रांचीः दिल्ली में गुरुवार को आदि महोत्सव का आयोजन किया गया. लेकिन राजनीति झारखंड में गरमा गई है. जेएमएम नेता ने कहा कि पीएम मोदी ने उद्घाटन समारोह में आदिवासियों की खुब प्रशंसा की. राष्ट्रपति को भी आदिवासी बता दिया. लेकिन सरना धर्म कोड पर केंद्र सरकार चुप है. झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता सुप्रियो भट्टाचार्या ने केंद्र सरकार से सरना धर्म कोड लागू करने की मांग फिर दोहराई है.
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जेएमएम नेता सुप्रीयो भट्टाचार्या ने कहा कि झारखंड का गठन वाजपेयी जी के कार्यकाल मे हुआ है. लेकिन यह भी सच्चाई है कि 22 वर्ष के झारखंड में 16 साल से अधिक समय तक भाजपा का शासनकाल रहा. इसने शासनकाल में कभी आदिवासी दिवस नहीं मनाया गया. उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि जनजातीय दिवस मनाने में 22 साल क्यो लग गए. हेमंत सोरेन की सरकार बनी तो 8 और 9 अगस्त को पहली बार जनजातीय दिवस मनाया गया.
झामुमो नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री ने आदि महोत्सव में सरना धर्म पर क्यों कुछ नहीं बोले. यह आदि धर्म मानने वाले और प्रकृति पूजक को व्यथित करता है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 1 दिसंबर 2022 को पीएम को पत्र लिखा, जिसमें वन अधिकार कानून की जगह फारेस्ट कंजरवेशन रूल को लागू करने पर सवाल उठाये थे. सीएम ने पूछा था कि इसकी क्या जरूरत पड़ गई है. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने ट्राइबल उत्पाद खरीदने की बात कहीं. क्योंकि व्यापार उनका मनपसंद विषय है. लेकिन अडाणी पर कुछ नहीं बोलें.
झामुमो नेता सुप्रियो भट्टाचार्या ने कहा कि मोटे अनाज के बाजार पर अडाणी का ही कब्जा होगा. उन्होंने कहा कि जल्द ही अडाणी के ब्रांड के साथ रागी और बाजरा बाजार में बिकने लगेगा. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी आदिवासियों को गुमराह करने का षड्यंत्र रच रहे हैं. उन्होंने कहा कि आदिवासियों का प्रदेश झारखंड का हक मारा जा रहा है.