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Ranchi News: रिम्स में एमआरआई मशीन खराब होने से मरीजों की बढ़ी परेशानी, कई पैथॉलोजिकल जांच भी बंद

रिम्स में कई दिनों से विभिन्न मेडिकल जांच बंद हैं. साथ ही एमआरआई मशीन भी खराब पड़ी हुई है. इस कारण रिम्स में इलाज कराने पहुंचने वाले मरीजों को काफी परेशानी हो रही है.

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Many Important Medical Tests Stopped In RIMS
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Published : Aug 21, 2023, 6:23 PM IST

देखें पूरी खबर

रांची: राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में कुव्यवस्था को लेकर अक्सर सवाल उठते रहे हैं. कभी रिम्स में दलालों के सक्रिय होने के मामले आते हैं तो कभी मरीजों के इलाज में लापरवाही के मामले आते हैं. इसी कड़ी में एक बार फिर रिम्स में कुव्यवस्था दिखी है. वर्तमान में रिम्स में लगी एमआरआई मशीन पूरी तरह से खराब हो गई है. इस कारण मरीजों को काफी परेशानी हो रही है. मजबूरन मरीजों को बाहर से जांच करानी पड़ रही है. वहीं रिम्स प्रबंधन नई एमआरआई मशीन खरीदने में देरी कर रहा है.

ये भी पढ़ें-Bank Officer Suicide Case: बैंक अधिकारी के शव का कराया गया पोस्टमार्टम, परिजनों ने सरकार से लगाई न्याय की गुहार

एमआरआई जांच सहित कई मशीन खराब: ईटीवी भारत की टीम ने जब रिम्स में पड़ताल करने पहुंची तो सिर्फ एमआरआई जांच ही नहीं, बल्कि इसके अलावा भी कई जांच प्रभावित दिखी. एमआरआई के अलावा आरएफटी, एलएफटी जांच के लिए भी मरीजों को खासा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं इस दौरान कई मरीजों ने ईटीवी भारत से अपनी परेशानी भी साझा किया.

गरीब मरीजों को हो रही परेशानी: ओरमांझी से इलाज कराने रिम्स पहुंचे एक मरीज ने बताया कि वह सुबह से ही आरएफटी एलएफटी और सीबीसी जांच के लिए रिम्स के रेडियोलॉजी विभाग में खड़ा है, लेकिन मशीन खराब होने की वजह से कोई भी जांच नहीं हो पा रही है. इस कारण काफी परेशानी हो रही है. मरीज ने बताया कि मजबूरी में अब बाहर से जांच करानी पड़ेगी. मरीज ने बताया कि रिम्स में जांच का कार्य बंद होने के कारण दलाल मरीजों पर बाहर से जांच कराने का दबाव बनाते हैं. जहां एक-एक जांच के लिए हजारों रुपए चार्ज किया जाता है.

डॉक्टर भी परिजनों को बाहर से जांच कराने का दे रहे हैं सलाह: वहीं रिम्स में बैठे कर्मचारी और डॉक्टर भी गरीब मरीजों को बाहर से जांच कराने का ही सलाह देते हैं. जिस वजह से ग्रामीण और सुदूर क्षेत्रों से आए लाचार मरीज बाहर से जांच कराने को विवश हो जाते हैं. इससे गरीब मरीजों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ता है. कई मरीज इस आर्थिक बोझ का वहन नहीं कर पाते हैं.

वैकल्पिक जांच घर में भी दिखी मरीजों की भीड़:वहीं रिम्स परिसर में चल रहे पीपीपी मोड पर हेल्थ मैप जांच घर में एमआरआई की जांच करने वाले मरीजों की भीड़ बढ़ती जा रही है. जिस वजह से हेल्थ मैप जांच घर भी सभी मरीजों का जांच समय पर नहीं कर पा रहा है.

