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सीएम हेमंत सोरेन के नेतृत्व में TAC की बैठक, अब आजीवन मान्य होंगे आदिवासियों के जन्म प्रमाण पत्र - Tribal Advisory Council meeting

अब झारखंड के आदिवासियों के आजीवन जाति प्रमाण पत्र मान्य होंगे. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में सोमवार को ट्रायबल एडवाइजरी कॉसिल की हुई बैठक में इस प्रस्ताव पर मुहर लगी है.

TAC meeting
TAC meeting
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Published : Sep 27, 2021, 4:47 PM IST

Updated : Sep 28, 2021, 7:41 AM IST

रांची: झारखंड मंत्रालय में करीब चार घंटे तक चली टीएसी की बैठक में 11 प्रस्तावों पर चर्चा हुई. नवगठित टीएसी की यह दूसरी बैठक थी जिसमें कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर मुहर लगी है. बैठक में बीजेपी को छोड़कर अन्य सदस्यों में प्रो स्टीफन मरांडी, बंधु तिर्की, सीता सोरेन, नमन विक्सल कोंगाड़ी सहित कई मौजूद थे.

ये भी पढ़ें- सीएम हेमंत करेंगे योजनाओं की समीक्षा, 30 सितंबर को होगी मैराथन बैठक, किसी को फटकार तो किसी का होगा सत्कार

बैठक के बाद टीएसी के सचिव और राज्य सरकार के मंत्री चंपाई सोरेन ने बताया कि आदिवासियों के भूमि हस्तांतरण पर रोक लगाने के उद्देश्य से टीएसी ने एक उप समिति का गठन किया है जो रिपोर्ट सौपेंगी उसके बाद अग्रतर कारवाई की जायेगी. उप समिति में विधायक स्टीफन मरांडी, चमरा लिंडा, बंधु तिर्की, दीपक बिरुआ और भूषण तिर्की को शामिल किया गया है जो जल्द से जल्द अपनी रिपोर्ट टीएसी को सौंपेंगे.

देखें पूरी खबर



इन प्रस्तावों पर हुई चर्चा

1. आदिवासियों को आजन्म मान्य हो जाति प्रमाण पत्र.

2. सरकारी बैंकों से आदिवासी समाज को ऋण लेने में हो रही परेशानी को दूर करने में वित्त विभाग पहल कर सुधार लाने की कोशिश करे.

3. आदिवासियों के भूमि के अवैध हस्तांतरण पर रोक लगना चाहिए. पश्चिम बंगाल से सटे सीमावर्ती जिलों पाकुड़, साहेबगंज, आदि में गैर आदिवासियों द्वारा आदिवासियों की जमीन पर अवैध कब्जा पर रोकथाम पर विचार विमर्श.

4. जनजातीय भाषाओं के संरक्षण हेतु व्यापक प्रयास की जरूरत है. जनजातीय भाषा अकादमी का गठन, महाविद्यालयों, विश्वविद्यालयों में भाषा शिक्षा की व्यवस्था, विद्यालय में शिक्षकों की नियुक्ति आदि विषय पर विचार.

5. झारखंड के वीर शहीदों/ झारखंड आंदोलन के शीर्ष नेतृत्वकर्ता के बारे में झारखंड की भावी पीढ़ी को बताने के लिए शिक्षा विभाग एवं कला संस्कृति विभाग समेकित रुप से कार्य करते हुए इसपर कार्य योजना बनाने का निर्माण करे.

6. सरना धर्म कोड को मान्यता दिए बिना अगर केन्द्र सरकार जनगणना करवाने पर अड़ती है तो आगामी जनगणना कार्यक्रम में राज्य सरकार को केन्द्र सरकार के साथ असहयोग की नीति अपनानी चाहिए.

7. विभिन्न औद्योगिक प्रतिष्ठानों के द्वारा आदिवासियों की जमीन अधिग्रहण एवं उनके विस्थापन पर एक शोध की आवश्यकता है. शोध के साथ-साथ एक सशक्त पुनस्रथापन नीति बनायी जाय. इस संबंध में पुर्नस्थापना आयोग का गठन किया जाय.

8. राज्य में अवैध मानव व्यापार खासकर आदिवासी महिलाओं और लड़कियों को बेचे जाने के लिए कठोर कानून बनाने का निर्णय लिया गया.

9. अनुसूचित जनजाति समुदाय के लोगों के खिलाफ होनेवाले अपराध का विशेष पुनरीक्षण पर विचार किया गया.

10. ट्रायबल यूनिवर्सिटी खोलने पर विचार किया गया.

11. आदिवासियों को उद्योग से जोड़ने के लिए विशेष राहत सुविधा खासकर केन्द्र और राज्य सरकार के कर से छूट देने पर विचार किया गया.

सरना धर्मकोड पर राष्ट्रपति के समक्ष मांग रखने का निर्णय

टीएसी की बैठक में सरना धर्मकोड का मुद्दा छाया रहा. जनगणना में सरना धर्मकोड को शामिल नहीं होने पर नाराजगी जताते हुए टीएसी ने राष्ट्रपति के समक्ष मांग रखने का निर्णय लिया है. साथ ही राज्यपाल के माध्यम से केन्द्र सरकार को आदिवासियों के धर्मकोड को जनगणना में शामिल करने की मांग रखने का निर्णय लिया गया है.

