रांची: झारखंड के लोगों के लिए गुरुवार को एक बड़ी खबर आई है. दरअसल, राज्य में सिविल जज जूनियर डिविजन की मुख्य परीक्षा का रास्ता साफ हो गया है. झारखंड हाई कोर्ट ने गुरुवार को प्रारंभिक परीक्षा को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए याचिका को खारिज कर दिया है.
याचिकाकर्ता ने परीक्षा रद्द करने की उठाई थी मांग
इस मामले की सुनवाई मुख्य कार्यवाहक न्यायाधीश एचसी मिश्रा और दीपक रोशन की अदालत में हुई. अदालत ने याचिका पर सुनवाई करते हुए सभी पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद याचिका खारिज कर दी. बता दें कि सिविल जज जूनियर डिविजन की प्रारंभिक परीक्षा में चयन नहीं होने पर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी. आवेदनकर्ता अतुल कुमार झा और अविनाश द्विवेदी ने याचिका के माध्यम से दिव्यांग श्रेणी (लोको मोटर) में जारी रिजल्ट में गड़बड़ी का मुद्दा उठाया था. याचिका में उन्होंने कहा था कि दिव्यांग अभ्यर्थियों को परीक्षा में 20 मिनट अधिक समय मिलना चाहिए था लेकिन परीक्षा में ऐसा नहीं हुआ. इसके साथ ही याचिका के माध्यम से कहा गया था कि रिजल्ट निकालने में गड़बड़ी हुई है इसलिए प्रारंभिक परीक्षा रद्द कर दी जाए.
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रिजल्ट में कोई गड़बड़ी नहीं
अदालत में सुनवाई के दौरान जेपीएससी के अधिवक्ता संजय पीपलवाल ने कहा कि प्रारंभिक परीक्षा के रिजल्ट में कोई गड़बड़ी नहीं है. वादियों का चयन कम नंबर होने के कारण नहीं हो पाया. अदालत ने सभी पक्षों की दलीलों को सुनने के उपरांत याचिका को खारिज किया है. बता दें कि 28 सितंबर को सिविल जज जूनियर डिवीजन की मुख्य परीक्षा होनी है. यह परीक्षा जेपीएससी ले रही है जिसके माध्यम से मुख्य परीक्षा में 100 से अधिक रिक्त पदों की नियुक्ति होनी है.