रांची: कोरोना के कारण भले ही सार्वजनिक होली पर पाबंदी लगी हो, लेकिन इस त्योहार को खास अंदाज में मनाने वालों पर इसका कोई खास प्रभाव नहीं पड़ने वाला है. होली के मौके पर करीब 5 करोड़ की शराब पीने वाले झारखंड के मतवालों ने होली की तैयारी 48 घंटे पहले से ही शुरू कर दी है. इस वर्ष भी होली से पहले कुछ ऐसा ही है.
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शराब दुकानों पर दिखने लगी खरीदारों की भीड़
शराब की दुकानों पर शनिवार से ही खरीदारों की भीड़ दिखने लगी है. कोई झोला में तो कोई पेपर में लपेटकर शराब ले जा रहा है. ग्राहकों की भीड़ से उत्साहित शराब दुकानदार बेहद खुश दिख रहे हैं. उन्हें उम्मीद है कि इसी तरह शराब की बिक्री रही तो कोरोना लॉकडाउन का घाटा जरूर पूरा हो जाएगा. रांची जिला खुदरा शराब विक्रेता दुकानदार संघ के अध्यक्ष वीरेंद्र साहू की मानें तो 30 से 40 फीसदी अधिक शराब होली के मौके पर बिकने की संभावना है.
शराब से आता है भारी भरकम राजस्व
रांची में 170 सरकारी शराब की दुकानें हैं, जबकि राज्यभर में सरकारी शराब दुकानों की संख्या 1 हजार 595 है. इन दुकानों से प्रतिदिन करीब 11 करोड़ की शराब बिक्री होती है. वित्तीय वर्ष 2020-21 की बात करें तो कोविड-19 के वाबजूद राज्य में देशी-विदेशी और कम कंपोजिट शराब की खपत काफी बनी रही. 22 मार्च 2020 से 19 मई 2020 तक राज्य की सभी शराब दुकानें बंद थी. इसके बावजूद 2 हजार 300 करोड़ रुपए के सालाना लक्ष्य का पीछा करते हुए उत्पाद विभाग ने फरवरी 2021 तक 14 69.90 करोड़ रुपए के राजस्व की प्राप्ति की. राज्य में सबसे ज्यादा रांची में शराब की बिक्री होती है, जबकि सबसे कम खपत वाला जिला लोहरदगा है. ऐसे में भले होली के मौके को लोग इसे ऐसे ही जाने दें. यह हो नहीं सकता, क्योंकि हरेक के जुबान पर यही है. बुरा ना मानो होली है.