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झारखंड में लोकसभा की 09 सीटों पर झामुमो ने किया दावा, जानिए क्या है पार्टी के केंद्रीय प्रवक्ता का तर्क

JMM claims 9 Lok Sabha seats in Jharkhand. झारखंड में लोकसभा सीटों को लेकर महागठबंधन दलों में आपसी सामंजस्य नहीं दिख रहा है. हर पार्टी अपनी ओर से सीटों पर दावा पेश कर रही है. कांग्रेस और राजद ने तो पहले ही सीटों पर अपना दावा ठोक दिया था. अब झामुमो ने भी नौ सीटों पर अपना दावा पेश कर दिया है.

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Lok Sabha Seats In Jharkhand
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Nov 29, 2023, 4:13 PM IST

लोकसभा चुनाव में सीट शेयरिंग को लेकर बयान देते झाममो के केंद्रीय प्रवक्ता मनोज पांडेय.

रांची: झारखंड में लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर इंडिया दलों के नेता भले ही सीट शेयरिंग को लेकर यह कहते रहे हों कि अंतिम फैसला पार्टी के शीर्ष नेता ही लेंगे, लेकिन जिस तरह की दावेदारी राष्ट्रीय जनता दल, झारखंड कांग्रेस के नेता करते रहे हैं और अब ताजा बयान झामुमो के केंद्रीय प्रवक्ता का आया है उससे साफ है कि इंडिया दलों में कम से कम ग्राउंड लेवल पर सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. झारखंड में 14 लोकसभा सीट है. कांग्रेस के दूसरे और तीसरे पंक्ति के नेता 09 सीटों पर दावेदारी करते रहे हैं. वहीं लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल के राज्य स्तरीय नेता भी 04 लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ने का प्रस्ताव आलाकमान को भेज चुके हैं. ऐसे में अब महागठबंधन के सबसे बड़े दल झारखंड मुक्ति मोर्चा ने लोकसभा की नौ सीट पर दावेदारी पेश कर साफ कर दिया है कि आनेवाले दिनों में जब इंडिया दलों के नेता सीट शेयरिंग के लिए बैठेंगे तो सीट बंटवारे का मुद्दा आसान नहीं रहेगा.

महागठबंधन में 09 सीट की दावेदारी को लेकर झामुमो का है अपना तर्कः झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय प्रवक्ता से जब पूछा गया कि लोकसभा की कितनी सीटों पर झामुमो की दावेदारी है ? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि सीट शेयरिंग का अंतिम फैसला तो पार्टी के शीर्ष नेता शिबू सोरेन और हेमंत सोरेन को करना है, लेकिन 2019 के विधानसभा चुनाव में झामुमो ने जितनी सीटें जीती थीं और जितनी सीटों पर हम दूसरे नंबर पर रहे. उसके आधार पर हमारा दावा 08-09 लोकसभा सीटों का बनता है. गौरतलब हो हि राज्य में 2019 के विधानसभा चुनाव में महागठबंधन में सबसे अधिक सीटों पर चुनाव लड़कर झामुमो ने 30 सीट पर जीत हासिल किया था और कई सीटों पर झामुमो दूसरे स्थान पर रहा था. इस संबंध में जेएमएम के केंद्रीय प्रवक्ता मनोज पांडेय कहते हैं कि जहां-जहां हमने विधानसभा चुनाव में बेहतरीन प्रदर्शन किया है, वहां-वहां के झामुमो के नेताओं और कार्यकर्ताओं की ओर से लोकसभा चुनाव लड़ने का दवाब है.

कांग्रेस का लोकसभा की 09 सीटों पर दावा का अपना है तर्कःकांग्रेस के दूसरे और तीसरे पंक्ति के नेता 09 लोकसभा सीट पर दावेदारी करते रहे हैं. कांग्रेस के राज्यस्तरीय नेताओं का तर्क है कि 2019 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस, झामुमो और राजद के बीच क्रमशः 09: 04: 01 में समझौता हुआ था. तब वोटों का बंटवारा रोकने के लिए बाबूलाल मरांडी की पार्टी को कांग्रेस ने अपने कोटे की दो सीट कोडरमा और गोड्डा दी थी. ऐसे में जब अब बाबूलाल मरांडी भाजपा में हैं, तब कांग्रेस का 09 लोकसभा सीटों पर हक है.

राजद भी पलामू, चतरा के साथ कोडरमा और गोड्डा पर जता रहा है दावाः झामुमो के केंद्रीय प्रवक्ता का 09 लोकसभा सीटों पर दावेदारी का संभवतः पहली बार बयान आया है, लेकिन इससे पहले कांग्रेस और राजद के नेताओं की ओर से इस तरह के बयान आते रहे हैं. पलामू और चतरा के साथ-साथ कोडरमा और गोड्डा की दावेदारी प्रदेश अध्यक्ष से लेकर उपाध्यक्ष तक कर चुके हैं. इनका भी अपना तर्क है. राजद के नेताओं का कहना है कि पलामू,चतरा में जहां हमारे पार्टी के सांसद रहे हैं, वहीं कोडरमा और गोड्डा लोकसभा सीट वाले क्षेत्र में राजद के मजबूत संगठन और वोट हैं. अब झारखंड में इंडिया दल तो क्या महागठबंधन के तीन दलों के अंदर ही जितनी सीटों पर दावेदारी ठोक दी गई है, ऐसे में साफ है कि जब तीनों दलों के शीर्ष नेता सीट शेयरिंग के लिए बैठेंगे तो ग्रासरूट के पार्टी कार्यकर्ताओं और दूसरे और तीसरे पंक्ति के नेताओं की इच्छा को एकदम से नजरअंदाज करना आसान नहीं होगा.

