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बिना चार्जिंग कैसे चलेंगे इलेक्ट्रिक वाहन, राह में कई अड़चनें, राज्य सरकार से हस्तक्षेप की मांग - ELECTRIC VEHICLES

धनबाद में क्लिन एयर प्रोग्राम के तहत जहां एक ओर इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा दिया जाना है. वहीं दूसरी ओर टोटो वाहन परेशान हैं.

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Feb 7, 2025, 1:05 PM IST

धनबाद: जिले में प्रदूषण की स्थिति को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की सूची में धनबाद का नाम भी शामिल है. क्लिन एयर प्रोग्राम के तहत इलेक्ट्रिक और सीएनजी वाहनों को बढ़ावा दिया जाना है. अगर इलेक्ट्रिक वाहनों की बात करें तो ऐसा नहीं है कि जिले में इलेक्ट्रिक वाहनों में बढ़ोतरी नहीं हुई है.

इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है. शहर में करीब दस हजार इलेक्ट्रिक वाहन चल रहे हैं. वर्ष 2024 में मात्र चार इलेक्ट्रिक वाहन सड़कों पर उतरे. इनमें से अधिकांश सवारी वाहन यानी टोटो हैं. लेकिन आज टोटो चालक काफी परेशान हैं. उनकी परेशानी का कारण चार्जिंग स्टेशन है.

टोटो चालक एक बार घर से वाहन चार्ज कर निकल जाते हैं. लेकिन अगर रास्ते में वाहन की बैटरी खत्म हो जाती है तो उन्हें भगवान भरोसे ही रहना पड़ता है, क्योंकि शहर में एक भी चार्जिंग प्वाइंट नहीं है. टोटो वाहन चलाने वाले पवन कुमार सिंह ने कहा कि शहर में कहीं भी चार्जिंग प्वाइंट नहीं है. रास्ते में वाहन का चार्ज खत्म होने पर उसे धक्का देकर ले जाना पड़ता है या फिर दूसरे वाहन से खींचकर ले जाना पड़ता है. उन्होंने कहा कि एक किलोमीटर के अंदर सड़क के दोनों तरफ चार्जिंग स्टेशन होने चाहिए. उन्होंने सरकार से इसकी मांग भी की है.

जानकारी देते संवाददाता नरेंद्र निषाद (Etv Bharat)

वहीं मो शाहरुख ने कहा कि जब वाहन की बैटरी खत्म हो जाती है, तो उसे पार्किंग में चार्ज करना पड़ता है. चार्जिंग के लिए 50 रुपये देने पड़ते हैं. रास्ते में बैटरी खत्म होने पर वाहन को धक्का देकर ले जाना पड़ता है. जीतन रवानी ने कहा कि बैटरी खत्म होने पर काफी परेशानी होती है. उन्होंने सरकार से पेट्रोल पंपों पर चार्जिंग प्वाइंट उपलब्ध कराने की मांग की है.

वहीं इस पूरे मामले पर पेट्रोलियम डीलर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष अशोक सिंह ने कहा कि जीटी रोड के किनारे तीन पेट्रोल पंपों पर चार्जिंग प्वाइंट बनाये गये हैं. लेकिन अभी तक इसे शुरू नहीं किया गया है. उन्होंने कहा कि केंद्र के निर्देश पर पेट्रोल पंपों पर चार्जिंग प्वाइंट बनाये गये हैं. भविष्य में और पंपों पर इसे बनाने की योजना है. लेकिन इसे शुरू करने के लिए राज्य सरकार को पहल करने की जरूरत है.

उन्होंने कहा कि चार्जिंग प्वाइंट के लिए सिक्योरिटी मनी जमा करनी होती है. साथ ही एक निश्चित एकमुश्त बिजली बिल भी देना होता है. राज्य सरकार को सिक्योरिटी मनी जमा करने की प्रक्रिया को समाप्त करना होगा. कोई भी चार्जिंग प्वाइंट के लिए सिक्योरिटी मनी जमा नहीं करना चाहता है. दूसरे, बिजली के लिए एक निश्चित राशि देनी होती है, उसे भी हटाना होगा. ये दोनों ही चार्जिंग पॉइंट शुरू करने में बाधा बन रहे हैं.

