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रांची सिविल सर्जन कार्यालय में नहीं हुई मेडिकल बोर्ड की बैठक, निराश होकर लौटे दिव्यांग - रांची न्यूज

रांची सिविल सर्जन कार्यालय में मेडिकल बोर्ड की बैठक नहीं हुई. इससे दर्जनों की संख्या में दिव्यांगों को बिना दिव्यांगता प्रमाण पत्र लिए लौटना पड़ा. हालांकि, डॉक्टर ने दिव्यांगों को हुई असुविधा के लिए माफी मांगी है.

Medical board meeting
सिविल सर्जन कार्यालय में नहीं हुई मेडिकल बोर्ड की बैठक
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Published : Dec 23, 2021, 9:44 AM IST

Updated : Dec 23, 2021, 10:16 AM IST

रांचीः सदर अस्पताल में दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनाने आए दिव्यांगों को भारी परेशानी झेलनी पड़ी. दरअसल, बड़ी संख्या में जिले के दिव्यांग पहुंचे थे, ताकि सिविल सर्जन कार्यालय में होने वाली मेडिकल बोर्ड की बैठक के बाद प्रमाण पत्र मिल जाए. लेकिन मेडिकल बोर्ड की बैठक नहीं हुई. इससे बड़ी संख्या में दिव्यांग और उनके परिजनों को बिना प्रमाण पत्र लिए लौटना पड़ा.

यह भी पढ़ेंःदिव्यांगता भी राज्य के 9 युवाओं के जज्बे में नहीं बनी बाधा, ग्रामीण विकास मंत्रालय ने हुनरबाज पुरस्कार से किया सम्मानित


दोनों पैर से लाचार दिव्यांग राजेश खुद दिव्यांगता प्रमाण पत्र के लिए पिठोरिया से चलकर सिविल सर्जन कार्यालय पहुंचे थे. लेकिन उन्हें बिना प्रमाण पत्र लिए ही लौटना पड़ा. राजेश ने बताया कि काफी परेशानी झेल कर रांची पहुंचते हैं और यहां पहुंचने पर कह दिया जाता है डॉक्टर नहीं हैं. समय और दिन निर्धारत है तो डॉक्टर को उपस्थित रहना चाहिए. डॉक्टर नहीं रहने से निराश होकर लौटना पड़ता है. राजेश अकेला दिव्यांग नहीं है, बल्कि दर्जनों की संख्या में दिव्यांगों को बिना प्रमाण पत्र लिए लौटना पड़ा. दिव्यांग के परिजनों ने बताया कि हमलोगों की परेशानी को स्वास्थ्य विभाग को समझना चाहिए.

देखें पूरी खबर

दिव्यांगों से मांगी माफी

जिला यक्ष्मा पदाधिकारी और हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. सव्यसाची मंडल ने कहा कि नामकुम स्थित स्वास्थ्य मुख्यालय में अधिकारियों की बैठक थी. इस बैठक में शामिल होना अनिवार्य था. इसलिए मेडिकल बोर्ड की बैठक नहीं हो सकी है. उन्होंने कहा कि दिव्यांगों को हुई असुविधा के लिए क्षमा मांगते हैं.

रांचीः सदर अस्पताल में दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनाने आए दिव्यांगों को भारी परेशानी झेलनी पड़ी. दरअसल, बड़ी संख्या में जिले के दिव्यांग पहुंचे थे, ताकि सिविल सर्जन कार्यालय में होने वाली मेडिकल बोर्ड की बैठक के बाद प्रमाण पत्र मिल जाए. लेकिन मेडिकल बोर्ड की बैठक नहीं हुई. इससे बड़ी संख्या में दिव्यांग और उनके परिजनों को बिना प्रमाण पत्र लिए लौटना पड़ा.

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दोनों पैर से लाचार दिव्यांग राजेश खुद दिव्यांगता प्रमाण पत्र के लिए पिठोरिया से चलकर सिविल सर्जन कार्यालय पहुंचे थे. लेकिन उन्हें बिना प्रमाण पत्र लिए ही लौटना पड़ा. राजेश ने बताया कि काफी परेशानी झेल कर रांची पहुंचते हैं और यहां पहुंचने पर कह दिया जाता है डॉक्टर नहीं हैं. समय और दिन निर्धारत है तो डॉक्टर को उपस्थित रहना चाहिए. डॉक्टर नहीं रहने से निराश होकर लौटना पड़ता है. राजेश अकेला दिव्यांग नहीं है, बल्कि दर्जनों की संख्या में दिव्यांगों को बिना प्रमाण पत्र लिए लौटना पड़ा. दिव्यांग के परिजनों ने बताया कि हमलोगों की परेशानी को स्वास्थ्य विभाग को समझना चाहिए.

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दिव्यांगों से मांगी माफी

जिला यक्ष्मा पदाधिकारी और हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. सव्यसाची मंडल ने कहा कि नामकुम स्थित स्वास्थ्य मुख्यालय में अधिकारियों की बैठक थी. इस बैठक में शामिल होना अनिवार्य था. इसलिए मेडिकल बोर्ड की बैठक नहीं हो सकी है. उन्होंने कहा कि दिव्यांगों को हुई असुविधा के लिए क्षमा मांगते हैं.

Last Updated : Dec 23, 2021, 10:16 AM IST
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