लोकसभा चुनाव में सीट शेयरिंग को लेकर बयान देते झाममो के केंद्रीय प्रवक्ता मनोज पांडेय.

रांची: झारखंड में लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर इंडिया दलों के नेता भले ही सीट शेयरिंग को लेकर यह कहते रहे हों कि अंतिम फैसला पार्टी के शीर्ष नेता ही लेंगे, लेकिन जिस तरह की दावेदारी राष्ट्रीय जनता दल, झारखंड कांग्रेस के नेता करते रहे हैं और अब ताजा बयान झामुमो के केंद्रीय प्रवक्ता का आया है उससे साफ है कि इंडिया दलों में कम से कम ग्राउंड लेवल पर सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. झारखंड में 14 लोकसभा सीट है. कांग्रेस के दूसरे और तीसरे पंक्ति के नेता 09 सीटों पर दावेदारी करते रहे हैं. वहीं लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल के राज्य स्तरीय नेता भी 04 लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ने का प्रस्ताव आलाकमान को भेज चुके हैं. ऐसे में अब महागठबंधन के सबसे बड़े दल झारखंड मुक्ति मोर्चा ने लोकसभा की नौ सीट पर दावेदारी पेश कर साफ कर दिया है कि आनेवाले दिनों में जब इंडिया दलों के नेता सीट शेयरिंग के लिए बैठेंगे तो सीट बंटवारे का मुद्दा आसान नहीं रहेगा.

महागठबंधन में 09 सीट की दावेदारी को लेकर झामुमो का है अपना तर्कः झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय प्रवक्ता से जब पूछा गया कि लोकसभा की कितनी सीटों पर झामुमो की दावेदारी है ? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि सीट शेयरिंग का अंतिम फैसला तो पार्टी के शीर्ष नेता शिबू सोरेन और हेमंत सोरेन को करना है, लेकिन 2019 के विधानसभा चुनाव में झामुमो ने जितनी सीटें जीती थीं और जितनी सीटों पर हम दूसरे नंबर पर रहे. उसके आधार पर हमारा दावा 08-09 लोकसभा सीटों का बनता है. गौरतलब हो हि राज्य में 2019 के विधानसभा चुनाव में महागठबंधन में सबसे अधिक सीटों पर चुनाव लड़कर झामुमो ने 30 सीट पर जीत हासिल किया था और कई सीटों पर झामुमो दूसरे स्थान पर रहा था. इस संबंध में जेएमएम के केंद्रीय प्रवक्ता मनोज पांडेय कहते हैं कि जहां-जहां हमने विधानसभा चुनाव में बेहतरीन प्रदर्शन किया है, वहां-वहां के झामुमो के नेताओं और कार्यकर्ताओं की ओर से लोकसभा चुनाव लड़ने का दवाब है.

कांग्रेस का लोकसभा की 09 सीटों पर दावा का अपना है तर्कःकांग्रेस के दूसरे और तीसरे पंक्ति के नेता 09 लोकसभा सीट पर दावेदारी करते रहे हैं. कांग्रेस के राज्यस्तरीय नेताओं का तर्क है कि 2019 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस, झामुमो और राजद के बीच क्रमशः 09: 04: 01 में समझौता हुआ था. तब वोटों का बंटवारा रोकने के लिए बाबूलाल मरांडी की पार्टी को कांग्रेस ने अपने कोटे की दो सीट कोडरमा और गोड्डा दी थी. ऐसे में जब अब बाबूलाल मरांडी भाजपा में हैं, तब कांग्रेस का 09 लोकसभा सीटों पर हक है.

राजद भी पलामू, चतरा के साथ कोडरमा और गोड्डा पर जता रहा है दावाः झामुमो के केंद्रीय प्रवक्ता का 09 लोकसभा सीटों पर दावेदारी का संभवतः पहली बार बयान आया है, लेकिन इससे पहले कांग्रेस और राजद के नेताओं की ओर से इस तरह के बयान आते रहे हैं. पलामू और चतरा के साथ-साथ कोडरमा और गोड्डा की दावेदारी प्रदेश अध्यक्ष से लेकर उपाध्यक्ष तक कर चुके हैं. इनका भी अपना तर्क है. राजद के नेताओं का कहना है कि पलामू,चतरा में जहां हमारे पार्टी के सांसद रहे हैं, वहीं कोडरमा और गोड्डा लोकसभा सीट वाले क्षेत्र में राजद के मजबूत संगठन और वोट हैं. अब झारखंड में इंडिया दल तो क्या महागठबंधन के तीन दलों के अंदर ही जितनी सीटों पर दावेदारी ठोक दी गई है, ऐसे में साफ है कि जब तीनों दलों के शीर्ष नेता सीट शेयरिंग के लिए बैठेंगे तो ग्रासरूट के पार्टी कार्यकर्ताओं और दूसरे और तीसरे पंक्ति के नेताओं की इच्छा को एकदम से नजरअंदाज करना आसान नहीं होगा.

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