सरकारी बैंकों से आदिवासियों को ऋण मिलने में हो रही परेशानी पर भी बैठक में चर्चा हुई और जल्द बैंकों से बात कर समस्या का समाधान करने को कहा गया. मंत्री चंपाई सोरेन ने कहा कि जनजातीय भाषाओं के संरक्षण के लिए प्राथमिक स्तर से ही शिक्षा देने के लिए शिक्षकों की नियुक्ति की जायेगी. टीएसी ने जमशेदपुर में ट्रायबल विश्वविद्यालय खोलने की भी सहमति प्रदान की है.

रांची: झारखंड मंत्रालय में करीब चार घंटे तक चली टीएसी की बैठक में 11 प्रस्तावों पर चर्चा हुई. नवगठित टीएसी की यह दूसरी बैठक थी जिसमें कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर मुहर लगी है. बैठक में बीजेपी को छोड़कर अन्य सदस्यों में प्रो स्टीफन मरांडी, बंधु तिर्की, सीता सोरेन, नमन विक्सल कोंगाड़ी सहित कई मौजूद थे.

ये भी पढ़ें- सीएम हेमंत करेंगे योजनाओं की समीक्षा, 30 सितंबर को होगी मैराथन बैठक, किसी को फटकार तो किसी का होगा सत्कार

बैठक के बाद टीएसी के सचिव और राज्य सरकार के मंत्री चंपाई सोरेन ने बताया कि आदिवासियों के भूमि हस्तांतरण पर रोक लगाने के उद्देश्य से टीएसी ने एक उप समिति का गठन किया है जो रिपोर्ट सौपेंगी उसके बाद अग्रतर कारवाई की जायेगी. उप समिति में विधायक स्टीफन मरांडी, चमरा लिंडा, बंधु तिर्की, दीपक बिरुआ और भूषण तिर्की को शामिल किया गया है जो जल्द से जल्द अपनी रिपोर्ट टीएसी को सौंपेंगे.

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इन प्रस्तावों पर हुई चर्चा

1. आदिवासियों को आजन्म मान्य हो जाति प्रमाण पत्र.

2. सरकारी बैंकों से आदिवासी समाज को ऋण लेने में हो रही परेशानी को दूर करने में वित्त विभाग पहल कर सुधार लाने की कोशिश करे.

3. आदिवासियों के भूमि के अवैध हस्तांतरण पर रोक लगना चाहिए. पश्चिम बंगाल से सटे सीमावर्ती जिलों पाकुड़, साहेबगंज, आदि में गैर आदिवासियों द्वारा आदिवासियों की जमीन पर अवैध कब्जा पर रोकथाम पर विचार विमर्श.

4. जनजातीय भाषाओं के संरक्षण हेतु व्यापक प्रयास की जरूरत है. जनजातीय भाषा अकादमी का गठन, महाविद्यालयों, विश्वविद्यालयों में भाषा शिक्षा की व्यवस्था, विद्यालय में शिक्षकों की नियुक्ति आदि विषय पर विचार.

5. झारखंड के वीर शहीदों/ झारखंड आंदोलन के शीर्ष नेतृत्वकर्ता के बारे में झारखंड की भावी पीढ़ी को बताने के लिए शिक्षा विभाग एवं कला संस्कृति विभाग समेकित रुप से कार्य करते हुए इसपर कार्य योजना बनाने का निर्माण करे.

6. सरना धर्म कोड को मान्यता दिए बिना अगर केन्द्र सरकार जनगणना करवाने पर अड़ती है तो आगामी जनगणना कार्यक्रम में राज्य सरकार को केन्द्र सरकार के साथ असहयोग की नीति अपनानी चाहिए.

7. विभिन्न औद्योगिक प्रतिष्ठानों के द्वारा आदिवासियों की जमीन अधिग्रहण एवं उनके विस्थापन पर एक शोध की आवश्यकता है. शोध के साथ-साथ एक सशक्त पुनस्रथापन नीति बनायी जाय. इस संबंध में पुर्नस्थापना आयोग का गठन किया जाय.

8. राज्य में अवैध मानव व्यापार खासकर आदिवासी महिलाओं और लड़कियों को बेचे जाने के लिए कठोर कानून बनाने का निर्णय लिया गया.

9. अनुसूचित जनजाति समुदाय के लोगों के खिलाफ होनेवाले अपराध का विशेष पुनरीक्षण पर विचार किया गया.

10. ट्रायबल यूनिवर्सिटी खोलने पर विचार किया गया.

11. आदिवासियों को उद्योग से जोड़ने के लिए विशेष राहत सुविधा खासकर केन्द्र और राज्य सरकार के कर से छूट देने पर विचार किया गया.

सरना धर्मकोड पर राष्ट्रपति के समक्ष मांग रखने का निर्णय

टीएसी की बैठक में सरना धर्मकोड का मुद्दा छाया रहा. जनगणना में सरना धर्मकोड को शामिल नहीं होने पर नाराजगी जताते हुए टीएसी ने राष्ट्रपति के समक्ष मांग रखने का निर्णय लिया है. साथ ही राज्यपाल के माध्यम से केन्द्र सरकार को आदिवासियों के धर्मकोड को जनगणना में शामिल करने की मांग रखने का निर्णय लिया गया है.

सरकारी बैंकों से आदिवासियों को ऋण मिलने में हो रही परेशानी पर भी बैठक में चर्चा हुई और जल्द बैंकों से बात कर समस्या का समाधान करने को कहा गया. मंत्री चंपाई सोरेन ने कहा कि जनजातीय भाषाओं के संरक्षण के लिए प्राथमिक स्तर से ही शिक्षा देने के लिए शिक्षकों की नियुक्ति की जायेगी. टीएसी ने जमशेदपुर में ट्रायबल विश्वविद्यालय खोलने की भी सहमति प्रदान की है.

Last Updated : Sep 28, 2021, 7:41 AM IST
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