रांची: जेपीएससी अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर एक तरफ जहां छात्र सड़क पर हैं. वहीं दूसरी ओर इसको लेकर सियासत शुरू हो गई है. विपक्ष इस बहाने सरकार पर छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाते हुए जमकर निशाना साधा है.
बीजेपी नेता अशोक बड़ाइक ने छात्रों के आंदोलन को सही बताते हुए सरकार से जेपीएससी अध्यक्ष की जल्द से जल्द नियुक्त करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि जेपीएससी जेएसएससी महिला आयोग सहित राज्य की विभिन्न संवैधानिक संस्थाओं का हालात बेहद ही खराब है. छात्र आंदोलन करते हैं तो उनके ऊपर में कार्रवाई की जाती है. आयोग में अध्यक्ष के नहीं रहने से कई नियुक्ति प्रक्रिया लटकी हुई है.
इधर, भारतीय जनता पार्टी के बयान पर पलटवार करते हुए झारखंड मुक्ति मोर्चा ने कहा है कि जल्द ही जेपीएससी को नया अध्यक्ष मिलेगा. झामुमो के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि जल्दबाजी में गड़बड़ी होने की आशंका रहती है. बाबूलाल मरांडी के समय में पहले और दूसरे जेपीएससी परीक्षा में हुई गड़बड़ी इसका उदाहरण है.
छह महीने से अध्यक्ष विहीन है जेपीएससी
झारखंड लोक सेवा आयोग 6 महीने से अधिक समय से अध्यक्ष विहीन है. अध्यक्ष के नहीं रहने से सिविल सेवा परीक्षा सहित आधा दर्जन से अधिक नियुक्ति परीक्षा लटकी हुई है. खास बात यह है कि सरकार के द्वारा ना तो नए अध्यक्ष की नियुक्ति की गई है और ना ही किसी सदस्य को कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में मनोनीत किया गया है. ऐसे में परीक्षा लंबित होने के कारण छात्र सड़कों पर हैं और लगातार तरह-तरह के आंदोलन कर सरकार पर दबाव बनाने में जुटे हैं.
इधर, छात्र नेता सत्यनारायण शुक्ला ने सरकार को अल्टीमेटम देते हुए कहा है कि यदि अध्यक्ष की नियुक्ति अति शीघ्र नहीं की जाती है तो छात्र चुप नहीं रहेंगे और इस बार जबरदस्त आंदोलन होगा. उन्होंने सरकार से जल्द से जल्द आयोग में अध्यक्ष की नियुक्ति करने की मांग करते हुए 11वीं से 13वीं सिविल सेवा मुख्य परीक्षा का रिजल्ट घोषित कर नियुक्ति प्रक्रिया में तेजी लाने का आग्रह किया है.
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