे पहले मैट्रिक-इंटर परीक्षा को लेकर होगी तत्पश्चात ही जेटेट आयोजित हो सकेगा.
'बदले हुए सिलेबस की मंजूरी कैबिनेट से होगी उसके बाद हमें जब परीक्षा के लिए आदेश प्राप्त होगा तभी हम ले पाएंगे. इससे पहले जैक एक बार फिर इस संबंध में सूचना जारी करेगा. नए सिलेबस के आधार पर एक बार फिर आवेदन के लिए पोर्टल खोलकर अभ्यर्थियों से आवेदन मांगे जायेंगे.'-अनिल कुमार महतो, जैक अध्यक्ष
25 वर्ष में महज 2 बार हुई शिक्षक पात्रता परीक्षा
राज्य गठन के बाद से महज 2 बार झारखंड में शिक्षक पात्रता परीक्षा आयोजित की गई है. 2013 में पहली बार परीक्षा आयोजित किए गए जिसमें 68 हजार अभ्यर्थी सफल हुए थे. दूसरी बार साल 2016 में शिक्षक पात्रता परीक्षा आयोजित हुई जिसमें 53 हजार अभ्यर्थी पास हुए थे. ऐसे में काफी जद्दोजहद के बाद जैक द्वारा निकाली गई जेटेट से छात्रों को उम्मीद जगी कि इस बार परीक्षा हो जायेगा मगर एक के बाद एक आ रही बाधा से अभ्यर्थी निराश हैं.
सीटेट के तर्ज पर सिलेबस रखने की है तैयारी
राज्य सरकार सीटेट के तर्ज पर जेटेट का सिलेबस रखने की तैयारी कर रही है. जेटेट में प्राथमिक कक्षा एक से पांच के लिए और उच्च प्राथमिक कक्षा 6 से 8 के लिए दो घंटा 30 मिनट की परीक्षा होगी. नए बदलाव के तहत झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा में अब अभ्यर्थियों को परीक्षा पास करने के लिए सभी विषयों में अलग-अलग पास करने की आवश्यकता नहीं होगी.
अभ्यर्थी ओवरऑल कटऑफ के आधार पर परीक्षा पास कर सकेंगे. पूर्व में अलग अलग विषयों में पास होना अनिवार्य था. इस परीक्षा में सामान्य जाति के उम्मीदवार के लिए ओवरऑल न्यूनतम प्राप्तांक 60%,अनुसूचित जाति के लिए 50%, अनुसूचित जनजाति के लिए 50%, अत्यंत पिछड़ा वर्ग 55%, पिछड़ा वर्ग 55% और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग 55% और दिव्यांग कोटि के अभ्यर्थी के लिए 50% लाना अनिवार्य होगा. इसके अलावा परीक्षा के सिलेबस और प्रश्न की कठिनाई के स्तर को भी सरल किया जा रहा है. नियमावली के प्रावधानों को एनसीटीई के अनुरूप करने की तैयारी की गई है जिसके तहत कक्षा 1 से 5 की परीक्षा के लिए 11वीं और 12वीं के सिलेबस और कक्षा 6 से 8 के लिए सिलेबस राज्य के विश्वविद्यालय के सिलेबस के अनुरूप रखने की तैयारी है.
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