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रांची में प्रदेश महिला कांग्रेस का अनोखा प्रयास, घरों से दूर कोरोना वॉरियर्स को बांधी राखी

रांची में झारखंड महिला कांग्रेस ने कोरोना वॉरियर्स को राखी बांधी. इस कार्यक्रम का आयोजन झारखंड प्रदेश महिला कांग्रेस कमिटी की अध्यक्ष गुंजन सिंह की अगुवाई में किया गया है.

rakhi tied to Corona Warriors in Ranchi
रांची में कोरोना वॉरियर्स को राखी बांधी गई
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Published : Aug 2, 2020, 8:04 PM IST

रांची: झारखंड प्रदेश महिला कांग्रेस कमिटी की अध्यक्ष गुंजन सिंह की अगुवाई में रविवार को अनोखे अंदाज में रक्षाबंधन त्यौहार मनाया गया. इस दौरान राजधानी रांची के कोरोना वॉरियर्स समेत कोरोना महामारी में अपनी बहनों से दूर लोगों को राखी बांधी गई. साथ ही उनके हौसले को बढ़ाया. इस दौरान महिला कांग्रेस के द्वारा पुलिस कर्मियों, चिकित्सक, सफाईकर्मी समेत अपने घरों से दूर लोगों को राखी बांधी गई और मिठाई खिलाई गई.

ये भी पढ़ें: राम जन्मभूमि पूजन में जाएंगे RSS स्वयंसेवक धनेश्वर मुंडा, कहा-आदिवासियों और राम का पुराना रिश्ता

ताकि कोविड-19 की इस विकट परिस्थिति में उनके चेहरे पर मुस्कान लाई जा सके. इस मौके पर गुंजन सिंह ने कहा कि रक्षाबंधन भाई-बहन के रिश्ते का त्योहार है. रक्षा का मतलब सुरक्षा और बंधन का मतलब बाध्य है. रक्षाबंधन के दिन बहने अपने भाइयों की तरक्की के लिए भगवान से प्रार्थना करती हैं, लेकिन इस कोरोना महामारी में अपनी जिम्मेवारी निभा रहे कोरोना वॉरियर्स समेत अन्य लोग अपनी बहनों से दूर हैं. इसकी कमी को दूर करने के लिए प्रदेश महिला कांग्रेस की बहनों द्वारा अभियान के तहत रक्षाबंधन का त्यौहार मना सभी का हौसला बढ़ाने का प्रयास किया गया है.

कल मनाया जाएगा रक्षाबंधन

कोरोना महामारी के बीच सोमवार को सावन की आखिरी सोमवारी और भाई बहनों का पवित्र पर्व रक्षाबंधन मनाया जाएगा. रांची सहित राज्यभर में लाखों श्रद्धालु भोलेनाथ को सावन की आखिरी पांचवीं सोमवारी पर जलाभिषेक-रुद्राभिषेक करेंगे तो दूसरी बहनें अपने भाइयों की कलाइयों पर रक्षासूत्र राखी बांधेंगी. राखी भाई-बहन, गुरु-शिष्य, प्रकृति और मनुष्य के मध्य तारतम्य स्थापित कर सक्षम और समर्थ से अबला और कमजोर की सुरक्षा के संकल्प का त्यौहार है. धार्मिक मान्यता है कि मां लक्ष्मी ने भी पाताल लोक जाकर राजा बलि को राखी बांधकर उन्हें भाई बनाया था. राणी कर्णवती ने राजा हुमायूं को रक्षा के लिये राखी भेजी थी. इस सोमवार भी धार्मिक स्थलों पर ताला होने के कारण श्रद्धालु घरों और गली मोहल्लों के छोटे मंदिरों, बंद मंदिरों के पटों के पास भी भोलेनाथ को दूध, दही, गंगाजल, ईख के रस आदि से अभिषेक करेंगे और भांग, धतूरा, आक के फूल अर्पित करके से मुक्ति की गुहार लगायी जायेगी.

रांची: झारखंड प्रदेश महिला कांग्रेस कमिटी की अध्यक्ष गुंजन सिंह की अगुवाई में रविवार को अनोखे अंदाज में रक्षाबंधन त्यौहार मनाया गया. इस दौरान राजधानी रांची के कोरोना वॉरियर्स समेत कोरोना महामारी में अपनी बहनों से दूर लोगों को राखी बांधी गई. साथ ही उनके हौसले को बढ़ाया. इस दौरान महिला कांग्रेस के द्वारा पुलिस कर्मियों, चिकित्सक, सफाईकर्मी समेत अपने घरों से दूर लोगों को राखी बांधी गई और मिठाई खिलाई गई.

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ताकि कोविड-19 की इस विकट परिस्थिति में उनके चेहरे पर मुस्कान लाई जा सके. इस मौके पर गुंजन सिंह ने कहा कि रक्षाबंधन भाई-बहन के रिश्ते का त्योहार है. रक्षा का मतलब सुरक्षा और बंधन का मतलब बाध्य है. रक्षाबंधन के दिन बहने अपने भाइयों की तरक्की के लिए भगवान से प्रार्थना करती हैं, लेकिन इस कोरोना महामारी में अपनी जिम्मेवारी निभा रहे कोरोना वॉरियर्स समेत अन्य लोग अपनी बहनों से दूर हैं. इसकी कमी को दूर करने के लिए प्रदेश महिला कांग्रेस की बहनों द्वारा अभियान के तहत रक्षाबंधन का त्यौहार मना सभी का हौसला बढ़ाने का प्रयास किया गया है.

कल मनाया जाएगा रक्षाबंधन

कोरोना महामारी के बीच सोमवार को सावन की आखिरी सोमवारी और भाई बहनों का पवित्र पर्व रक्षाबंधन मनाया जाएगा. रांची सहित राज्यभर में लाखों श्रद्धालु भोलेनाथ को सावन की आखिरी पांचवीं सोमवारी पर जलाभिषेक-रुद्राभिषेक करेंगे तो दूसरी बहनें अपने भाइयों की कलाइयों पर रक्षासूत्र राखी बांधेंगी. राखी भाई-बहन, गुरु-शिष्य, प्रकृति और मनुष्य के मध्य तारतम्य स्थापित कर सक्षम और समर्थ से अबला और कमजोर की सुरक्षा के संकल्प का त्यौहार है. धार्मिक मान्यता है कि मां लक्ष्मी ने भी पाताल लोक जाकर राजा बलि को राखी बांधकर उन्हें भाई बनाया था. राणी कर्णवती ने राजा हुमायूं को रक्षा के लिये राखी भेजी थी. इस सोमवार भी धार्मिक स्थलों पर ताला होने के कारण श्रद्धालु घरों और गली मोहल्लों के छोटे मंदिरों, बंद मंदिरों के पटों के पास भी भोलेनाथ को दूध, दही, गंगाजल, ईख के रस आदि से अभिषेक करेंगे और भांग, धतूरा, आक के फूल अर्पित करके से मुक्ति की गुहार लगायी जायेगी.

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