रांची: झारखंड राज्य अनुबंधित पारा चिकित्सा कर्मी संघ अनुबंधकर्मी के समायोजन की मांग को लेकर संकेतिक हड़ताल पर थे. इसके बाद बुधवार को पूर्व निर्धरित कार्यक्रम के अनुसार राज्य भर के लेब, एक्सरे टेक्नीशियन, फार्मासिस्ट, जीएनएम, एएनएम, अनिश्चित कालीन हड़ताल पर चले गए.
कालीन हड़ताल पर गए चिकित्सा कर्मी
सरकार की तरफ से किसी प्रकार का पहल नहीं किए जाने के कारण कर्मचारी संगठनों में काफी आक्रोश है. राज्य भर की स्वास्थय व्यवस्था चरमरा गई है. फिर भी सरकार की नींद अभी खुली नहीं है.
चिकित्सा कर्मी संघ की मुख्य मांग
- वर्षों से स्वास्थ विभाग के विभिन्न विभागों और कार्यक्रमों (NHM,NVBDCP,JSACS,NCD,RNTCP ) में अनुबंध पर कार्यरत सभी पारा चिकित्स कर्मियों का सीधा समायोजन, नियमितीकरण पूर्व संचिका संख्या 10 पारा मेडिकल 07/07/2012, रांची दिनांक 30/1 2014 के पारा मेडिकल नियमावली की तर्ज पर अभिलंब समायोजन हो. जब तक स्थाई नहीं किया जाता समान काम समान वेतन का प्रावधान लागू हो.
- कोविड-19 में लगे पारा- चिकित्सा कर्मियों को अन्य राज्य उड़ीसा, बिहार, हरियाणा आदि राज्यों की तर्ज पे कोविड-19 में लगे पारा-चिकित्सक कर्मियों को अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि प्रदान किया जाए.
- जिन अनुबंध कर्मियों का EPF की कटौती नहीं की जा रही है, उनका भी EPF कटौती की जाए.
- अन्य अनुबंध कर्मियों का जिनका पद सृजित न हो उनका पद अभिलंब सृजित किया जाए.
अनिश्चितकालीन हड़ताल की शुरुआत
बता दें कि रांची में मंगलवार को झारखंड अनुबंधित पारा चिकित्सा कर्मी संघ की तरफ से एक दिवसीय सांकेतिक हड़ताल की शुरुआत किया. जहां पारा कर्मियों का कहाना है कि अगर स्वास्थ्य विभाग में समायोजित करते हुए नियमितीकरण नहीं करती है, तो 5 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल की शुरुआत करेगे.