उन्होंने कहा कि अभी जिले में इतने इलेक्ट्रिक वाहन नहीं हैं कि वे बिजली के लिए एक निश्चित राशि दे सकें. जिले में अभी सीमित वाहन हैं, सरकार को उनके लिए टैरिफ तय करने की जरूरत है. इसके बाद ही चार्जिंग पॉइंट शुरू करने की दिशा में पहल की जा सकेगी.

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इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है. शहर में करीब दस हजार इलेक्ट्रिक वाहन चल रहे हैं. वर्ष 2024 में मात्र चार इलेक्ट्रिक वाहन सड़कों पर उतरे. इनमें से अधिकांश सवारी वाहन यानी टोटो हैं. लेकिन आज टोटो चालक काफी परेशान हैं. उनकी परेशानी का कारण चार्जिंग स्टेशन है.

टोटो चालक एक बार घर से वाहन चार्ज कर निकल जाते हैं. लेकिन अगर रास्ते में वाहन की बैटरी खत्म हो जाती है तो उन्हें भगवान भरोसे ही रहना पड़ता है, क्योंकि शहर में एक भी चार्जिंग प्वाइंट नहीं है. टोटो वाहन चलाने वाले पवन कुमार सिंह ने कहा कि शहर में कहीं भी चार्जिंग प्वाइंट नहीं है. रास्ते में वाहन का चार्ज खत्म होने पर उसे धक्का देकर ले जाना पड़ता है या फिर दूसरे वाहन से खींचकर ले जाना पड़ता है. उन्होंने कहा कि एक किलोमीटर के अंदर सड़क के दोनों तरफ चार्जिंग स्टेशन होने चाहिए. उन्होंने सरकार से इसकी मांग भी की है.

जानकारी देते संवाददाता नरेंद्र निषाद (Etv Bharat)

वहीं मो शाहरुख ने कहा कि जब वाहन की बैटरी खत्म हो जाती है, तो उसे पार्किंग में चार्ज करना पड़ता है. चार्जिंग के लिए 50 रुपये देने पड़ते हैं. रास्ते में बैटरी खत्म होने पर वाहन को धक्का देकर ले जाना पड़ता है. जीतन रवानी ने कहा कि बैटरी खत्म होने पर काफी परेशानी होती है. उन्होंने सरकार से पेट्रोल पंपों पर चार्जिंग प्वाइंट उपलब्ध कराने की मांग की है.

वहीं इस पूरे मामले पर पेट्रोलियम डीलर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष अशोक सिंह ने कहा कि जीटी रोड के किनारे तीन पेट्रोल पंपों पर चार्जिंग प्वाइंट बनाये गये हैं. लेकिन अभी तक इसे शुरू नहीं किया गया है. उन्होंने कहा कि केंद्र के निर्देश पर पेट्रोल पंपों पर चार्जिंग प्वाइंट बनाये गये हैं. भविष्य में और पंपों पर इसे बनाने की योजना है. लेकिन इसे शुरू करने के लिए राज्य सरकार को पहल करने की जरूरत है.

उन्होंने कहा कि चार्जिंग प्वाइंट के लिए सिक्योरिटी मनी जमा करनी होती है. साथ ही एक निश्चित एकमुश्त बिजली बिल भी देना होता है. राज्य सरकार को सिक्योरिटी मनी जमा करने की प्रक्रिया को समाप्त करना होगा. कोई भी चार्जिंग प्वाइंट के लिए सिक्योरिटी मनी जमा नहीं करना चाहता है. दूसरे, बिजली के लिए एक निश्चित राशि देनी होती है, उसे भी हटाना होगा. ये दोनों ही चार्जिंग पॉइंट शुरू करने में बाधा बन रहे हैं.

उन्होंने कहा कि अभी जिले में इतने इलेक्ट्रिक वाहन नहीं हैं कि वे बिजली के लिए एक निश्चित राशि दे सकें. जिले में अभी सीमित वाहन हैं, सरकार को उनके लिए टैरिफ तय करने की जरूरत है. इसके बाद ही चार्जिंग पॉइंट शुरू करने की दिशा में पहल की जा सकेगी.

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