रांची: झारखंड सरकार ने केंद्र सरकार को आवास योजना के अंतर्गत मिलने वाली राशि को बढ़ाने की मांग की है. ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने इस संबंध में जानकारी देते हुए कहा कि वर्तमान में एक लाख 20 हजार रुपया प्रति आवास निर्धारित है. केंद्र सरकार इस राशि को बढ़ाकर 2 लाख रुपये करे जिससे रसोईघर के साथ शौचालय भी हर आवास में बना सकें. ग्रामीण विकास मंत्री ने केंद्र से झारखंड सरकार द्वारा संचालित अबुआ आवास को मॉडल मानकर पूरे देशभर में इसे अपनाएं.
केंद्र सरकार झारखंड सहित गैर भाजपा शासित राज्यों के साथ कर रही है भेदभाव- दीपिका
ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने केंद्र सरकार पर झारखंड सहित गैर भाजपा शासित राज्यों के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि किस तरह से कोर्ट के निर्देश के बावजूद भी झारखंड का बकाया राशि 1 लाख 36 हजार करोड़ को देने के लिए किस तरह से आनाकानी की जा रही है. दीपिका पांडेय ने कहा कि हर विभाग का बकाया केंद्र पर है, अकेले मनरेगा के तहत 600 करोड़ बकाया है. इसी तरह अबुआ आवास हमें अपने दम पर बनाना पड़ा. होना यह चाहिए था कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत यह बनना चाहिए था, मगर ऐसा नहीं हुआ.
दीपिका पांडेय सिंह ने केंद्र सरकार के द्वारा एक बार फिर आवास को लेकर सर्वे किए जाने के निर्णय पर सवाल उठाते हुए कहा कि 2022 से 2024 के बीच आखिर हमें आवास से क्यों वंचित किया गया. इसके बाद लोकसभा के बाद और विधानसभा चुनाव से पहले सवा लाख आवास देकर कोरम पूरा करने का काम किया गया. झारखंड सरकार ने सर्वे करने का काम किया जिसमें करीब 24 लाख लोगों को आवास की आवश्यकता है, जिसमें 6.25 लाख आवास लगभग पूरे किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार ने अपने स्तर से 2 लाख रुपए प्रति आवास देने का निर्णय लिया है और इस दिशा में काम जारी है.
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