रांचीः चर्चित चारा घोटाला के डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी का मामला सीबीआई की विशेष अदालत में सुनवाई पूरी हो गई है. इस मामले में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद को अदालत में 15 फरवरी को हाजिर होना है. 15 फरवरी को ही इस मामले में फैसले पर सुनवाई होनी है.
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डोरंडा कोषागार मामले से पहले भी लालू प्रसाद को जेल की सजा सुनाई गई है. लालू प्रसाद जेल में थे तो उनकी तबीयत बिगड़ गई थी. इस स्थिति में बीमार लालू प्रसाद को सजा के दौरान रिम्स के पेइंग वार्ड के कमरा नंबर 11 रखा गया था, जहां उनकी इलाज की गई. इससे सबसे ज्यादा वक्त कमरा नंबर 11 में बिताए. फिर 15 फरवरी को फैसला आने वाला है. इससे पहले ईटीवी भारत की टीम कमरा नंबर-11 को देखने पहुंची, जहां लालू प्रसाद के इलाज करने वाले डॉक्टर और सेवा करने वाली नर्स से बात की.
लालू प्रसाद को चारा घोटाला मामले में सजा काटने के दौरान चार जगहों पर रखा गया था. शुरुआती दिनों में उन्हें रिम्स के कॉटेज नंबर 13 -14 में रखा गया था. इसके बाद रिम्स सुपर स्पेशलिटी कार्डियोलॉजी विभाग में रहे. यहां लालू प्रसाद को कई तरह की दिक्कत होने लगी, जिससे नींद पूरी नहीं हो रही थी तो दूसरे जगह शिफ्ट करने का आग्रह किया. इसके बाद पेइंग वार्ड का कमरा नंबर 11 को सेलेक्ट किया गया, जहां उनका इलाज हुआ.
रिम्स के पेइंग वार्ड के सिस्टर उर्मिला ने लंबे दिनों तक लालू प्रसाद के इलाज के दौरान सेवा की. लालू प्रसाद को अदालत से बेल मिला तो दिल्ली चले गए और AIIMS के डॉक्टर की देखरेख इलाज चल रहा था. उर्मिला कहती हैं कि एक दिन अचानक लालू प्रसाद के सेवक का फोन आता है और फिर लालू प्रसाद बात करते हैं. उन्होंने कहा कि हाल चाल पूछते हैं. उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद स्वस्थ्य रहे. यही कामना करते हैं.
रिम्स के जनसंपर्क अधिकारी डॉ. डीके सिन्हा कहते हैं कि लालू प्रसाद का इलाज डॉ. उमेश प्रसाद की टीम करते थे. लेकिन प्रभारी अधीक्षक के नाते लालू प्रसाद से कई बार मुलाकात हुई. उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद बीमार होने के बावजूद उनका मिजाज, अंदाज सबका दिल जीत लेता था. बता दें कि चारा घोटाले के एक और मामले में फैसले आने वाला है. 15 फरवरी को सीबीआई की विशेष अदालत क्या फैसला सुनाती है. यह तो वक्त ही बताएगा.