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रांची: रिम्स एकेडमिक काउंसिल की बैठक, पीएचडी पढ़ाई की व्यवस्था पर की गई चर्चा

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Published : May 19, 2020, 8:41 PM IST

रिम्स के छात्रों की सुविधा और बेहतर एकेडमिक करियर को देखते हुए अब रिम्स प्रबंधन ने पीएचडी पढ़ाई की व्यवस्था शुरू करने की प्रक्रिया तेज कर दी है. इसको लेकर रिम्स निदेशक ने मंगलवार को बैठक का आयोजन किया.

रिम्स एकेडमिक काउंसिल की बैठक
रिम्स एकेडमिक काउंसिल की बैठक

रांची: रिम्स के छात्रों की सुविधा और बेहतर एकेडमिक करियर को देखते हुए अब रिम्स प्रबंधन ने पीएचडी पढ़ाई की व्यवस्था शुरू करने की कवायद तेज कर दी है. इसको लेकर रिम्स निदेशक डॉ. डीके सिंह के नेतृत्व में एकेडमिक काउंसिल की एक अहम बैठक आयोजित की गई. जिसमें रांची यूनिवर्सिटी के परीक्षा नियंत्रक और रिम्स शासी परिषद के सदस्य डॉ आर के श्रीवास्तव भी मौजूद रहे.

देखें पूरी खबर
बैठक समाप्त होने के बाद रिम्स के निदेशक डॉ. डीके सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि किसी भी संस्था के लिए रिसर्च करना बहुत ही जरूरी है और रिसर्च करने से ही किसी इंस्टीट्यूट का नाम आगे बढ़ता है. इसी को ध्यान में रखते हुए रांची यूनिवर्सिटी के प्रशासन के लोगों के साथ एक बैठक की गई. जिसमें यह चर्चा की गई कि किस प्रकार से पीएचडी की कोर्स रिम्स में शुरू की जाए.छात्रों को मिलेगा सीधा लाभ

रांची यूनिवर्सिटी के परीक्षा नियंत्रक राजेश कुमार ने बताया कि रिम्स में पीएचडी की पढ़ाई शुरू होने के बाद यहां के छात्रों को सीधा लाभ मिलेगा और छात्र अपना ज्ञानवर्धन अपने राज्यों में रहकर कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि रिम्स के माध्यम से आयोजित सभी मेडिकल की फाइनल परीक्षाएं रांची विश्वविद्यालय कंडक्ट कराती थी लेकिन इस बार महामारी की परिस्थितियों को देखते हुए रिम्स प्रबंधन से यह आग्रह किया किया गया है कि इस बार पीजी की परीक्षाएं रिम्स ही कंडक्ट कराया जाए. उन्होंने बताया कि यूजीसी से मिले गाइडलाइन के अनुसार 1 जुलाई से हम लोग परीक्षा आयोजित करा सकते हैं इसीलिए रिम्स प्रबंधन 15 जून तक पीजी के परीक्षा की तिथि की सूचना जारी कर देगी.

शोध से लाई जा सकती है चिकित्सा पद्धति में प्रगति

बैठक में मौजूद रिम्स शासी परिषद के सदस्य डॉ. आरके श्रीवास्तव ने कहा कि शोध से ही चिकित्सा पद्धति में प्रगति लाई जा सकती है इसीलिए जरूरी है कि संस्थान को बेहतर बनाने के लिए छात्रों को रिसर्च कराया जाए. तभी मरीजों को कई तरीकों से उपचार किया जा सकता है अन्यथा बिना शोध के मेडिकल के छात्रों का बौद्धिक विकास होना संभव नहीं है इसीलिए रिम्स प्रबंधन ने पीएचडी की व्यवस्था को चालू करने को लेकर जो भी तैयारियां की जा रही है वह सराहनीय है और पीएचडी की शुरुआत के बाद यहां के छात्र भी मेडिकल के क्षेत्र में कई नए कीर्तिमान रचने का काम करेंगे.

रांची: रिम्स के छात्रों की सुविधा और बेहतर एकेडमिक करियर को देखते हुए अब रिम्स प्रबंधन ने पीएचडी पढ़ाई की व्यवस्था शुरू करने की कवायद तेज कर दी है. इसको लेकर रिम्स निदेशक डॉ. डीके सिंह के नेतृत्व में एकेडमिक काउंसिल की एक अहम बैठक आयोजित की गई. जिसमें रांची यूनिवर्सिटी के परीक्षा नियंत्रक और रिम्स शासी परिषद के सदस्य डॉ आर के श्रीवास्तव भी मौजूद रहे.

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बैठक समाप्त होने के बाद रिम्स के निदेशक डॉ. डीके सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि किसी भी संस्था के लिए रिसर्च करना बहुत ही जरूरी है और रिसर्च करने से ही किसी इंस्टीट्यूट का नाम आगे बढ़ता है. इसी को ध्यान में रखते हुए रांची यूनिवर्सिटी के प्रशासन के लोगों के साथ एक बैठक की गई. जिसमें यह चर्चा की गई कि किस प्रकार से पीएचडी की कोर्स रिम्स में शुरू की जाए.छात्रों को मिलेगा सीधा लाभ

रांची यूनिवर्सिटी के परीक्षा नियंत्रक राजेश कुमार ने बताया कि रिम्स में पीएचडी की पढ़ाई शुरू होने के बाद यहां के छात्रों को सीधा लाभ मिलेगा और छात्र अपना ज्ञानवर्धन अपने राज्यों में रहकर कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि रिम्स के माध्यम से आयोजित सभी मेडिकल की फाइनल परीक्षाएं रांची विश्वविद्यालय कंडक्ट कराती थी लेकिन इस बार महामारी की परिस्थितियों को देखते हुए रिम्स प्रबंधन से यह आग्रह किया किया गया है कि इस बार पीजी की परीक्षाएं रिम्स ही कंडक्ट कराया जाए. उन्होंने बताया कि यूजीसी से मिले गाइडलाइन के अनुसार 1 जुलाई से हम लोग परीक्षा आयोजित करा सकते हैं इसीलिए रिम्स प्रबंधन 15 जून तक पीजी के परीक्षा की तिथि की सूचना जारी कर देगी.

शोध से लाई जा सकती है चिकित्सा पद्धति में प्रगति

बैठक में मौजूद रिम्स शासी परिषद के सदस्य डॉ. आरके श्रीवास्तव ने कहा कि शोध से ही चिकित्सा पद्धति में प्रगति लाई जा सकती है इसीलिए जरूरी है कि संस्थान को बेहतर बनाने के लिए छात्रों को रिसर्च कराया जाए. तभी मरीजों को कई तरीकों से उपचार किया जा सकता है अन्यथा बिना शोध के मेडिकल के छात्रों का बौद्धिक विकास होना संभव नहीं है इसीलिए रिम्स प्रबंधन ने पीएचडी की व्यवस्था को चालू करने को लेकर जो भी तैयारियां की जा रही है वह सराहनीय है और पीएचडी की शुरुआत के बाद यहां के छात्र भी मेडिकल के क्षेत्र में कई नए कीर्तिमान रचने का काम करेंगे.

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