रांची: अदालत में मामले की सुनवाई के दौरान प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पक्ष रखते हुए अदालत को बताया कि जिस वाहन से भारी मात्रा में जिलेटिन, तार आदि जब्त किया गया था. वह वाहन उनका नहीं है. उनके पास से कुछ बरामद भी नहीं हुआ था. प्राथमिकी में भी उनका नाम नहीं है.
नामजद आरोपी ने बयान में नाम लिया था. इस पर पुलिस ने उन्हें भी आरोपी बना दिया. वह 19 मार्च 2019 से जेल में हैं. बता दें कि प्राथमिकी में राजेश प्रसाद का नाम नहीं था. बाद में गवाही के दौरान नामजद आरोपी ने बयान में राजेश प्रसाद का नाम लिया था. उसी मामले में राजेश प्रसाद ने जमानत याचिका दायर की थी. उसी जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने उन्हें जमानत की सुविधा उपलब्ध करा दी है.