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Ranchi News: झारखंड में कोरोना संक्रमण की आपात स्थिति से निपटने को तैयार स्वास्थ्य महकमा! सरकारी अस्पतालों में हुआ मॉक ड्रिल - ईटीवी भारत न्यूज

झारखंड में कोरोना संक्रमण की आपात स्थिति को लेकर प्रदेश के सरकारी अस्पताल में मॉक ड्रिल किया गया. जिसमें स्वास्थ्य अधिकारियों ने राजधानी के रांची सदर अस्पताल और रिम्स में मॉक ड्रिल किया.

Mock drill at government hospitals regarding corona in Jharkhand
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Published : Apr 1, 2023, 1:21 PM IST

Updated : Apr 1, 2023, 2:43 PM IST

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रांचीः कोरोना एक बार फिर से डरा रहा है. केरल, महाराष्ट्र, कर्नाटक सहित देश के कई हिस्सों में कोरोना संक्रमितों की संख्या में तेजी के बाद झारखंड भी पूरी तरह अलर्ट मोड में है. पिछले एक सप्ताह से राज्य के अलग अलग जिलों से भी कोरोना संक्रमित नए केस मिल रहे हैं. इसके बाद स्वास्थ्य विभाग अपनी तैयारियों को परखने के लिए सभी सरकारी अस्पतालों में कोरोना संक्रमित मरीज का इलाज की व्यवस्था जांचने के लिए मॉक ड्रिल किया. रांची सदर अस्पताल और रिम्स में भी कोरोना मॉक ड्रिल किया गया.

इसे भी पढ़ें- Covid-19 Alert In Jharkhand: झारखंड में कोरोना के बढ़ते मामले को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट, प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में मॉक ड्रिल

कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए अस्पतालों में उपलब्ध संसाधन कितने एक्टिव है, इसकी जांच डमी मरीज के लिए मॉक ड्रिल से हुआ. मॉक ड्रिल में यह दिखाया गया कि सदर अस्पताल प्रबंधन को यह जानकारी मिलती है कि मोरहाबादी के अजीत का कोरोना जांच RTPCR पॉजिटिव आयी है और उसे सांस लेने में भी दिक्कत हो रही है. यह जानकारी मिलते ही सदर अस्पताल का क्विक रेस्पॉन्स टीम अलर्ट हो जाता है. PPE किट में स्वास्थ्यकर्मी एम्बुलेंस से जाकर संक्रमित मरीज को सदर अस्पताल लाते हैं और डॉक्टरों की पूरी टीम इलाज में लग जाती है और मरीज को वेंटिलेटर सपोर्ट भी दिया जाता है.

रांची सदर अस्पताल में 800 किलो लीटर प्रति मिनट की क्षमता के दो PSA प्लांट हैं जो हवा से 1600 किलो लीटर प्रति मिनट ऑक्सीजन बनाता है जो 160 बेड के लिए पर्याप्त हैं. इसके अलावा 100 किलो लीटर का PSA प्लांट भी सदर अस्पताल में है जो पीएम केअर फंड से बना है. इसके अलावा 235 आक्सीजन कंसन्ट्रेशन भी सदर अस्पताल में उपलब्ध है, 60 बेड को आपात स्थिति में कोरोना बेड में तब्दील कर देने के लिए चिन्हित करके रखा गया है.

रिम्स में भी कोरोना को लेकर मॉक ड्रिल हुआ. मरीज को एम्बुलेंस में ट्रॉमा सेंटर लाया गया, जहां इमरजेंसी में उसका इलाज करने के बाद कोरोना वार्ड में शिफ्ट किया गया. रिम्स में कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए व्यापक व्यवस्था है. PSA प्लांट और लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट क्रियाशील है. वहीं ट्रॉमा सेंटर के एक फ्लोर को जरूरत पड़ने पर तुरंत कोविड क्रिटिकल केयर यूनिट में तब्दील किया जा सकता है.

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रांचीः कोरोना एक बार फिर से डरा रहा है. केरल, महाराष्ट्र, कर्नाटक सहित देश के कई हिस्सों में कोरोना संक्रमितों की संख्या में तेजी के बाद झारखंड भी पूरी तरह अलर्ट मोड में है. पिछले एक सप्ताह से राज्य के अलग अलग जिलों से भी कोरोना संक्रमित नए केस मिल रहे हैं. इसके बाद स्वास्थ्य विभाग अपनी तैयारियों को परखने के लिए सभी सरकारी अस्पतालों में कोरोना संक्रमित मरीज का इलाज की व्यवस्था जांचने के लिए मॉक ड्रिल किया. रांची सदर अस्पताल और रिम्स में भी कोरोना मॉक ड्रिल किया गया.

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कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए अस्पतालों में उपलब्ध संसाधन कितने एक्टिव है, इसकी जांच डमी मरीज के लिए मॉक ड्रिल से हुआ. मॉक ड्रिल में यह दिखाया गया कि सदर अस्पताल प्रबंधन को यह जानकारी मिलती है कि मोरहाबादी के अजीत का कोरोना जांच RTPCR पॉजिटिव आयी है और उसे सांस लेने में भी दिक्कत हो रही है. यह जानकारी मिलते ही सदर अस्पताल का क्विक रेस्पॉन्स टीम अलर्ट हो जाता है. PPE किट में स्वास्थ्यकर्मी एम्बुलेंस से जाकर संक्रमित मरीज को सदर अस्पताल लाते हैं और डॉक्टरों की पूरी टीम इलाज में लग जाती है और मरीज को वेंटिलेटर सपोर्ट भी दिया जाता है.

रांची सदर अस्पताल में 800 किलो लीटर प्रति मिनट की क्षमता के दो PSA प्लांट हैं जो हवा से 1600 किलो लीटर प्रति मिनट ऑक्सीजन बनाता है जो 160 बेड के लिए पर्याप्त हैं. इसके अलावा 100 किलो लीटर का PSA प्लांट भी सदर अस्पताल में है जो पीएम केअर फंड से बना है. इसके अलावा 235 आक्सीजन कंसन्ट्रेशन भी सदर अस्पताल में उपलब्ध है, 60 बेड को आपात स्थिति में कोरोना बेड में तब्दील कर देने के लिए चिन्हित करके रखा गया है.

रिम्स में भी कोरोना को लेकर मॉक ड्रिल हुआ. मरीज को एम्बुलेंस में ट्रॉमा सेंटर लाया गया, जहां इमरजेंसी में उसका इलाज करने के बाद कोरोना वार्ड में शिफ्ट किया गया. रिम्स में कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए व्यापक व्यवस्था है. PSA प्लांट और लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट क्रियाशील है. वहीं ट्रॉमा सेंटर के एक फ्लोर को जरूरत पड़ने पर तुरंत कोविड क्रिटिकल केयर यूनिट में तब्दील किया जा सकता है.

Last Updated : Apr 1, 2023, 2:43 PM IST
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