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झारखंड में 100 करोड़ का मनरेगा घोटाला, ईडी ने राज्य सरकार से मांगी रिपोर्ट - रांची न्यूज

झारखंड में ईडी की कार्रवाई ताबड़तोड़ जारी है. 100 करोड़ के मनरेगा घोटाला मामले में ईडी ने झारखंड सरकार से रिपोर्ट मांगी है. (ED seeks report from Jharkhand government)

ED seeks report from Jharkhand government
ED seeks report from Jharkhand government
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Published : Nov 2, 2022, 5:43 PM IST

रांची: झारखंड में मनरेगा में 100 करोड़ से अधिक का घोटाला हुआ है. इसे लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने झारखंड सरकार के ग्रामीण विकास विभाग से विस्तृत रिपोर्ट तलब की है. ईडी ने घोटाले में संलिप्त लोगों की भूमिका के बारे में भी जानकारी मांगी है, (ED seeks report from Jharkhand government) ताकि उनके खिलाफ प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत कार्रवाई शुरू की जा सके.

ये भी पढ़ें- मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ईडी ने किया समन, गुरुवार को पूछताछ के लिए बुलाया

माना जा रहा है कि इस मामले में राज्य के कई आईएएस और राजनीतिक हस्तियां भी ईडी जांच के रडार पर आ सकती हैं. प्रवर्तन निदेशालय के सहायक निदेशक (इंटेलिजेंस) विनोद कुमार ने राज्य के ग्रामीण विकास विभाग को लिखे पत्र में 100 करोड़ से अधिक के स्कैम के मामले में अब तक की गई एफआईआर, चार्जशीट, कार्रवाई इत्यादि पर रिपोर्ट देने को कहा है. ईडी ने यह भी कहा है कि इस स्कैम में उनके बारे में पूरी जानकारी दी जाए, जिनकी बड़ी भूमिका है.

गौरतलब है कि झारखंड की सीनियर आईएएस पूजा सिंघल को विगत मई महीने में मनरेगा से जुड़े घोटाले के जरिए मनी लॉड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया गया था. वह अब तक जेल में हैं. अब ईडी ने जिस मनरेगा घोटाले पर रिपोर्ट मांगी है, पूजा सिंघल के मामले से इतर है.

दरअसल, मनरेगा की योजनाओं में सामग्री खरीद के नाम पर राज्य के विभिन्न जिलों में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी पकड़ी गई है. ईंट, स्टोन, पशु शेड इत्यादि के नाम पर फर्जी खरीदारी की गई है. एक साल पूर्व राज्य की तत्कालीन ग्रामीण विकास सचिव आराधना पटनायक ने मनरेगा की योजनाओं के तहत 200 करोड़ रुपये की संदिग्ध निकासी का मामला पकड़ा था. पाया गया था कि मार्च 2020 के अंतिम सप्ताह में बड़े पैमाने पर राशि की निकासी की गई थी. सचिव ने कहा था कि यह पूरी तरह से संदेहास्पद लग रहा है. उन्होंने इसकी उच्चस्तरीय जांच की भी अनुशंसा की थी.

रांची: झारखंड में मनरेगा में 100 करोड़ से अधिक का घोटाला हुआ है. इसे लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने झारखंड सरकार के ग्रामीण विकास विभाग से विस्तृत रिपोर्ट तलब की है. ईडी ने घोटाले में संलिप्त लोगों की भूमिका के बारे में भी जानकारी मांगी है, (ED seeks report from Jharkhand government) ताकि उनके खिलाफ प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत कार्रवाई शुरू की जा सके.

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माना जा रहा है कि इस मामले में राज्य के कई आईएएस और राजनीतिक हस्तियां भी ईडी जांच के रडार पर आ सकती हैं. प्रवर्तन निदेशालय के सहायक निदेशक (इंटेलिजेंस) विनोद कुमार ने राज्य के ग्रामीण विकास विभाग को लिखे पत्र में 100 करोड़ से अधिक के स्कैम के मामले में अब तक की गई एफआईआर, चार्जशीट, कार्रवाई इत्यादि पर रिपोर्ट देने को कहा है. ईडी ने यह भी कहा है कि इस स्कैम में उनके बारे में पूरी जानकारी दी जाए, जिनकी बड़ी भूमिका है.

गौरतलब है कि झारखंड की सीनियर आईएएस पूजा सिंघल को विगत मई महीने में मनरेगा से जुड़े घोटाले के जरिए मनी लॉड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया गया था. वह अब तक जेल में हैं. अब ईडी ने जिस मनरेगा घोटाले पर रिपोर्ट मांगी है, पूजा सिंघल के मामले से इतर है.

दरअसल, मनरेगा की योजनाओं में सामग्री खरीद के नाम पर राज्य के विभिन्न जिलों में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी पकड़ी गई है. ईंट, स्टोन, पशु शेड इत्यादि के नाम पर फर्जी खरीदारी की गई है. एक साल पूर्व राज्य की तत्कालीन ग्रामीण विकास सचिव आराधना पटनायक ने मनरेगा की योजनाओं के तहत 200 करोड़ रुपये की संदिग्ध निकासी का मामला पकड़ा था. पाया गया था कि मार्च 2020 के अंतिम सप्ताह में बड़े पैमाने पर राशि की निकासी की गई थी. सचिव ने कहा था कि यह पूरी तरह से संदेहास्पद लग रहा है. उन्होंने इसकी उच्चस्तरीय जांच की भी अनुशंसा की थी.

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