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JMM Statement on BJP: झामुमो ने मोदी की पार्टी को दिया नया नाम, कहा- बीजेपी का मतलब 'बाहरी जनता पार्टी'

राजभवन ने स्थानीय नीति विधेयक को लौटा दिया है. जिसके बाद जेएमएम ने बीजेपी पर जमकर हमला बोला है. जेएमएम ने कहा कि बीजेपी अब बाहरी जनता पार्टी बन गई है. वह आदिवासियों का कल्याण नहीं चाहती है.

jmm leader supriyo bhattacharya
जेएमएम नेता सुप्रियो भट्टाचार्य
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Published : Jan 30, 2023, 7:11 PM IST

Updated : Jan 30, 2023, 7:23 PM IST

सुप्रियो भट्टाचार्य, जेएमएम नेता

रांचीः विधानसभा से पारित 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति विधेयक को राजभवन से लौटाने पर झामुमो ने राजभवन और भाजपा पर निशाना साधा है. जेएमएम नेता सुप्रियो भट्टाचार्य ने संवाददाता सम्मेलन कर कहा कि 26 जनवरी को मोरहाबादी मैदान में राज्यपाल रमेश बैस ने सरकार के निर्णय की सराहना की थी. फिर ऐसा क्या हुआ कि 72 घंटे के बाद 1932 के खतियान आधारित विधेयक को वापस कर दिया गया.

ये भी पढ़ेंः राजभवन से डोमिसाइल बिल वापस होते ही राजनीति शुरू, सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच छिड़ी जुबानी जंग

राज्यपाल ने ली होगी रायः राज्यपाल को सदन से विधेयक पारित होने के बाद भेजा गया था ताकि वह 9 शेड्यूल में शामिल होने के लिए केंद्र को भेज दें. उन्होंने कहा कि कानून के जानकारों से राज्यपाल ने जरूर राय ली होगी. सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि संविधान के आर्टिकल 12 से 35 में मौलिक अधिकार का उल्लेख है. राजभवन ने विधेयक लौटाने को लेकर कहा है कि राज्य सरकार को नहीं संसद को यह अधिकार है. यही बात सरकार भी कहती है.

बीजेपी अब बाहरी जनता पार्टीः 9वीं अनुसूची के लिये राज्य सरकार भेज सकती है. सरकार 9वीं अनुसूची के कवच से आदिवासी-मूलवासी के लिये कवच चाहती थी लेकिन बीजेपी के इशारे पर खतियानी जोहार यात्रा के बीच ऐसा किया गया. राज्यपाल के लौटाए गए विधेयक में आर्टिकल 31 का भी जिक्र होना चाहिये था. राजभवन अगर संरक्षण का काम नहीं करेगी तो कौन करेगा. झामुमो नेता ने कहा जब भी कोई सार्थक चीज सरकार करती है तब झारखंड विरोधी बाहरी तत्व आंखें तरेरती है. अब तो बीजेपी बाहरी जनता पार्टी बन गई है.

बीजेपी खुलकर विरोध क्यों नहीं करतीः जब विधानसभा के अंदर 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति विधेयक पास हो रहा था, तब उसका भाजपा ने विरोध क्यों नहीं किया था. हिम्मत है तो भाजपा इसका खुलकर विरोध करे.

आर्टिकल 31B का अनुपालन करना चाहियेः झामुमो नेता ने कहा कि सरकार, राजभवन से लौटाए गए स्थानीय नीति विधेयक को लेकर कानूनी सलाह लेगी और उसके बाद फिर एक बार विधेयक को राजभवन भेजेगी.

भाजपा की कथनी और करनी में अंतरः झामुमो नेता ने कहा कि भाजपा की कथनी और करनी में अंतर उजागर हो गया है. पीएम नरेंद्र मोदी मन की बात में आदिवासी की बात करते हैं और इधर आदिवासी के मुद्दे को उलझाया जा रहा है. सरकार हर पहलू पर विचार करेगी. कानून के जानकारों से राय लेगी और जब राजभवन विधेयक भेजेंगे तो उनकी भी मजबूरी होगी. उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा साफ है. ऐसे में मुख्यमंत्री की खतियानी जोहार यात्रा आगे भी जारी रहेगी.

सुप्रियो भट्टाचार्य, जेएमएम नेता

रांचीः विधानसभा से पारित 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति विधेयक को राजभवन से लौटाने पर झामुमो ने राजभवन और भाजपा पर निशाना साधा है. जेएमएम नेता सुप्रियो भट्टाचार्य ने संवाददाता सम्मेलन कर कहा कि 26 जनवरी को मोरहाबादी मैदान में राज्यपाल रमेश बैस ने सरकार के निर्णय की सराहना की थी. फिर ऐसा क्या हुआ कि 72 घंटे के बाद 1932 के खतियान आधारित विधेयक को वापस कर दिया गया.

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राज्यपाल ने ली होगी रायः राज्यपाल को सदन से विधेयक पारित होने के बाद भेजा गया था ताकि वह 9 शेड्यूल में शामिल होने के लिए केंद्र को भेज दें. उन्होंने कहा कि कानून के जानकारों से राज्यपाल ने जरूर राय ली होगी. सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि संविधान के आर्टिकल 12 से 35 में मौलिक अधिकार का उल्लेख है. राजभवन ने विधेयक लौटाने को लेकर कहा है कि राज्य सरकार को नहीं संसद को यह अधिकार है. यही बात सरकार भी कहती है.

बीजेपी अब बाहरी जनता पार्टीः 9वीं अनुसूची के लिये राज्य सरकार भेज सकती है. सरकार 9वीं अनुसूची के कवच से आदिवासी-मूलवासी के लिये कवच चाहती थी लेकिन बीजेपी के इशारे पर खतियानी जोहार यात्रा के बीच ऐसा किया गया. राज्यपाल के लौटाए गए विधेयक में आर्टिकल 31 का भी जिक्र होना चाहिये था. राजभवन अगर संरक्षण का काम नहीं करेगी तो कौन करेगा. झामुमो नेता ने कहा जब भी कोई सार्थक चीज सरकार करती है तब झारखंड विरोधी बाहरी तत्व आंखें तरेरती है. अब तो बीजेपी बाहरी जनता पार्टी बन गई है.

बीजेपी खुलकर विरोध क्यों नहीं करतीः जब विधानसभा के अंदर 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति विधेयक पास हो रहा था, तब उसका भाजपा ने विरोध क्यों नहीं किया था. हिम्मत है तो भाजपा इसका खुलकर विरोध करे.

आर्टिकल 31B का अनुपालन करना चाहियेः झामुमो नेता ने कहा कि सरकार, राजभवन से लौटाए गए स्थानीय नीति विधेयक को लेकर कानूनी सलाह लेगी और उसके बाद फिर एक बार विधेयक को राजभवन भेजेगी.

भाजपा की कथनी और करनी में अंतरः झामुमो नेता ने कहा कि भाजपा की कथनी और करनी में अंतर उजागर हो गया है. पीएम नरेंद्र मोदी मन की बात में आदिवासी की बात करते हैं और इधर आदिवासी के मुद्दे को उलझाया जा रहा है. सरकार हर पहलू पर विचार करेगी. कानून के जानकारों से राय लेगी और जब राजभवन विधेयक भेजेंगे तो उनकी भी मजबूरी होगी. उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा साफ है. ऐसे में मुख्यमंत्री की खतियानी जोहार यात्रा आगे भी जारी रहेगी.

Last Updated : Jan 30, 2023, 7:23 PM IST
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