कानपुर : भारत देश के न्यायिक इतिहास में मंगलवार को कानपुर में कोर्ट ने एक अनोखा फैसला सुनाया है. इसमें आरोपी और पीड़ित दोनों विदेशी हैं. दोनों रोहिंग्या युवकों को कोर्ट ने सजा सुनाई है. पीड़ित बंग्लादेशी युवती की शिकायत पर दर्ज किए गए केस में दोनों आरोपी रोहिंग्या युवक भी बंग्लादेशी थे. कोर्ट ने सुनवाई के बाद विदेशी युवती को न्याय देते हुए दोनों रोहिंग्या युवकों को 10 साल की सजा सुनाई है.
आपको बता दें कि वर्ष 2019 में बांग्लादेश के रहने वाले दो रोहिंग्या युवक बांग्लादेशी युवती को अगवा करके लाए थे. उन्हें जीआरपी ने ट्रेन से पकड़ा था. पुलिस ने युवती की तहरीर पर दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था. उसके बाद से कानपुर कोर्ट में मामले की सुनवाई चल रही थी.
वर्ष 2019 का है यह मामला
कानपुर कोर्ट में मंगलवार को एक अनोखे मामले में फैसला सुनाया है. इसे देशभर में अपनी तरह का पहला फैसला बताया जा रहा है, जिसमें आरोपी और पीड़ित दोनों ही विदेशी हैं और बांग्लादेश के रहने वाले हैं. यह मामला वर्ष 2019 का है. उस समय बांग्लादेश के दो रोहिंग्या युवक एक बांग्लादेशी युवती को अगवा करके भारत लाए थे. पुलिस ने उन्हें ट्रेन से गिरफ्तार कर लिया था. इसके बाद युवती ने आरोपी रोहिंग्या युवकों के खिलाफ मामला दर्ज कराया था. कानपुर कोर्ट में पिछले 2 सालों से इसकी सुनवाई चल रही थी. मंगलवार को एडीजे 7 की कोर्ट ने दोनों रोहिंग्या युवकों को 10 साल की कैद की सजा सुनाई है.
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रोहिंग्या युवकों को जीआरपी ने पकड़ा था
बांग्लादेशी युवती की गवाही पर कोर्ट ने यह सजा सुनाई है. दोनों रोहिंग्या युवक अब्दुल रज्जाक और मोहम्मद अयाज को 10 साल की सजा सुनाई गई है. एडीजीसी जितेंद्र पांडे ने बताया कि यह देश में पहला मामला है, जिसमें पीड़ित और आरोपी दोनों ही विदेशी हैं. आपको बता दें कि बिना वीजा और पासपोर्ट के युवती को बांग्लादेश से लेकर यह दोनों रोहिंग्या युवक निकले थे. उन्हें जीआरपी ने कानपुर में गिरफ्तार किया था. इसके बाद युवती ने इनके ऊपर अपहरण की धाराओं में मामला दर्ज कराया था. कानपुर कोर्ट में यह मामला चल रहा था. मंगलवार को कोर्ट में फैसला सुनाते हुए दोनों रोहिंग्या युवकों को 10 साल की सजा सुनाई है.