पलामू: अति नक्सल प्रभावित इलाके की एक बच्ची ने पलामू एसपी रीष्मा रमेशन से गुहार लगाई. बच्ची पढ़ाई कर जज बनना चाहती है, लेकिन उसके परिजन उसे पढ़ाना नहीं चाहते हैं. गुहार के बाद पलामू पुलिस की स्पेशल टीम बच्ची के घर गई और परिजनों से बात की. पुलिस अब बच्ची की पढ़ाई में मदद करेगी.
पलामू एसपी रीष्मा रमेशन कार्यालय में अपने कार्यों को निपटा रही थी. इसी क्रम में उन्हें एक अंजान नंबर से कॉल आया. कॉल करने वाली बच्ची ने रोते हुए एसपी से कहा कि वह अपने भाई के नंबर से कॉल की है. इस दौरान उसने कहा कि वह पढ़ाई करना चाहती है, लेकिन उसके माता-पिता उसकी शादी करवाने वाले हैं. बच्ची की बात सुनने के बाद एसपी ने मदद का आश्वासन दिया और तत्काल मेदिनीनगर टाउन महिला थाना प्रभारी रूपा बाखला को लड़की से संपर्क करने को कहा गया और पूरे मामले में रिपोर्ट मांगी गई.
कॉल करने वाली बच्ची पलामू के मनातू थाना क्षेत्र के अति नक्सल प्रभावित गांव की रहने वाली है. टाउन महिला थाना प्रभारी रूपा बाखला और मनातू थाना प्रभारी निर्मल उरांव के नेतृत्व में पुलिस बच्ची के घर गई. पुलिस की टीम ने परिजनों के साथ करीब डेढ़ घंटे तक बातचीत की. पुलिस अधिकारियों के समझाने के बाद परिजन बच्ची के पढ़ाई को लेकर राजी हुए है. वहीं पुलिस ने पढ़ाई में मदद करने का आश्वासन दिया है. पढ़ाई के लिए गुहार लगाने वाली बच्ची 11वीं क्लास की छात्रा है. बच्ची का नामांकन मनातू के चक हाई स्कूल में करवाया गया है.
कॉल पर बच्ची ने बताया कि वह पढ़ाई करके जज बनना चाहती है. बच्ची को मदद करने का आश्वासन दिया गया है.- रीष्मा रमेशन, एसपी
बच्ची के घर मनातू थाना प्रभारी निर्मल उरांव और वे खुद गई थी. परिजनों से बातचीत की गई है. परिजन पढ़ाई के लिए राजी हुए हैं. जिस गांव में बच्ची रहती है वह अति नक्सल प्रभावित इलाका है.- रुपा बाखला, महिला थाना प्रभारी, मेदिनीनगर
पढ़ने में मेघावी है बच्ची, चक हाई स्कूल में करवाया गया है नामांकन
बच्ची 11वीं क्लास में आर्ट्स के विषय से पढ़ाई कर रही है. पुलिस एवं परिजनों के पहल पर नामांकन चक हाई स्कूल में करवाया गया है. बच्ची ने दसवीं क्लास में 70 प्रतिशत से भी अधिक नंबर लाया था. चक हाई स्कूल में करीब 1700 बच्चे पढ़ाई करते हैं. चक हाई स्कूल को माओवादी दो बार विस्फोट कर उड़ा चुके हैं.
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