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झारखंड चैंबर ऑफ काॅमर्स ने जनसुनवाई में की इलेक्ट्रिसिटी फिक्स चार्ज माफ करने की मांग, फैसला सुरक्षित - झारखंड चैंबर ऑफ काॅमर्स न्यूज

झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग से आयोजित निर्णायक जन सुनवाई में शुक्रवार को फेडरेशन ऑफ झारखंड चैंबर ऑफ काॅमर्स एंड इडस्ट्रीज ने मुख्य रूप से हिस्सा लिया. जनसुनवाई में झारखंड चैंबर ऑफ काॅमर्स एंड इडस्ट्रीज ने फिक्सड् चार्ज माफ करने की मांग की.

jharkhand chamber of commerce demanded-to waive of fix electricity charge in ranchi
जनसुनवाई में झारखंड चैंबर ऑफ काॅमर्स ने उठाए सवाल
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Published : Sep 5, 2020, 7:06 AM IST

रांची: झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग की ओर से आयोजित निर्णायक जन सुनवाई में शुक्रवार को फेडरेशन ऑफ झारखंड चैंबर ऑफ काॅमर्स एंड इडस्ट्रीज के प्रतिनिधियों ने भाग लिया. जनसुनवाई में झारखंड चैंबर ऑफ काॅमर्स एंड इस्ट्रीज ने फिक्स चार्ज माफ करने की मांग की.

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जनसुनवाई में चैंबर की ओर से उच्च न्यायालय के वरीय अधिवक्ता सुमित गाडोदिया ने कहा कि झारखंड में तीन जेबीवीएनएल, डीवीसी और जुसको बिजली आपूर्ति करती हैं. डीवीसी और जेबीवीएनएल के टैरिफ ऑर्डर में यह प्रावधान है कि अगर कोई ऐसी घटना होती है, जो उपभोक्ता के कंट्रोल से बाहर है और वह बिजली आपूर्ति नहीं ले सके. तब उन्हें फिक्स चार्ज में छूट दी जाएगी. उन्होंने क्लाॅज का हवाला देते हुए नियामक आयोग से आग्रह किया कि प्रदेश में स्थित सभी व्यापारियों, औद्योगिक प्रतिष्ठानों, इकाइयों का संपूर्ण लाॅकडाउन अवधि का फिक्स इलेक्ट्रिसिटी चार्ज माफ किया जाए. नियामक आयोग ने सुझावों को सुनने के बाद पूरे मामले पर अपना फैसला सुरक्षित रखा है. बता दें कि इससे पहले भी 19 अगस्त और 28 अगस्त को चैंबर ने आयोग के सामने इस मांग को तर्कपूर्ण ढंग से उठाया गया था.

रांची: झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग की ओर से आयोजित निर्णायक जन सुनवाई में शुक्रवार को फेडरेशन ऑफ झारखंड चैंबर ऑफ काॅमर्स एंड इडस्ट्रीज के प्रतिनिधियों ने भाग लिया. जनसुनवाई में झारखंड चैंबर ऑफ काॅमर्स एंड इस्ट्रीज ने फिक्स चार्ज माफ करने की मांग की.

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जनसुनवाई में चैंबर की ओर से उच्च न्यायालय के वरीय अधिवक्ता सुमित गाडोदिया ने कहा कि झारखंड में तीन जेबीवीएनएल, डीवीसी और जुसको बिजली आपूर्ति करती हैं. डीवीसी और जेबीवीएनएल के टैरिफ ऑर्डर में यह प्रावधान है कि अगर कोई ऐसी घटना होती है, जो उपभोक्ता के कंट्रोल से बाहर है और वह बिजली आपूर्ति नहीं ले सके. तब उन्हें फिक्स चार्ज में छूट दी जाएगी. उन्होंने क्लाॅज का हवाला देते हुए नियामक आयोग से आग्रह किया कि प्रदेश में स्थित सभी व्यापारियों, औद्योगिक प्रतिष्ठानों, इकाइयों का संपूर्ण लाॅकडाउन अवधि का फिक्स इलेक्ट्रिसिटी चार्ज माफ किया जाए. नियामक आयोग ने सुझावों को सुनने के बाद पूरे मामले पर अपना फैसला सुरक्षित रखा है. बता दें कि इससे पहले भी 19 अगस्त और 28 अगस्त को चैंबर ने आयोग के सामने इस मांग को तर्कपूर्ण ढंग से उठाया गया था.

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