चेन्नई: झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो के स्वास्थ्य में तेजी से सुधार हो रहा है. चेन्नई के एमजीएम अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है. डॉक्टरों का कहना है कि वे जल्द घर लौट सकते हैं.
बड़ी चुनौती थी लंग्स ट्रांसप्लांट
गुरुवार को एमजीएम अस्पताल के निदेशक डॉ. केआर बालकृष्णन ने बताया कि जगरनाथ महतो का लंग्स ट्रांसप्लांट उनके लिए बड़ी चुनौती थी. कोविड के बाद खराब हुए फेफड़ों के लिए अभी तक ज्यादा ट्रांसप्लांट नहीं किये गए हैं. डॉक्टर ने बताया कि जगरनाथ महतो को हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज की भी बीमारी है. ऐसे में उनका लंग्स ट्रांसप्लांट आसान नहीं था.
डॉ. बालकृष्णन ने बताया कि कोरोना संक्रमण की वजह से जगरनाथ महतो के फेफड़े क्षतिग्रस्त हो गए थे. कोरोना के इलाज के दौरान उनकी स्थिति लगातार बिगड़ती चली गई. लेकिन, अब ट्रांसप्लांट के बाद फेफड़े अच्छे से काम कर रहे हैं. ट्रांसप्लांट के बाद उनके ईसीएम को हटा दिया गया था जिसके बाद उनके ऑक्सीजन स्तर में धीरे-धीरे सुधार हुआ. 8 दिसंबर को उन्हें वेंटिलेटर से हटा दिया गया था. जगरनाथ महतो अभी डॉक्टरों की निगरानी में हैं और धीरे-धीरे उनका स्वास्थ्य ठीक हो रहा है.
डॉ. बालकृष्ण ने बताया कि-'हमने अपने सामने सभी उपलब्ध सभी विकल्पों को देखा और ट्रांसप्लांट के साथ आगे बढ़ने का फैसला किया. जगरनाथ महतो ने इसके लिए अच्छी प्रतिक्रिया दी और उनके फेफड़े अब अच्छे से काम कर रहे हैं.'
एयर एंबुलेंस से लाया गया था चेन्नई
बता दें कि पिछले साल सितंबर में जगरनाथ महतो की तबीयत खराब हुई थी. इसके बाद उनका कोरोना जांच कराया गया जिसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी. करीब एक महीने तक रांची में उनका इलाज चला. स्वास्थ्य में सुधार नहीं होने पर उन्हें चेन्नई लाया गया.
डॉक्टरों की टीम ने बताया कि 19 अक्टूबर को मंत्री जगरनाथ महतो को एयर एंबुलेंस से रांची से चेन्नई लाया गया था. 28 अक्टूबर को जारी मेडिकल बुलेटिन के मुताबिक उनके फेफड़ों में कोई सुधार नहीं दिखा तब ट्रांसप्लांट करने का निर्णय लिया गया. 10 नवंबर को उनका लंग्स ट्रांसप्लांट किया गया. जगरनाथ महतो को 11 जनवरी 2021 को आईसीयू से जनरल वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है.