गिरिडीह: सीसीएल गिरिडीह कोलियरी का बंद पड़ा ओपन कास्ट माइंस के जल्द से जल्द शुरू होने के आसार बढ़ गए हैं. सब कुछ ठीक रहा तो अप्रैल 2025 से माइंस में काम शुरू हो जाएगा. इस माइंस के खुलने से क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ेगा.
इस दिशा में स्थानीय विधायक सह मंत्री सुदिव्य कुमार, जिले के डीसी नमन प्रियेश लकड़ा के साथ-साथ सीसीएल गिरिडीह के जीएम गिरीश कुमार राठौर जोर शोर से लगे हैं. जीएम के नेतृत्व में सीसीएल के अधिकारियों की टीम इस दिशा में लगातार काम कर रही है.
क्षेत्र का प्रभार लेने के बाद जीएम ने इस बिषय पर विस्तृत जानकारी दी. ईटीवी भारत से बात करते हुए जीएम ने कहा कि क्षेत्र की खुशहाली उनकी प्राथमिकता में है. ऐसे में सुरक्षित तरीके से कोयला का उत्पादन किया जाएगा. जीएम ने बताया कि गिरिडीह ओपन कास्ट माइंस को जल्द आरम्भ किया जाएगा.
उन्होंने बताया कि माइंस के लिए ईसी (पर्यावरण मंजूरी) मिलने के बाद सीटीई (कंसर्ट टू स्टेब्लिश) और सीटीओ (कंसर्ट टू ऑपरेट) के लिए प्रयास चल रहा है. इन दोनों प्रमाण पत्र मिलते ही नियमों के तहत उत्पादन किया जायेगा.
सात लाख टन की मिली है मंजूरी
जीएम ने बताया कि गिरिडीह ओसीपी में अभी 23 लाख टन कोयला का स्टॉक है. सालाना सात लाख टन कोयला उत्पादन करने के लिए पर्यावरण मंजूरी मिल चुकी है. जबकि अभी वर्तमान ने कार्यरत कबरीबाद ओसीपी को छह लाख टन कोयला का उत्पादन का लक्ष्य है. इसके विरुद्ध 4.5 लाख टन कोयला का उत्पादन कर लिया गया है. इसी वित्तीय वर्ष में इस लक्ष्य को प्राप्त कर लिया जाएगा.
जीएम ने कहा कि दोनों माइंस से कोयला का जब उत्पादन होगा तो गिरिडीह को मुनाफा में लाया जा सकेगा. जीएम ने कहा कि सीएसआर के तहत भी कई नई योजनाओं को क्रियान्वित कराया जाएगा.
अवैध खनन पर रोक का होगा प्रयास
जीएम ने कहा कि इसके अलावा अवैध कोयला खनन पर भी रोक लगाने का प्रयास होगा. उन्होंने बताया कि सुरक्षा कर्मियों की कमी की वजह से इस तरह के अवैध कार्यों पर पूरी तरह से रोक लगायी नहीं जा ओर रही है. ऐसे में सुरक्षा के लिए खतरा बन रहे अवैध खनन को जिला प्रशासन, पुलिस और प्रबंधन के समुचित प्रयास से रोक लगाया जाएगा.
माइंस के खुलने से खुशहाल होगा इलाका
यहां बता दें कि जनवरी 2022 से गिरिडीह ओपन कास्ट माइंस से कोयला का उत्पादन बंद है. ऐसे में करोड़ो का नुकसान उठाना पड़ा. कई श्रमिकों का पलायन हो गया. ट्रक ऑनर से लेकर चालक खलासी को काफी फजीहत उठानी पड़ी. क्षेत्र के लोग मायूस हो गए. ऐसे में गिरिडीह विधायक सह मंत्री सुदिव्य कुमार, राज्यसभा सांसद सरफराज अहमद, विधायक कल्पना सोरेन के साथ-साथ जिलाधिकारी नमन प्रियेश लकड़ा, सीसीएल प्रबंधन ने इस माइंस को फिर से शुरू करने की पहल शुरू की. लगातार बैठक की गई और तकनीकी अड़चनों को दूर किया गया. जिसके बाद माइंस को ईसी मिला.
लोगों में खुशी
झारखंड कोलियरी मजदूर यूनियन के अध्यक्ष हरगौरी साहू कहते हैं कि कोलियरी का माइंस बंद होने से क्षेत्र में मायूसी छा गई थी. रोजगार के लिए कई लोगों को पलायन करना पड़ा. अब इसके खुलने से खुशहाली आएगी. वहीं दुकानदार भूषण यादव ने कहा कि कोलियरी पर ही गिरिडीह की अर्थव्यवस्था टिकी हुई है. माइंस बंद होने से इसका असर यहां पर पड़ा है. माइंस को जल्द से जल्द शुरू करना चाहिए.
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