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झारखंड हाई कोर्ट का आदेश, सरकारी विभागों में 10 साल से कार्यरत कर्मियों की सेवा करें नियमित

झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) ने सरकारी विभागों में 10 साल से कार्यरत कर्मियों की सेवा को नियमित (Contract workers will be regular) करने का आदेश दिया है. जस्टिस डॉ एसएन पाठक की अदालत ने ट्रांसपोर्ट विभाग में कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने वाले नरेंद्र कुमार तिवारी की याचिका पर यह आदेश दिया है.

Jharkhand High Court
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Published : Dec 22, 2022, 4:06 PM IST

रांची: झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) ने राज्य सरकार के ट्रांसपोर्ट एवं अन्य विभागों में 10 साल से अधिक समय से कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने वाले कर्मियों की सेवा नियमित (Contract workers will be regular) करने का आदेश दिया है. जस्टिस डॉ एसएन पाठक की कोर्ट ने गुरुवार को नरेंद्र कुमार तिवारी सहित 11 अन्य लोगों की अलग-अलग याचिकाओं पर यह आदेश पारित किया.

ये भी पढ़ें- बड़हरवा टोल टेंडर मामले की जांच सीबीआई और एनआईए से करवाने की मांग, 16 जनवरी को अगली सुनवाई

राज्य सरकार के ट्रांसपोर्ट एवं अन्य विभागों में कॉन्ट्रैक्ट पर 10 साल से ज्यादा वक्त से काम करने वाले कर्मियों ने अपनी सेवा नियमित करने की राज्य सरकार से गुहार लगाई थी, लेकिन राज्य सरकार ने उनके आग्रह को नामंजूर कर दिया था. इसके बाद उन्होंने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. वर्ष 2017 में हाई कोर्ट ने भी उनकी याचिका को खारिज कर दिया था.

इसके बाद सभी प्रार्थियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की. सुप्रीम कोर्ट ने विभाग को केस रिमांड बैक कर दिया और गाइडलाइन फ्रेम कर ट्रांसपोर्ट विभाग में 10 साल से ज्यादा समय से काम कर रहे कर्मियों को नियमित करने पर निर्णय लेने का निर्देश दिया था. राज्य सरकार की ओर से फिर से उनके आग्रह को खारिज कर दिया गया और इन्हें वर्ष 2018 में नौकरी से हटा दिया गया।

नौकरी से हटाए गए लोगों ने पुन: हाई कोर्ट में रिट याचिका दाखिल की थी. कोर्ट ने सभी प्रार्थियों की याचिका को स्वीकार करते हुए उनकी सेवा को नियमित करने का आदेश राज्य सरकार को दिया है. याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता इंद्रजीत सिन्हा और अधिवक्ता विपुल पोद्दार ने पैरवी की.

इनपुट-आईएएनएस

रांची: झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) ने राज्य सरकार के ट्रांसपोर्ट एवं अन्य विभागों में 10 साल से अधिक समय से कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने वाले कर्मियों की सेवा नियमित (Contract workers will be regular) करने का आदेश दिया है. जस्टिस डॉ एसएन पाठक की कोर्ट ने गुरुवार को नरेंद्र कुमार तिवारी सहित 11 अन्य लोगों की अलग-अलग याचिकाओं पर यह आदेश पारित किया.

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राज्य सरकार के ट्रांसपोर्ट एवं अन्य विभागों में कॉन्ट्रैक्ट पर 10 साल से ज्यादा वक्त से काम करने वाले कर्मियों ने अपनी सेवा नियमित करने की राज्य सरकार से गुहार लगाई थी, लेकिन राज्य सरकार ने उनके आग्रह को नामंजूर कर दिया था. इसके बाद उन्होंने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. वर्ष 2017 में हाई कोर्ट ने भी उनकी याचिका को खारिज कर दिया था.

इसके बाद सभी प्रार्थियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की. सुप्रीम कोर्ट ने विभाग को केस रिमांड बैक कर दिया और गाइडलाइन फ्रेम कर ट्रांसपोर्ट विभाग में 10 साल से ज्यादा समय से काम कर रहे कर्मियों को नियमित करने पर निर्णय लेने का निर्देश दिया था. राज्य सरकार की ओर से फिर से उनके आग्रह को खारिज कर दिया गया और इन्हें वर्ष 2018 में नौकरी से हटा दिया गया।

नौकरी से हटाए गए लोगों ने पुन: हाई कोर्ट में रिट याचिका दाखिल की थी. कोर्ट ने सभी प्रार्थियों की याचिका को स्वीकार करते हुए उनकी सेवा को नियमित करने का आदेश राज्य सरकार को दिया है. याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता इंद्रजीत सिन्हा और अधिवक्ता विपुल पोद्दार ने पैरवी की.

इनपुट-आईएएनएस

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