रांची: झारखंड के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में मरीजों को आए दिन बेड के लिए संघर्ष करते देखा जाता है. कई बार तो इस संघर्ष के बीच कई मरीजों की जान चली जाती है. कुछ दिन पहले भी ऐसी ही घटना घटी है. जहां बंगाल से आए मरीज को बेड नहीं मिल पाने की वजह से घंटों तक एंबुलेंस में ही इंतजार करना पड़ा और इस बीच मरीज की जान चली गई. इसे लेकर रिम्स प्रबंधन पर कई सवाल भी उठे. इन्हीं घटनाओं को देखते हुए अस्पताल प्रबंधन की तरफ से रिम्स के इमरजेंसी एवं ट्रॉमा सेंटर में 20 अतिरिक्त बेड के इंतजाम किये गये हैं, ताकि गंभीर स्थिति में आने वाले मरीजों को तुरंत ही ऑक्सीजन बेड उपलब्ध हो सके.
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राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान के जनसंपर्क अधिकारी डॉ राजीव रंजन ने बताया कि पिछली घटनाओं को देखते हुए रिम्स प्रबंधन की तरफ से यह इंतजाम किए गए हैं. जनसंपर्क अधिकारी डॉ राजीव रंजन ने बताया कि इमरजेंसी एंड ट्रॉमा सेंटर में तैनात चिकित्सकों एवं पदाधिकारियों को कहा गया है कि जो भी गंभीर मरीज इमरजेंसी में भर्ती होते हैं, उन्हें 24 घंटे के अंदर संबंधित वार्ड में बेहतर इलाज के लिए भेजा जाए. जो भी बेड लगाए गए हैं, वह खाली रहे और मरीजों को समय पर इलाज मिल सके. इसके अलावा नई व्यवस्था के तहत अतिरिक्त विशेषज्ञ लगाए गए हैं, उन्हें भी तैयार रखने के दिशानिर्देश पदाधिकारियों को दिये गये हैं. जिससे विपरीत परिस्थिति में मरीजों को राहत मिल सके.
बेड लगने के बाद अन्य समस्याओं से जूझ रहे मरीज: अतिरिक्त 20 बेड लगने के बाद ईटीवी भारत की टीम ने जब इमरजेंसी और ट्रॉमा सेंटर का जायजा लिया तो देखा कि बेड लगने से मरीजों को राहत जरूर मिली है, लेकिन राज्यभर में अनुबंध पर बहाल स्वास्थ्यकर्मियों की हड़ताल की वजह से अस्पताल में संसाधन होने के बावजूद भी लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.
जल्द होगी नर्सों की बहाली: इसे लेकर डॉ राजीव रंजन बताते हैं कि हड़ताल के कारण स्वास्थ्य केंद्रों में इलाज कराने वाले मरीज भी अब सीधा रिम्स पहुंच रहे हैं, जिससे अस्पतालों में मरीजों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ रही है और मैन पावर कम होने के कारण इसका खामियाजा मरीजों को झेलना पड़ता है. उन्होंने कहा कि जल्द ही नर्सों की बहाली होगी, जिसमें ट्रॉमा सेंटर में नर्सों को नियुक्त किया जाएगा ताकि मरीजों को सीधी राहत मिल सके.