रांची: शरद पूर्णिमा यानी 28 अक्टूबर शनिवार को शाम का आखिरी चंद्र ग्रहण लगेगा. यह चंद्र ग्रहण झारखंड सहित पूरे देश भर में रात 1:05 से रात 2:24 तक रहेगा जिसका सूतक काल 9 घंटे पहले शुरू हो जाएगा. शरद पूर्णिमा के दिन लग रहे इस चंद्र ग्रहण को लेकर कई तरह की जिज्ञासा देखी जा रही है.
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शरद पूर्णिमा की रात खीर बनाकर खुले आसमान के नीचे चंद्रमा की रोशनी में रखे जाने की परंपरा है. जिसे लोग ग्रहण करते हैं. स्वामी सत्यनारायण के अनुसार चंद्रग्रहण की वजह से खीर सुतक लगने से पहले बनाकर तुलसी का पत्ता रखना श्रेयस्कर होगा. क्योंकि सूतक शाम 4:05 से शुरू हो जाएगा जो ग्रहण समाप्ति यानी रात 2:24 तक रहेगा. इस दौरान खीर को ढंककर रखें और चंद्रग्रहण समाप्त होने के पश्चात आप खुले आसमान में रखकर सूर्योदय से पूर्व इसे प्रसाद स्वरूप ग्रहण कर सकते हैं.
चंद्रग्रहण का विभिन्न राशियों पर पड़ेगा प्रभाव: साल का आखिरी चंद्र ग्रहण का विभिन्न राशियों पर अलग-अलग प्रभाव पड़ेगा. धर्मगुरु स्वामी दिव्यानंद महाराज के अनुसार 28 अक्टूबर शनिवार शाम जब चंद्र ग्रहण का सूतक शुरू हो जाएगा उसके बाद पारंपरिक रूप से पूजा पाठ और देव स्पर्श नहीं होगा ग्रहण के समय में अपने इष्ट देवता और भगवान का ध्यान करना चाहिए. चंद्र ग्रहण के कारण वृष राशि वालों को जहां हानि होगी वहीं मिथुन, वृश्चिक, कुंभ और कर्क राशि वालों के लिए लाभप्रद होगा.
बात यदि सिंह, कन्या, तुला, मकर और मीन की करें तो इनके लिए दुख, चिंता, पीड़ा और क्षति के योग हैं. ऐसे जातकों को चंद्र ग्रहण के दौरान सूर्य की आराधना के साथ-साथ अपने इष्ट देव का जप करना चाहिए. चुकी यह ग्रहण मेष राशि में लग रहा है इस कारण से इस राशि के लोगों को इसे देखने से बचना चाहिए इसके अलावा गर्भवती महिलाओं को भी चंद्र ग्रहण को नहीं देखना चाहिए.