देवघरः राज्यपाल रमेश बैस (Jharkhand Governor Ramesh Bais ) शनिवार को देवघर पहुंचे. यहां राज्यपाल एएस कॉलेज देवघर में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 विषय पर आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन में ( National Education Policy 2020 ) शिरकत की. इस दौरान राज्यपाल ने एएस कॉलेज देवघर में झारखंड राज्य खुला विश्वविद्यालय के स्टडी सेंटर का उद्घाटन किया.
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कार्यक्रम में राज्यपाल रमेश बैस ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर अपनी बात रखी. राज्यपाल ने कहा कि किसी भी राष्ट्र की पहचान उसकी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से होती है. उच्च स्तरीय शिक्षा के माध्यम से देश की प्रतिभा एवं संसाधनों के साथ मानवजाति के कल्याण का मार्ग प्रशस्त किया जा सकता है. इसी को ध्यान में रखकर राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 बनाई गई है.
राज्यपाल रमेश बैस ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति विद्यार्थियों का उज्ज्वल भविष्य सुनिश्चित करने वाली है. यह शिक्षा नीति हमें हमारी जमीन से जोड़ती है. इस नीति में किसी भाषा का दूसरी भाषा से विरोध नहीं है. हालांकि मातृभाषा को अपनाने पर बल देती है. क्योंकि हमारी सोच, संस्कार, व्यवहार हमारी मातृभाषा से पूरी तरह से जुड़े हुए होते हैं. इस शिक्षा नीति के लागू होने के बाद हमारे विद्यार्थी भाषायी कारणों से पीछे नहीं रहेंगे. यह पहली शिक्षा नीति है जो व्यवहारिक है और राष्ट्र के अधिक हित में है. इसमें ज्ञान की कद्र की गई है. नई शिक्षा नीति से बच्चे विद्यालय जाने के लिए प्रेरित होंगे.
औपनिवेशिक शिक्षा प्रणाली बदलने में मददगारः झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति से वर्तमान औपनिवेशिक शिक्षा प्रणाली को बदलने में सहायता मिलेगी. जहां वर्षों से हमारी शिक्षा नीति केवल नौकरी की चाह रखने वाले युवाओं को तैयार कर रही थी, नई नीति ऐसी शिक्षा प्रणाली विकसित करेगी जो युवाओं को आत्मनिर्भर और जॉब क्रिएटर बनाने में भूमिका निभाएगी. यह शिक्षा नीति चारित्रिक उत्थान की भी बात करती है.
राज्यपाल ने कहा कि एक अच्छा शैक्षणिक संस्थान उसे माना जाता है, जहां हर विद्यार्थी के सीखने के लिए अच्छा बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराया जाय, वहां के शिक्षक शिक्षा के प्रति समर्पित हों, वे अपने विद्यार्थियों के लिए अपनी संतान की भांति चिंतनशील रहें और उनको रास्ता दिखाएं. राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 इन्हीं मापदंडों को पूरा करती है. नई शिक्षा नीति में नवाचार को प्रोत्साहित करने के लिए रचनात्मकता की सोच शामिल है.
शोध को बढ़ावाः राज्यपाल रमेश बैस ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में शोध गतिविधियों पर विशेष बल दिया गया है. इस शिक्षा नीति में यह भी रेखांकित किया गया है कि अच्छा अनुसंधान वही कर सकता है जो अपनी भाषा में सोचता है. ऐसा इसीलिए है क्योंकि मौलिक विचार क्षमता अपनी भाषा में ही विकसित होती है और इसका आधार तो प्रारम्भिक शिक्षा से ही तय हो जाता है.
राज्यपाल रमेश बैस ने कहा कि नई शिक्षा नीति में उच्च शिक्षा के स्तर पर एक नया दृष्टिकोण अपनाया गया है. अब एक छात्र अगर एक विषय के रूप में तकनीकी अथवा विज्ञान के विषय का चयन करता है तो वह दूसरे विषय के रूप में मानविकी या समाजिक विज्ञान या फिर कोई और विषय भी चुन सकेगा. विज्ञान, वाणिज्य और कला के ही विषयों तक ही सीमित रहने की बाध्यता खत्म हो गई है. हमारे विद्यार्थी अब अपनी इच्छा के मुताबिक कोई भी विषय ले सकते हैं. इसमें विद्यार्थी की रूचि का विशेष ध्यान रखा गया है.
स्टडी सेंटर का लाभः राज्यपाल रमेश बैस ने यह भी कहा कि झारखंड राज्य में झारखंड राज्य खुला विश्वविद्यालय की स्थापना की गई है और आज यहां इस विश्वविद्यालय के स्टडी सेंटर की स्थापना हो रही है. इस स्टडी सेंटर की स्थापना से आसपास के लोगों को काफी लाभ मिलेगा.