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हाई कोर्ट ने झारखंड बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉर्पोरेशन के एमडी पर लगाया जुर्माना, आदेश के अनुपालन का भी निर्देश - अवमाननावाद याचिका की सुनवाई

झारखंड हाई कोर्ट ने अवमाननावाद याचिका की सुनवाई के दौरान झारखंड बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉर्पोरेशन के एमडी पर नौ मामलों में एक-एक हजार रुपये जुर्माना लगाया.

Jharkhand High Court
झारखंड हाई कोर्ट
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Published : May 6, 2022, 10:56 PM IST

रांची: झारखंड हाईकोर्ट ने अवमाननावाद याचिका की सुनवाई के दौरान अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई. झारखंड बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन के एमडी पर कॉशन मनी रिलीज न करने से संबंधित 9 मामलों में 1-1 हजार रुपये का जुर्माना लगाया. साथ ही सरकार के आग्रह पर आदेश का अनुपालन करने के लिए एक और मौका दिया. अदालत के आदेश का अनुपालन कर कोर्ट को अवगत कराने का निर्देश भी दिया.

ये भी पढ़ें-विधायक भानु प्रताप शाही की बढ़ सकती है मुश्किलें, हाई कोर्ट से नहीं मिली राहत

झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश राजेश शंकर की अदालत में याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने गुहार लगाई कि हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद भी आदेश का अनुपालन नहीं किया गया. अधिकारी हाईकोर्ट के आदेश को हल्के में ले रहे हैं. जानबूझकर अनुपालन नहीं किया जा रहा है. लटकाया जा रहा है. जिस पर अदालत ने सरकार के अधिवक्ता से जानकारी मांगी लेकिन सरकार की ओर से सकारात्मक जवाब नहीं दिया जा सका. जिस पर अदालत ने कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए, एमडी को प्रत्येक केस में ₹1000 जुर्माना लगाया. बाद में सरकारी अधिवक्ता के आग्रह पर फिर से एक मौका दे दिया.

अमृतांश वत्स

ये है मामलाः बता दें कि विंध्यवासिनी कंस्ट्रक्शन सहित अन्य नौ कंस्ट्रक्शन कंपनी ने भवन निर्माण कार्पोरेशन में ठेके पर काम किया है. जिसमें उन्होंने कार्य पूर्ण करने तक के लिए कॉशन मनी जमा किया था. कार्य पूरा होने के बाद भी विभाग द्वारा सिक्योरिटी मनी नहीं लौटाया गया. इसके बाद कंपनियों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. अदालत ने सरकार को सभी निर्माण कर रही कंपनियों की सिक्योरिटी मनी वापस करने का निर्देश दिया. अदालत द्वारा दिए गए समय बीत जाने के बाद भी आदेश का अनुपालन नहीं किया गया. उसके बाद याचिकाकर्ता ने अवमानना बाद याचिका दायर की उसी याचिका पर सुनवाई के दौरान जुर्माना लगाया गया है.

रांची: झारखंड हाईकोर्ट ने अवमाननावाद याचिका की सुनवाई के दौरान अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई. झारखंड बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन के एमडी पर कॉशन मनी रिलीज न करने से संबंधित 9 मामलों में 1-1 हजार रुपये का जुर्माना लगाया. साथ ही सरकार के आग्रह पर आदेश का अनुपालन करने के लिए एक और मौका दिया. अदालत के आदेश का अनुपालन कर कोर्ट को अवगत कराने का निर्देश भी दिया.

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झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश राजेश शंकर की अदालत में याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने गुहार लगाई कि हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद भी आदेश का अनुपालन नहीं किया गया. अधिकारी हाईकोर्ट के आदेश को हल्के में ले रहे हैं. जानबूझकर अनुपालन नहीं किया जा रहा है. लटकाया जा रहा है. जिस पर अदालत ने सरकार के अधिवक्ता से जानकारी मांगी लेकिन सरकार की ओर से सकारात्मक जवाब नहीं दिया जा सका. जिस पर अदालत ने कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए, एमडी को प्रत्येक केस में ₹1000 जुर्माना लगाया. बाद में सरकारी अधिवक्ता के आग्रह पर फिर से एक मौका दे दिया.

अमृतांश वत्स

ये है मामलाः बता दें कि विंध्यवासिनी कंस्ट्रक्शन सहित अन्य नौ कंस्ट्रक्शन कंपनी ने भवन निर्माण कार्पोरेशन में ठेके पर काम किया है. जिसमें उन्होंने कार्य पूर्ण करने तक के लिए कॉशन मनी जमा किया था. कार्य पूरा होने के बाद भी विभाग द्वारा सिक्योरिटी मनी नहीं लौटाया गया. इसके बाद कंपनियों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. अदालत ने सरकार को सभी निर्माण कर रही कंपनियों की सिक्योरिटी मनी वापस करने का निर्देश दिया. अदालत द्वारा दिए गए समय बीत जाने के बाद भी आदेश का अनुपालन नहीं किया गया. उसके बाद याचिकाकर्ता ने अवमानना बाद याचिका दायर की उसी याचिका पर सुनवाई के दौरान जुर्माना लगाया गया है.

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