रांची: झारखंड की सत्तारूढ़ बीजेपी सरकार ने गुरुवार को जेएमएम के सुप्रीमो शिबू सोरेन, उनके बेटे हेमंत सोरेन समेत परिवार के अन्य सदस्यों के खिलाफ छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम के उल्लंघन से जुड़ी शिकायत पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. आधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष और राज्यसभा सांसद समीर उरांव ने इसे लेकर मुख्य सचिव से मुलाकात कर शिकायत दर्ज कराई थी.
समीर उरांव ने शिबू सोरेन और हेमंत सोरेन पर आरोप लगाया था कि सोरेन परिवार ने अलग-अलग भूखंडों का हस्तांतरण अपने नाम से कराने के लिए आवासीय पते में छेड़छाड़ की है. इसे लेकर रांची जिला प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार राजधानी रांची में खरीदी गई सोरेन परिवार के सदस्य द्वारा जमीन मामले में क्रेता और विक्रेता दोनों को नोटिस जारी कर उन्हें अपना पक्ष रखने को कहा गया है.
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आधिकारिक सूत्रों की मानें तो ऐसा ही निर्देश जमशेदपुर और धनबाद जिला प्रशासन ने भी जारी किया है. दरअसल, राज्यसभा सांसद ने साफ तौर पर कहा कि शिबू सोरेन और हेमंत सोरेन ने गलत तरीके से जमीन ली है.
छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम की धारा 46 के अनुसार एक आदिवासी संबंधित उपायुक्त की अनुमति से दूसरे आदिवासी की भूमि खरीद सकता है, बशर्ते की खरीदने और बेचने वाले एक ही थाना क्षेत्र के निवासी हों. समीर उरांव ने साफ तौर पर आरोप लगाया था कि शिबू सोरेन और हेमंत सोरेन ने ऐसा ही किया है. इतना ही नहीं उरांव के साथ गए प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि शिबू सोरेन, हेमंत सोरेन, उनकी पत्नी कल्पना मुर्मू परिवार के अन्य सदस्य सीता मुर्मू, बसंत सोरेन आदि के नाम से भी आदिवासी जमीन राज्य के विभिन्न जिलों में खरीदे गए हैं. डेलिगेशन ने साफ तौर पर आरोप लगाया कि हेमंत सोरेन द्वारा 30 से अधिक डीड के मार्फ़त सम्पूर्ण क्षेत्र में जमीन खरीदी गई है, जो छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों के खिलाफ है.