जल्द लगाई जाएगी नई एमआरआई मशीन: गौरतलब है कि पिछले दिनों रिम्स के निदेशक ने भी यह स्पष्ट किया था कि रिम्स में लगी पुरानी एमआरआई मशीनें खराब पड़ी हैं. ऐसे में नई मशीन खरीदने की टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. नई मशीन खरीदने को लेकर रिम्स प्रबंधन की तरफ से गवर्नमेंट ई मार्केटिंग के माध्यम से सारी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. ऐेसे में अब देखने वाली बात होगी कि रिम्स प्रबंधन के द्वारा कब तक नई मशीन लगाई जाती है, ताकि गरीब और लाचार मरीजों को राहत मिल सके.

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रांची: राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में कुव्यवस्था को लेकर अक्सर सवाल उठते रहे हैं. कभी रिम्स में दलालों के सक्रिय होने के मामले आते हैं तो कभी मरीजों के इलाज में लापरवाही के मामले आते हैं. इसी कड़ी में एक बार फिर रिम्स में कुव्यवस्था दिखी है. वर्तमान में रिम्स में लगी एमआरआई मशीन पूरी तरह से खराब हो गई है. इस कारण मरीजों को काफी परेशानी हो रही है. मजबूरन मरीजों को बाहर से जांच करानी पड़ रही है. वहीं रिम्स प्रबंधन नई एमआरआई मशीन खरीदने में देरी कर रहा है.

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एमआरआई जांच सहित कई मशीन खराब: ईटीवी भारत की टीम ने जब रिम्स में पड़ताल करने पहुंची तो सिर्फ एमआरआई जांच ही नहीं, बल्कि इसके अलावा भी कई जांच प्रभावित दिखी. एमआरआई के अलावा आरएफटी, एलएफटी जांच के लिए भी मरीजों को खासा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं इस दौरान कई मरीजों ने ईटीवी भारत से अपनी परेशानी भी साझा किया.

गरीब मरीजों को हो रही परेशानी: ओरमांझी से इलाज कराने रिम्स पहुंचे एक मरीज ने बताया कि वह सुबह से ही आरएफटी एलएफटी और सीबीसी जांच के लिए रिम्स के रेडियोलॉजी विभाग में खड़ा है, लेकिन मशीन खराब होने की वजह से कोई भी जांच नहीं हो पा रही है. इस कारण काफी परेशानी हो रही है. मरीज ने बताया कि मजबूरी में अब बाहर से जांच करानी पड़ेगी. मरीज ने बताया कि रिम्स में जांच का कार्य बंद होने के कारण दलाल मरीजों पर बाहर से जांच कराने का दबाव बनाते हैं. जहां एक-एक जांच के लिए हजारों रुपए चार्ज किया जाता है.

डॉक्टर भी परिजनों को बाहर से जांच कराने का दे रहे हैं सलाह: वहीं रिम्स में बैठे कर्मचारी और डॉक्टर भी गरीब मरीजों को बाहर से जांच कराने का ही सलाह देते हैं. जिस वजह से ग्रामीण और सुदूर क्षेत्रों से आए लाचार मरीज बाहर से जांच कराने को विवश हो जाते हैं. इससे गरीब मरीजों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ता है. कई मरीज इस आर्थिक बोझ का वहन नहीं कर पाते हैं.

वैकल्पिक जांच घर में भी दिखी मरीजों की भीड़:वहीं रिम्स परिसर में चल रहे पीपीपी मोड पर हेल्थ मैप जांच घर में एमआरआई की जांच करने वाले मरीजों की भीड़ बढ़ती जा रही है. जिस वजह से हेल्थ मैप जांच घर भी सभी मरीजों का जांच समय पर नहीं कर पा रहा है.

जल्द लगाई जाएगी नई एमआरआई मशीन: गौरतलब है कि पिछले दिनों रिम्स के निदेशक ने भी यह स्पष्ट किया था कि रिम्स में लगी पुरानी एमआरआई मशीनें खराब पड़ी हैं. ऐसे में नई मशीन खरीदने की टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. नई मशीन खरीदने को लेकर रिम्स प्रबंधन की तरफ से गवर्नमेंट ई मार्केटिंग के माध्यम से सारी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. ऐेसे में अब देखने वाली बात होगी कि रिम्स प्रबंधन के द्वारा कब तक नई मशीन लगाई जाती है, ताकि गरीब और लाचार मरीजों को राहत मिल सके.

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